यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021: सामान्य अध्ययन पेपर –4
संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) प्रत्येक वर्ष तीन चरणों- प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करता है। यूपीएससी मुख्य परीक्षा में जीएस पेपर 4 में 250 अंक (1750 में से) होते हैं। यूपीएससी मुख्य परीक्षा के जीएस पेपर 4 के पाठ्यक्रम में नैतिक विशेषताओं एवं मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता, गैर-पक्षपातपूर्णता, सच्चरित्रता (ईमानदारी), भावनात्मक बुद्धिमत्ता, व्यावसायिक एवं व्यक्तिगत नैतिकता इत्यादि जैसे विषय शामिल हैं।
पाठ्यक्रम के स्थैतिक भाग की अच्छी समझ रखने वाले उम्मीदवार जीएस पेपर 4 के साथ सहज होंगे एवं यूपीएससी 2021 (मुख्य परीक्षा) जीएस पेपर 4 परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021- जीएस पेपर 4 प्रश्न पत्र डाउनलोड करें
यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 का जीएस पेपर -3 09 जनवरी 2022 को दूसरी पाली (02-05 बजे) में आयोजित किया गया था। नीचे, हम संपूर्ण जीएस पेपर 4 प्रश्न पत्र लिखित रूप (टेक्स्ट फॉर्म) एवं प्रतिकृति रूप (इमेज फॉर्म) में भी उपलब्ध करा रहे हैं।
जीएस पेपर 4 प्रश्न
Q1. (a) उन पांच नैतिक लक्षणों की पहचान कीजिए, जिनके आधार पर लोक सेवक के कार्य निष्पादन का आकलन किया जा सकता है। मैट्रिक्स में उनके समावेश का औचित्य सिद्ध कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(b) उन दस आधारभूत मूल्यों की पहचान कीजिए, जो एक प्रभावी लोक सेवक होने के लिए आवश्यक हैं। लोक सेवकों में गैर-नैतिक व्यवहार के निवारण के तरीकों और साधनों का वर्णन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Q2. (a) तर्कसंगत निर्णय लेने के लिए निवेश (इनपुट) के विश्वसनीय स्रोत के रूप में डिजिटल प्रौद्योगिकी का प्रभाव बहस का मुद्दा है। उपयुक्त उदाहरण के साथ आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(b) नैतिक दुविधाओं का समाधान करते समय एक लोक अधिकारी को कार्यक्षेत्र के ज्ञान के अलावा नव- परिवर्तनशीलता और उच्च क्रम की रचनात्मकता की भी आवश्यकता होती है। उपयुक्त उदाहरण सहित विवेचन कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Q3. निम्नलिखित में से प्रत्येक उद्धरण का आपके विचार से क्या अभिप्राय है?
(a) ” प्रत्येक कार्य की सफलता से पहले उसे सैकड़ों कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। जो दृढ़निश्चयी हैं वे ही देर-सबेर प्रकाश को देख पाएंगे।” -स्वामी विवेकानंद (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(b) “हम बाहरी दुनिया में तब तक शांति प्राप्त नहीं कर सकते जब तक हम अपने भीतर शांति प्राप्त नहीं कर लेते।” – दलाई लामा (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(c) “परस्पर निर्भरता के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है। हम एक दूसरे की जरूरत है और जितनी हम जल्दी से सीख लें यह हम सब के लिए उतना ही अच्छा है।” -एरिक एरिक्सन (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Q4. (a) अभिवृत्ति एक महत्वपूर्ण घटक है, जो मानव के विकास में निवेश (इनपुट) का काम करता है। ऐसी उपयुक्त अभिवृत्ति का विकास कैसे करें, जो एक लोक सेवक के लिए आवश्यक है? (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(b) उस नैतिकता अथवा नैतिक आदर्श, जिसको आप अंगीकार करते हैं, से समझौता किए बिना क्या भावनात्मक बुद्धि अंतरात्मा के संकट की स्थिति से उबारने में सहायता करती है? आलोचनात्मक परीक्षण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Q5. (a) “शरणार्थियों को उस देश में वापस नहीं लौटाया जाना चाहिए जहां उन्हें उत्पीड़न अथवा मानवाधिकारों के उल्लंघन का सामना करना पड़ेगा।” खुले समाज और लोकतांत्रिक होने का दावा करने वाले किसी राष्ट्र के द्वारा