भारत के समस्त उच्च न्यायालय: उच्च न्यायालय एक राज्य में सर्वोच्च न्यायिक निकाय हैं। भारत के समस्त उच्च न्यायालयों की सूची यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं बैंक परीक्षाओं जैसी विभिन्न परीक्षाओं में उम्मीदवारों की सहायता करेगी। समस्त उच्च न्यायालयों की सूची सूचना के प्रति उत्साही लोगों के प्यास को भी बुझा देगी।
भारत में, भारतीय संविधान यह प्रावधान करता है कि राज्यों में उच्च न्यायालय राज्य की सर्वोच्च न्यायालय हैं एवं राज्य के अन्य सभी न्यायालय इसके तहत कार्य करते हैं।
भारत में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (यूनियन टेरिटरीज/यूटी) में कुल 25 उच्च न्यायालय हैं।
भारतीय उच्च न्यायालय अधिनियम 1861 ने सर्वोच्च न्यायालय के स्थान पर कलकत्ता, मद्रास एवं बॉम्बे के तीन प्रेसीडेंसी शहरों में उच्च न्यायालयों के गठन का प्रस्ताव दिया।
भारत में सबसे पुराना उच्च न्यायालय कलकत्ता उच्च न्यायालय है जिसे मई 1862 में ब्रिटिश भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था। बंबई एवं मद्रास उच्च न्यायालय भी उसी वर्ष (जून 1862) में स्थापित किए गए थे।
नवीनतम उच्च न्यायालय तेलंगाना न्यायालय एवं आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय हैं, दोनों की स्थापना वर्ष 2019 में हुई थी।
प्रत्येक उच्च न्यायालय में एक मुख्य न्यायाधीश तथा कई अन्य न्यायाधीश होते हैं जिनकी संख्या भारत के राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती है।
नीचे दी गई भारत में कुल उच्च न्यायालयों की सूची राज्यों में उच्च न्यायालयों के बारे में विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी जैसे गठन का वर्ष, उच्च न्यायालयों का नाम, उच्च न्यायालय का क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र एवं उच्च न्यायालय का प्रमुख स्थान एवं संबद्ध खंडपीठ/ खंडपीठों के संदर्भ में विवरण प्रदान करती है।
भारत के समस्त उच्च न्यायालयों की सूची एवं उनका क्षेत्राधिकार
| |||
गठन का वर्ष | उच्च न्यायालय का नाम | उच्च न्यायालय का प्रादेशिक क्षेत्राधिकार | उच्च न्यायालय का स्थान एवं खंडपीठ |
1862 | बॉम्बे उच्च न्यायालय | महाराष्ट्र दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन दीव गोवा | सीट: मुंबई खंडपीठ: पणजी, औरंगाबाद, एवं नागपुर |
1862 | कोलकाता उच्च न्यायालय | पश्चिम बंगाल अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह | सीट: कोलकाता खंडपीठ: पोर्ट ब्लेयर |
1862 | मद्रास उच्च न्यायालय | तमिलनाडु पांडिचेरी | सीट: चेन्नई खंडपीठ: मदुरै |
1866 | इलाहाबाद उच्च न्यायालय | उत्तर प्रदेश | सीट: इलाहाबाद खंडपीठ: लखनऊ |
1884 | कर्नाटक उच्च न्यायालय | कर्नाटक | सीट: बेंगलुरु खंडपीठ: धारवाड़ एवं गुलबर्गा |
1916 | पटना उच्च न्यायालय | बिहार | पटना |
1948 | गुवाहाटी उच्च न्यायालय | असम नागालैंड मिजोरम अरुणाचल प्रदेश | सीट: गुवाहाटी खंडपीठ: कोहिमा, आइजोल एवं ईटानगर |
1949 | ओडिशा उच्च न्यायालय | ओडिशा | कटक |
1949 | राजस्थान उच्च न्यायालय | राजस्थान | सीट: जोधपुर खंडपीठ: जयपुर |
1956 | मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय | मध्य प्रदेश | सीट: जबलपुर खंडपीठ: ग्वालियर एवं इंदौर |
1958 | केरल उच्च न्यायालय | केरल तथा लक्षद्वीप | एर्नाकुलम |
1960 | गुजरात उच्च न्यायालय | गुजरात | अहमदाबाद |
1966 | दिल्ली उच्च न्यायालय | दिल्ली | दिल्ली |
1971 | हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय | हिमाचल प्रदेश | शिमला |
1975 | पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय | पंजाब, हरियाणा एवं चंडीगढ़ | चंडीगढ़ |
1975 | सिक्किम उच्च न्यायालय | सिक्किम | गंगटोक |
2000 | छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय | छत्तीसगढ़ | बिलासपुर |
2000 | उत्तराखंड उच्च न्यायालय | उत्तराखंड | नैनीताल |
2000 | झारखंड उच्च न्यायालय | झारखंड | रांची |
2013 | त्रिपुरा उच्च न्यायालय | त्रिपुरा | अगरतला |
2013 | मणिपुर उच्च न्यायालय | मणिपुर | इंफाल |
2013 | मेघालय उच्च न्यायालय | मेघालय | शिलांग |
2019 | तेलंगाना उच्च न्यायालय | तेलंगाना | हैदराबाद |
2019 | आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय | आंध्र प्रदेश | अमरावती |
2019 | जम्मू और कश्मीर एवं लद्दाख उच्च न्यायालय
