यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 वेतन: एक आईएएस अधिकारी, समाज में अपने पद एवं प्रतिष्ठा के अतिरिक्त, यदि एक विलासमय जीवन नहीं तो एक सुविधा पूर्ण जीवन व्यतीत करने हेतु एक शानदार वेतन प्राप्त करते हैं। इस लेख में, हम एक आईएएस अधिकारी के वेतन एवं एक आईएएस अधिकारी को प्रदान किए जाने वाले विभिन्न भत्तों पर चर्चा करेंगे। इसके अतिरिक्त, हम एक आईएएस अधिकारी की जॉब प्रोफाइल एवं आईएएस अधिकारी को प्राप्त शक्तियों तथा एक आईएएस की जिम्मेदारियों के बारे में भी विस्तृत रूप से चर्चा करेंगे।
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एक आईएएस अधिकारी के नवीन वेतन संरचना को ‘सिविल सेवाओं के लिए वेतन ग्रेड’ की प्रणाली से हटा दिया गया है एवं सातवें केंद्रीय वेतन आयोग में ‘समेकित वेतन स्तर’ प्रारंभ किया गया है।
अब आईएएस के लिए वेतनमान मात्र टीए, डीए एवं एचआरए के साथ ‘मूल वेतन’ के आधार पर निर्धारित किया जाता है।
आईएएस अधिकारी की भूमिकाओं एवं उत्तरदायित्वों के बारे में अधिक जानने हेतु यहां क्लिक करें।
यूपीएससी आईएएस वेतन संरचना | |||||
वेतन स्तर | मूल वेतन (भारतीय रुपयों में) | सेवाकाल में आवश्यक वर्षों की संख्या | पद | ||
जिला प्रशासन | राज्य सचिवालय | केंद्रीय सचिवालय | |||
10 | 56100 | 1-4 | अनुमंडल अधिकारी | अवर सचिव | सहायक सचिव |
11 | 67,700 | 5-8 | अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट | उप सचिव | अवर सचिव |
12 | 78,800 | 9 -12 | जिला मजिस्ट्रेट | संयुक्त सचिव | उप सचिव |
13 | 1,18,500 | 13-16 | जिला मजिस्ट्रेट | विशेष सचिव-सह-निदेशक | निदेशक |
14 | 1,44,200 | 16-24 | प्रमंडलीय (संभागीय) आयुक्त | सचिव-सह-आयुक्त | संयुक्त सचिव |
15 | 1,82,200 | 25-30 | संभागीय आयुक्त | प्रधान सचिव | अपर सचिव |
16 | 2,05,400 | 30-33 | कोई समकक्ष रैंक नहीं | अतिरिक्त मुख्य सचिव | कोई समकक्ष रैंक नहीं |
17 | 2,25,000 | 34-36 | कोई समकक्ष रैंक नहीं | मुख्य सचिव | सचिव |
18 | 2,50,000 | 37+ वर्ष | कोई समकक्ष रैंक नहीं | नहीं समकक्ष रैंक नहीं | भारत के कैबिनेट सचिव |
नीचे दी गई तालिका में प्रवेश स्तर एवं कैबिनेट सचिव स्तर दोनों पर एक आईएएस अधिकारी का इन-हैंड वेतन के बारे में जानकारी प्रदान की गई है।
स्तर | मूल वेतन | आईएएस को प्राप्त कुल वेतन |
प्रवेश स्तर | 56100 | 56100 – 132000 |
कैबिनेट सचिव स्तर (अधिकतम वेतन) | 250000 | 250000 |
हमने ऊपर विभिन्न कोटियों के बारे में चर्चा की है जिनमें आईएएस की संरचना विभाजित है। इस प्रकार वेतन उस कोटि द्वारा निर्धारित की जाती है जिसके अंतर्गत एक अधिकारी कार्य कर रहा है। कुछ भत्तों एवं अनुलाभों के बारे में नीचे संक्षेप में चर्चा की गई है:
महंगाई भत्ता (देअर्नेस एलाउंस/डीए) – यह एक आईएएस अधिकारी के वेतन का एक अत्यंत महत्वपूर्ण हिस्सा है क्योंकि इसे सरकार द्वारा नियमित अंतराल पर मुद्रास्फीति के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए बढ़ाया जाता है। इसे मूल वेतन के 103% तक बढ़ा दिया गया है।
मकान किराया भत्ता (हाउस रेंट अलाउंस/एचआरए) – यह एक शहर से दूसरे शहर के लिए भिन्न होता है। एचआरए उस शहर के आधार पर प्रदान किया जाता है जहां आईएएस अधिकारी तैनात हैं। उदाहरण के लिए, एक महानगरीय शहर में दिया गया एचआरए किसी भी टियर -2 शहर को दिए गए एचआरए से अधिक होगा। यह आम तौर पर मूल वेतन के 8% से 24% के मध्य होता है।
चिकित्सा भत्ता – एक आईएएस को प्राप्त वेतन में चिकित्सा भत्ता भी सम्मिलित होता है जो एक आईएएस को अधिकारी(स्वयं) एवं आश्रितों के किसी भी चिकित्सा उपचार के मामले में प्रतिपूर्ति के रूप में प्राप्त होता है।
अन्य लाभों तथा भत्तों में परिवहन भत्ता, गृह सहायता लाभ, मोबाइल बिल, यात्रा व्यय, पेंशन एवं सेवानिवृत्ति लाभ, अन्य लाभों के साथ शामिल हैं।