नैतिक आयाम के उल्लंघन के संदर्भ में इस कथन का परीक्षण कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(b) एक सफल लोक सेवक बनने के लिए निष्पक्ष और गैर-पक्षपाती होना अनिवार्य गुण माना जाना चाहिए? दृष्टांत सहित चर्चा कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Q6. (a) न्यायपालिका सहित सार्वजनिक सेवा के हर क्षेत्र में निष्पादन, जवाबदेही और नैतिक आचरण सुनिश्चित करने के लिए एक स्वतंत्र और सशक्त सामाजिक अंकेक्षण तंत्र परम आवश्यक है। सविस्तार समझाइए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
(b) ” सत्यनिष्ठा ऐसा मूल्य है, जो मनुष्य को सशक्त बनाता है।” उपयुक्त दृष्टांत सहित औचित्य सिद्ध कीजिए। (उत्तर 150 शब्दों में दीजिए)
Q7. सुनील एक युवा लोक सेवक हैं तथा सक्षमता, ईमानदारी, समर्थन तथा मुश्किल एवं दुर्वह कामों के लिए अथक प्रयास हेतु उसकी प्रतिष्ठा है। उसकी प्रोफाइल को देखते हुए उसके अधिकारियों ने उसे एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण और संवेदनशील कार्यभार को संभालने के लिए चुना था। उसे अवैध बालू खनन के लिए कुख्यात आदिवासी बहुल जिले में तैनात किया गया। नदी पट्टी से, अनियंत्रित रूप से बालू उत्खनन करके ट्रकों से ढोकर उसको काला बाजार में बेचा जा रहा था। यह अवैध बालू खनन माफिया, स्थानीय कार्यकर्ताओं और आदिवासी बाहुबलियों के सहयोग से काम कर रहा था जो बदले में चुनिंदा गरीब आदिवासियों को रिश्वत देते रहते थे तथा उनको डरा और धमका कर रखते थे।
सुनील ने एक तेज और ऊर्जावान अधिकारी होने के नाते जमीनी हकीकत पहचान कर और माफिया के द्वारा कुटिल तथा संदिग्ध तंत्र के माध्यम से अपनाए गए उनके तौर-तरीकों को तुरंत पकड़ लिया। पूछताछ करने पर उसने पाया कि उसके अपने कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की उनसे मिली भगत है और उन्होंने उनके साथ घनिष्ठ अवांछनीय गठजोड़ विकसित कर लिया है। सुनील ने उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की एवं उनके बालू से भरे ट्रकों की आवाजाही के अवैध संचालन पर छापे मारना शुरू कर दिया। माफिया भड़क गया क्योंकि बहुत पहले अधिकारियों ने उनके विरुद्ध इतने बड़े कदम नहीं उठाए थे। कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने जो कथित तौर पर माफिया के करीब थे, उन को सूचित किया कि अधिकारी उस जिले में माफिया के अवैध बालू खनन संचालन को साफ करने के लिए दृढ़ संकल्पित है और उन्हें अपूरणीय क्षति हो सकती है।
माफिया शत्रुता पूर्ण हो गया और जवाबी हमला शुरू किया। आदिवासी बाहुबली और माफिया ने उसको गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी देना शुरू कर दिया। उसके परिवार( पत्नी और वृद्ध माता) का पीछा किया जा रहा था, वे उनकी वास्तविक निगरानी में थे जिससे उन सभी को मानसिक यातना, यंत्रणा और तनाव हो रहा था। उस समय मामले में गंभीर रूप धारण कर लिया जब एक बाहुबली उसके कार्यालय में आया और उसको छापे मारना इत्यादि बंद करने की धमकी दी और कहा कि उसका हाल उसके पूर्व अधिकारियों से अलग नहीं होगा( दस वर्ष पूर्व माफिया द्वारा एक अधिकारी की हत्या कर दी गई थी)।
- इस स्थिति को संभालने में सुनील के पास उपलब्ध विकल्पों की पहचान कीजिए।
- आपके द्वारा सूचीबद्ध विकल्पों का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।