(नोट: 1928 में, जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी। जम्मू एवं कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजन के पश्चात; अब एक साझा उच्च न्यायालय है।) | जम्मू तथा कश्मीर लद्दाख | – |
यद्यपि भारत में उच्च न्यायालय 1862 से कार्य कर रहे हैं, किंतु भारत की स्वतंत्रता के पश्चात, भारतीय संविधान ने एक विस्तृत रूपरेखा एवं दिशा निर्देश प्रदान किए हैं, जिसके आधार पर उच्च न्यायालयों के विभिन्न पहलुओं का प्रबंधन/प्रशासन किया जाता है। कुछ महत्वपूर्ण संवैधानिक अनुच्छेदों का उल्लेख नीचे किया गया है-
अनुच्छेद 214: अनुच्छेद 214 के अनुसार, भारत के प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय होगा।
अनुच्छेद 231: इसमें यह भी उल्लेख है कि दो या दो से अधिक राज्यों अथवा दो या दो से अधिक राज्यों एवं एक केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक साझा उच्च न्यायालय हो सकता है।
अनुच्छेद 221: उच्च न्यायालय का एक न्यायाधीश, अनुच्छेद 221 के तहत, पेंशन एवं अनुपस्थिति के लाभों का हकदार है, जिस पर संसद कभी-कभी निर्णय ले सकती है। एक न्यायाधीश की नियुक्ति के पश्चात, तथापि, इसमें उसके अहित में परिवर्तन नहीं किया जा सकता है।
भारत में सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (यूनियन टेरिटरीज/यूटी) में कुल 25 उच्च न्यायालय हैं।
भारत की स्वतंत्रता के पश्चात, संविधान यह प्रावधान करता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 214 के अनुसार प्रत्येक भारतीय राज्य का अपना उच्च न्यायालय होना चाहिए।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 231 के अनुसार दो या दो से अधिक उच्च न्यायालयों में एक साझा उच्च न्यायालय भी हो सकता है।
उपरोक्त दिशानिर्देशों एवं सिद्धांतों का पालन करते हुए, समय के साथ भारत ने सभी राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल 25 उच्च न्यायालयों की स्थापना की है।
भारत की स्वतंत्रता प्राप्त करने के पश्चात, संपूर्ण विधिक प्रणाली परिवर्तित हो गई तथा अंग्रेजों द्वारा जारी किए गए नियम भारतीय दंड संहिता में उल्लेखित नियमों से भिन्न थे।
आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय की स्थापना 2019 में आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2014 के तहत राष्ट्रपति के आदेश से की गई थी।
1928 में, जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी। जम्मू-कश्मीर के दो केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में द्वि-विभाजन के पश्चात, अब एक साझा उच्च न्यायालय है। इसलिए जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय नवीनतम नहीं है क्योंकि यह 1928 से ही अस्तित्व में था।
निम्नलिखित उच्च न्यायालयों के नाम हैं जिनके पास एक से अधिक राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों पर क्षेत्राधिकार है-
उत्तर. भारत में वर्तमान में 25 उच्च न्यायालय हैं। भारत के सर्वोच्च न्यायालय के साथ ये 25 उच्च न्यायालय भारत की न्यायिक प्रणाली का गठन करते हैं।
उत्तर. चंडीगढ़ में पंजाब और हरियाणा राज्यों का एक साझा उच्च न्यायालय है।
पूर्वोत्तर राज्य (असम, मिजोरम, नागालैंड, अरुणाचल प्रदेश) गुवाहाटी में एक ही उच्च न्यायालय साझा करते हैं।
उत्तर. आंध्र प्रदेश अपनी राजधानी अमरावती के भीतर एक विश्व स्तरीय, भारत का प्रथम न्याय शहर (जस्टिस सिटी) निर्मित कर रहा है।
उत्तर. कलकत्ता उच्च न्यायालय देश का सबसे पुराना उच्च न्यायालय है तथा इसे 1862 में स्थापित किया गया था।
उत्तर. इलाहाबाद उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की सर्वाधिक संख्या है जहां कुल 160 न्यायाधीशों के पद हैं।
India's Peninsular Plateaus stands as one of its prominent geographical features, representing ancient landmasses on…
Among the four oldest civilizations in the world, the Indus Valley Civilization (IVC) is regarded…
Jammu and Kashmir Public Service Commission has conducted the JKPSC Mains Exam 2024 successfully. Those…
The Council of Scientific and Industrial Research (CSIR) conducts the nationwide CSIR Exam. The highly…
In a recent notice, the Rajasthan High Court released the new exam date for the…
The Bihar Public Service Commission (BPSC) has published the application form on its official website…