आईएएस अधिकारियों में समाज में एक सकारात्मक परिवर्तन लाने की क्षमता होती है, एक ऐसा परिवर्तन जिसकी समाज को विकास के लिए आवश्यकता होती है। एक आईएएस अधिकारी की महत्वपूर्ण स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह कहना उपयुक्त होगा कि एक आईएएस अधिकारी की भूमिका चुनौतीपूर्ण होने के साथ-साथ संतोषजनक भी होगी, यदि रोमांचक नहीं है।
कठोर चयन प्रक्रिया को सफलतापूर्वकपूर्ण करने के पश्चात, एक आईएएस अधिकारी प्रशिक्षण के लिए लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (लबासना) में प्रवेश करता है।
लबासना (एलबीएसएनएए) में समय सारणी
जागना – प्रातः 5:30 बजे
प्रातः का व्यायाम / घुड़सवारी प्रशिक्षण – प्रातः 6 बजे – प्रातः 7 बजे
शैक्षणिक क्रियाकलाप (व्याख्यान, खेल, पाठ्येतर,इत्यादि) – प्रातः 9:30 बजे से: आम तौर पर इसमें 8-10 घंटे की गतिविधियां सम्मिलित होती हैं।
इन क्रियाकलापों के बाद, अधिकारी समाजीकरण के लिए एवं अगले दिन की तैयारी हेतु स्वतंत्र होते हैं।
आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण में भारत दर्शन (भारत का एक अध्ययन दौरा) भी सम्मिलित होता है।
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एक आईएएस अधिकारी के प्रमुख कार्यों में शामिल हैं:
नीति निर्धारण, क्रियान्वयन एवं प्रतिपुष्टि (फीडबैक) सहित सरकारी मामलों का प्रबंधन करना।
विभिन्न विभागों एवं निर्वाचित प्रतिनिधियों से परामर्श करना तथा विकास की दिशा में सामूहिक कदम उठाना।
विभिन्न योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन हेतु आवंटित सार्वजनिक धन का प्रबंधन करना।
विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं नीतियों के क्रियान्वयन की निगरानी करना प्राकृतिक आपदाओं, बड़ी दुर्घटनाओं एवं दंगों जैसी आपात स्थितियों के प्रत्युत्तर में राहत कार्यों के द्वारा प्रतिक्रिया देना एवं समन्वय करना। उदाहरण के लिए, कोविड-19 के दौरान, एक आईएएस अधिकारी के कार्यों में कई गुना वृद्धि हुई है।
उपरोक्त के अतिरिक्त, एक आईएएस अधिकारी की तीन प्रकार की भूमिकाएँ एवं उत्तरदायित्व होते हैं।
क्षेत्र का मूल्यांकन/फील्ड असेसमेंट: ये एक आईएएस अधिकारी के लिए सर्वाधिक कठिन एवं सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण कार्य माना जाता है। प्रशिक्षण के बाद, एक आईएएस अधिकारी की पहली नौकरी आमतौर पर एक फील्ड जॉब होती है।
उपखंड स्तर पर कार्य: एक अनु-मंडल अधिकारी के रूप में, एक आईएएस अधिकारी के उत्तरदायित्वों में मुख्य रूप से विधि एवं व्यवस्था का रखरखाव, विकास एवं प्रशासनिक प्रबंधन सम्मिलित होते हैं।
जिला स्तर पर कार्य: एक जिला अधिकारी, कलेक्टर या उपायुक्त के रूप में, एक आईएएस एक डीएम के रूप में कार्य करता है जिसमें सभी एसडीएम के कार्यों का ऊपरी तौर पर निरीक्षण सम्मिलित है।
राज्य सचिवालय/सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम: फील्ड पोस्टिंग के बाद, आईएएस अधिकारी आमतौर पर राज्य सचिवालय में परिनियोजित होते हैं। उनका प्रत्यक्ष अनुभव उन्हें निर्वाचित प्रतिनिधियों को नीतियां बनाने एवं सरकारी प्रक्रियाओं पर निर्णय लेने संबंधित परामर्श देने में सहायक सिद्ध होता है। साथ ही, अनेक अधिकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम वाले कैडरों में प्रतिनियुक्ति पर परिनियोजित होते हैं एवं सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न उद्यमों जैसे ऊर्जा डिस्कॉम, औद्योगिक इकाइयों, इत्यादि के उच्च प्रबंधन का हिस्सा बन जाते हैं।
केंद्रीय सचिवालय: राज्य सचिवालय के बाद, एक आईएएस अधिकारी आम तौर पर केंद्र सरकार के स्तर पर विभिन्न मंत्रालयों के लिए सचिव स्तर के पदों में प्रवेश करता है। इस स्तर के अधिकारी आमतौर पर नीति समीक्षा, निर्माण एवं क्रियान्वयन से संबंधित होते हैं।
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