- आपके विचार में उपर्युक्त में से कौन सा विकल्प सुनील के लिए सबसे उपयुक्त होगा और क्यों? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Q8. आप एक मध्यवर्गीय शहर के डिग्री कॉलेज के उप-प्रधानाचार्य हैं। प्रधानाचार्य हाल में ही सेवानिवृत्त हुए हैं और प्रबंधन उनके प्रतिस्थापन की तलाश कर रहा है। यह भी माना जाता है कि प्रबंधन आपको प्रधानाचार्य के रूप में पदोन्नत कर सकता है। इस बीच वार्षिक परीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय से आए उड़न दस्ते ने 2 छात्रों को अनुचित तरीकों का उपयोग करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया। कॉलेज का एक वरिष्ठ व्याख्याता व्यक्तिगत रूप से इन छात्रों को इस कार्य में मदद कर रहा था। यह वरिष्ठ व्याख्याता प्रबंधन का करीबी भी माना जाता था। उनमें से एक छात्र स्थानीय राजनेता का बेटा था, जो कॉलेज को वर्तमान प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय से संबंधन कराने में मददगार रहा था। दूसरा छात्र स्थानीय व्यवसायी का बेटा था, जिसने कॉलेज चलाने के लिए अधिकतम धन दान दिया था। आपने इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में तुरंत प्रबंधन को सूचित किया। प्रबंधन ने आपको किसी भी कीमत पर उड़न दस्ते के साथ इस मुद्दे को हल करने के लिए कहा। उन्होंने आगे कहा कि इस घटना से न केवल कॉलेज की छवि खराब होगी बल्कि राजनेता और व्यवसाय भी कॉलेज के कामकाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं। आपको यह भी संकेत दिया गया था कि प्रधानाचार्य के रूप में आपकी आगे की पदोन्नति उड़न दस्ते के साथ मुद्दे को हल करने की आपकी क्षमता पर निर्भर करती है। इस दौरान आपके प्रशासन अधिकारी ने सूचित किया कि छात्र संघ के कुछ सदस्य इस घटना में शामिल वरिष्ठ व्याख्याता और छात्रों के खिलाफ कॉलेज के गेट के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
- इस मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों पर चर्चा कीजिए।
- उप प्रधानाचार्य के रूप में आपके पास उपलब्ध विकल्पों का आलोचनात्मक रुप से परीक्षण कीजिए। आप कौन सा विकल्प अपनाएंगे और क्यों? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Q9. किसी राज्य-विशेष की राजधानी में यातायात की भीड़ को कम करने के लिए एक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण किया जा रहा है। आपकी पेशेवर क्षमता और अनुभव के आधार पर आपको इस प्रतिष्ठित परियोजना के परियोजना प्रबंधक के रूप में चुना गया है। अगले 2 वर्षों में परियोजना को पूरा करने की समय सीमा 30 जून, 2021 के दूसरे सप्ताह में चुनाव की घोषणा से पहले होना है। निरीक्षण दल द्वारा औचक निरीक्षण करते समय, संभवत खराब सामग्री के इस्तेमाल के कारण एलिवेटेड कॉरिडोर के एक पाए में छोटी सी दरार देखी गई थी। आपने तुरंत मुख्य अभियंता को सूचित किया और आगे काम रोक दिया। आपके द्वारा यह आकलन किया गया था कि एलिवेटेड कॉरिडोर के कम से कम तीन पायों को तोड़ना और उनका पुनर्निर्माण किया जाना है। परंतु यह प्रक्रिया योजना में कम से कम 4 से 6 महीने की देरी कर देगी किंतु मुख्य अभियंता ने निरीक्षण दल के अवलोकन को इस आधार पर निरस्त कर दिया कि एक छोटी सी दरार है जो किसी भी तरह से पुल की क्षमता को प्रभावित नहीं करेगी उसने आपको निरीक्षण दल के अवलोकन की अनदेखी कर उसी गति तथा लय के साथ काम जारी रखने का आदेश दिया। उसने आपको सूचित किया कि मंत्री कोई देरी नहीं चाहते हैं क्योंकि वह एलिवेटेड कॉरिडोर का उद्घाटन मुख्यमंत्री से चुनाव की घोषणा होने से पहले करवाना चाहते हैं यह भी सूचित किया कि ठेकेदार मंत्री का दूर का रिश्तेदार है और वे चाहते हैं कि वह इस परियोजना को पूरा करें। उसने आपको इशारा भी किया कि अतिरिक्त मुख्य अभियंता के रूप में आपकी आगे की पदोन्नति मंत्रालय के विचाराधीन है।तथापि आपने दृढ़ता से महसूस किया कि एलिवेटेड कॉरीडोर के पाए में छोटी सी दरार पुल की क्षमता और जीवन काल पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी और इसलिए एलिवेटेड कॉरिडोर की मरम्मत न करना बहुत खतरनाक होगा।
- दी गई शर्तों के तहत परियोजना प्रबंधक के रूप में आपके पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
- वे कौन सी नैतिक दुविधाएं हैं, जिनका परियोजना प्रबंधक सामना कर रहा है?
- परियोजना प्रबंधक द्वारा सामना की जाने वाली व्यावसायिक चुनौतियां क्या है और उन चुनौतियों से पार पाने के लिए उसकी प्रतिक्रिया क्या है?
