Categories: UPSC Current Affairs

भारत ने जलवायु परिवर्तन के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया

जलवायु परिवर्तन के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के विरुद्ध भारत: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: भारत के हितों, भारतीय प्रवासियों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।

 

जलवायु परिवर्तन के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के विरुद्ध भारत: प्रसंग

  • हाल ही में, भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जलवायु परिवर्तन से संबंधित चर्चाओं के लिए एक औपचारिक स्थान निर्मित करने की मांग वाले एक प्रारूप प्रस्ताव के विरुद्ध मतदान किया है।

जलवायु परिवर्तन के संयुक्त राष्ट्र प्रस्ताव के विरुद्ध भारत:  मुख्य बिंदु

  • भारत एवं रूस ही दो ऐसे देश थे जिन्होंने प्रस्ताव के प्रारूप का विरोध किया, चीन ने मतदान से स्वयं को अलग रखा।
  • रूस के वीटो के कारण, प्रारूप प्रस्ताव पारित नहीं हो सका
  • प्रारूप प्रस्ताव को आयरलैंड एवं नाइजीरिया द्वारा प्रायोजित किया गया था।
  • इसने सुरक्षा परिषद को संपूर्ण विश्व में शांति एवं संघर्षों पर इसके प्रभाव के परिप्रेक्ष्य से जलवायु परिवर्तन पर नियमित चर्चा करने में सक्षम बनाने की मांग की।

 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जलवायु परिवर्तन प्रारूप प्रस्ताव:प्रायोजकों का क्या कहना है?

  • प्रायोजकों का तर्क है कि जलवायु परिवर्तन के कम चर्चित पहलुओं में से एक अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा पर इसका प्रभाव है, जो जलवायु-प्रेरित भोजन एवं जल के अभाव, भूमि या आजीविका की हानि अथवा प्रवास का प्रत्यक्ष प्रभाव है।
  • प्रायोजकों एवं समर्थकों का यह भी मानना ​​था कि इसका शांति एवं सुरक्षा बनाए रखने हेतु परिनियोजित संयुक्त राष्ट्र के फील्ड मिशनों के लिए निहितार्थ था एवं इसलिए, यह सुरक्षा परिषद में उठाए जाने के लिए उपयुक्त विषय था।

 

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जलवायु परिवर्तन प्रारूप प्रस्ताव: भारत, चीन एवं रूस ने विरोध क्यों किया?

  • इन तीनों देशों का मानना ​​था कि जलवायु परिवर्तन से संबंधित सभी मामलों पर चर्चा करने के लिए यूएनएफसीसीसी एक उपयुक्त संयुक्त राष्ट्र मंच है
  • जलवायु परिवर्तन पर सुरक्षा परिषद का हस्तक्षेप यूएनएफसीसीसी प्रक्रिया को कमजोर करेगा एवं जलवायु परिवर्तन से संबंधित निर्णय लेने पर मुट्ठी भर विकसित देशों को असंगत प्रभाव प्रदान करेगा

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में जलवायु परिवर्तन प्रारूप प्रस्ताव: भारत ने क्या कहा?

  • यूएनएफसीसीसी प्रक्रिया विकासशील देशों की त्वरित आवश्यकताओं एवं विकसित देशों की प्रतिबद्धताओं दोनों को संबोधित करती है।
  • यूएनएफसीसीसी शमन, अनुकूलन, वित्तपोषण, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण, क्षमता निर्माण इत्यादि के मध्य संतुलन स्थापित करना चाहता है।
  • भारत का मानना ​​था कि सुरक्षा परिषद के दायरे में जलवायु परिवर्तन लाने के उद्देश्य के अतिरिक्त प्रस्ताव की कोई वास्तविक आवश्यकता नहीं है एवं इसका कारण यह है कि अधिकांश विकासशील देशों की भागीदारी के बिना एवं आम सहमति को मान्यता प्रदान किए बिना निर्णय लिए जा सकते हैं।
  • भारत ने यह भी कहा कि विडंबना यह है कि ऐतिहासिक उत्सर्जन के कारण अनेक यूएनएससी सदस्य जलवायु परिवर्तन के प्रमुख योगदानकर्ता हैं। यदि सुरक्षा परिषद वास्तव में इस मुद्दे पर जिम्मेदारी लेती है, तो कुछ राज्यों को जलवायु संबंधी सभी मुद्दों पर निर्णय लेने हेतु पूर्ण रूप से छूट होगी।
  • भारत ने इस बात का भी पक्ष लिया कि जलवायु परिवर्तन ने साहेल क्षेत्र एवं संपूर्ण अफ्रीका में संघर्षों को और गहन कर दिया है तथा संघर्षों को जलवायु परिवर्तन के चश्मे से देखना भ्रामक एवं एक अति सरलीकरण है जो संघर्षों का समाधान करने के स्थान पर और भी बदतर बना सकता है
संपादकीय विश्लेषण: जलवायु परिवर्तन पर घरेलू वास्तविकता प्रमुख संवैधानिक संशोधन अधिनियमों की सूची- भाग 3 बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना : 80% राशि विज्ञापन पर खर्च अल्प उपयोग किया गया पोषण परिव्यय
जैव विविधता पर अभिसमय काशी विश्वनाथ गलियारा उदय योजना का प्रदर्शन संपादकीय विश्लेषण: महामारी-पश्चात विश्व में आरंभिक प्रयास
भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2021 लीगल एंटिटी आइडेंटिफायर/विधिक इकाई अभिज्ञापक 44वां संविधान संशोधन अधिनियम 1978 राजकोषीय उत्तरदायित्व एवं बजट प्रबंधन (एफआरबीएम) अधिनियम, 2003
manish

Recent Posts

What is IPS Full Form?, Role, Responsibility and Age Limit,

IPS stands for the Indian Police Service, a prestigious group that collaborates with the IAS…

1 min ago

Appiko Movement History Background, Objective and Causes

The Appiko Movement is an Indian environmental movement centered around forests, and it mostly affects…

19 mins ago

Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY), Significance, Eligibility

For the UPSC IAS exam, the Rashtriya Krishi Vikas Yojana (RKVY Scheme) is very important…

1 hour ago

Important Hill Ranges of India: Top 7 Ranges and Geographic Features

India boasts stunning geographical features, including towering mountain ranges, expansive hill ranges, meandering rivers, and…

2 hours ago

TSPSC Syllabus 2024, Check Group Wise Syllabus

Telangana State Public Service Commission (TSPSC) will conduct the written examination for groups 2, 3,…

11 hours ago

Indo-Gangetic-Brahmaputra Plains: Vibrant River and Features

The Indo-Gangetic-Brahmaputra Plains, nestled between the Himalayas and Deccan Plateau, make up the world's biggest…

18 hours ago