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लैंगिक बजटिंग अधिनियम

लैंगिक बजटिंग यूपीएससी: प्रासंगिकता

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भारत में लैंगिक बजट: प्रसंग

  • हाल ही में, विकास, अनुश्रवण एवं मूल्यांकन कार्यालय (डेवलपमेंट मॉनिटरिंग एंड इवेलुएशन ऑफिस/DMEO), नीति आयोग के तहत एक संलग्न कार्यालय ने महिलाओं के लिए एक राष्ट्रीय नीति निर्मित करने एवं जेंडर बजटिंग अधिनियम तैयार करके लिंग-आधारित बजट को मुख्य धारा में लाने का आह्वान किया है।

 

लैंगिक बजट अधिनियम: प्रमुख बिंदु

  • DMEO ने स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण एवं सामाजिक समावेश जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान देने के साथ भारत को लैंगिक समानता प्राप्त करने में सहायता करने हेतु समस्त प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यक्रमों में महिलाओं की भागीदारी को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया है।
  • महिलाओं को उनकी भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए विशिष्ट प्रोत्साहन प्रदान किए जा सकते हैं तथा महिलाओं की भागीदारी का एक निश्चित प्रतिशत लिंग को मुख्यधारा में लाने हेतु अधिदेशित किया जा सकता है।
  • डीएमईओ ने सभी मंत्रालयों एवं राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में  लैंगिक बजट अधिनियम (जेंडर बजटिंग एक्ट) को लिंग-आधारित बजट की मुख्यधारा में लाने पर बल दिया है।
  • इसके अतिरिक्त, इसने 2016 की प्रारूप नीति में आवश्यक संशोधन करने के पश्चात सरकारों को महिलाओं के लिए राष्ट्रीय नीति को अंतिम रूप देने की भी सिफारिश की।

 

लैंगिक बजट अधिनियम: क्यों आवश्यक है?

  • विश्व आर्थिक मंच (वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम) द्वारा हाल ही में प्रकाशित वैश्विक लैंगिक अंतराल रिपोर्ट (ग्लोबल जेंडर गैप रिपोर्ट) 2021 के अनुसार, 2020 में 112 की तुलना में 0.625 (1 में से) के स्कोर के साथ भारत का स्थान 156 देशों में से 28 स्थान गिरकर 140 हो गया है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, लक्षित कार्यक्रमों ने जहां क्षेत्रीय असमानताओं को कम करने में सहायता की है, वहीं असमानताओं का उन्मूलन अभी भी एक दूर का सपना है।

लैंगिक बजट क्या है?

  • लैंगिक बजट बजट प्रक्रिया में लिंग को मुख्यधारा में लाने का एक अनुप्रयोग है।
  • यह एक परिणामोन्मुखी व्यय आवंटन है।
  • इसका अर्थ बजट का लिंग-आधारित मूल्यांकन, बजट प्रक्रिया के सभी स्तरों पर एक लिंग परिप्रेक्ष्य को सम्मिलित करना तथा लैंगिक समानता को प्रोत्साहित करने हेतु राजस्व एवं व्यय का पुनर्गठन करना होता है।
  • यह मात्र बजट के बारे में नहीं है तथा यह केवल एक बार की गतिविधि नहीं है। यह एक सतत प्रक्रिया है जिसे नीति प्रक्रिया के सभी स्तरों एवं चरणों पर लागू किया जाना चाहिए।
  • यद्यपि, यह मानता है कि बजट एक शक्तिशाली उपकरण है जो महिलाओं एवं बालिकाओं की संवेदनशीलता को कम कर सकता है तथा उनकी स्थिति को बदल सकता है।

 

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