- निरीक्षण दल द्वारा उठाए गए अवलोकन की अनदेखी के परिणाम क्या हो सकते हैं? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Q10. कोरोनावायरस रोग (कोविड-19) महामारी तेजी से विभिन्न देशों में फैली है। 8 मई, 2020 तक भारत में कोरोना के 56342 पॉजिटिव मामले सामने आए थे। भारत को, जिसकी जनसंख्या 1.35 मिलियन से अधिक है, जनसंख्या में कोरोनावायरस के संचरण को नियंत्रित करने में कठिनाई आई थी। इस प्रकोप से निपटने के लिए कई रणनीतियां आवश्यक हो गई थी। भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने इस प्रकोप के बारे में जागरूकता बढ़ाई और कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए सभी आवश्यक कार्यवाहियां की।भारत सरकार ने वायरस के संचरण को कम करने के लिए पूरे देश में 55 दिनों का लॉकडाउन लागू किया। स्कूल और कॉलेज में शिक्षण- सीखना- मूल्यांकन और प्रमाणीकरण के वैकल्पिक तरीके सामने आए। इन दिनों ऑनलाइन मोड लोकप्रिय हो गया।
भारत इस तरह के संकट पूर्व अचानक हुए हमले के लिए तैयार नहीं था क्योंकि मानव संसाधन, धन और ऐसी स्थिति में देखभाल करने के लिए बुनियादी ढांचे के रूप में अन्य सुविधाओं की कमी थी। इस बीमारी ने एक तरफ तो जाति, पंथ, धर्म की परवाह किए बिना किसी को नहीं बख्शा और दूसरी तरफ ‘अमीर-गरीब’ दोनों को भी नहीं छोड़ा। अस्पताल में बिस्तर, ऑक्सीजन सिलेंडर, एंबुलेंस, अस्पताल- कर्मचारी और श्मशान की कमी सबसे महत्वपूर्ण पहलू थे।
आप ऐसे समय एक सार्वजनिक अस्पताल में अस्पताल प्रशासक हैं जब कोरोनावायरस ने बड़ी संख्या में लोगों पर हमला किया और अस्पताल में मरीजों का दिन-रात आना जाना लगा रहता था।
- पूरी तरह जानते हुए कि यह अत्यधिक संक्रामक रोग है और संसाधन तथा बुनियादी ढांचे सीमित हैं, अपने नैदानिक और गैर -नैदानिक कर्मचारियों को रोगियों की देखभाल करने में लगाने के लिए आपके मानदंड और औचित्य क्या हैं?
- यदि आपका निजी अस्पताल है, तो क्या आप का औचित्य और निर्णय वैसा ही होता है जैसा कि सार्वजनिक अस्पताल में? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Q11. भारत में स्थित एक प्रतिष्ठित खाद्य उत्पाद कंपनी ने अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए एक खाद्य उत्पाद विकसित किया और आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने के बाद उसका निर्यात शुरू कर दिया। कंपनी ने इस उपलब्धि की घोषणा की और यह संकेत भी दिया कि जल्द ही यह उत्पाद घरेलू उपभोक्ताओं के लिए लगभग समान गुणवत्ता और स्वास्थ्य लाभ के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। तदनुसार, कंपनी ने अपने उत्पाद को घरेलू सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित कराया और उत्पाद को भारतीय बाजार में लांच किया कंपनी ने समय के साथ बाजार में अपनी हिस्सेदारी को बढ़ाया और घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्याप्त लाभ अर्जित किया।हालांकि, निरीक्षक द्वारा किए गए यादृच्छिक नमूनों ( रेंडम सैंपल) के जांच में यह भी पता चला कि खाद्य कंपनी न केवल ऐसे उत्पादों को बेच रही थी जो देश के स्वास्थ्य मानकों को पूरा नहीं कर रहे थे बल्कि अस्वीकृत निर्यात उत्पाद को भी घरेलू बाजार में बेच रही थी।इस प्रकरण ने खाद्य कंपनी की प्रतिष्ठा और लाभदायकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाला।
- घरेलू बाजार के लिए निर्धारित खाद्य मानकों का उल्लंघन करने और और अस्वीकृत निर्यात उत्पादों को घरेलू बाजार में बेचने के लिए खाद्य कंपनी के खिलाफ सक्षम प्राधिकारी द्वारा आप क्या कार्यवाही की कल्पना करते हैं?
- संकट को हल करने और अपनी खोई प्रतिष्ठा को वापस लाने के लिए खाद्य कंपनी के पास क्या क्रियाविधि उपलब्ध है?
- मामले में निहित नैतिक दुविधा की जांच कीजिए।(उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
Q12. पवन पिछले दस वर्षों से राज्य सरकार में अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। नियमित स्थानांतरण के अंतर्गत उसे दूसरे विभाग में तैनात किया गया। उसने अन्य पांच साथियों के साथ एक नए कार्यालय में कार्यभार ग्रहण किया। कार्यालय का प्रमुख एक वरिष्ठ अधिकारी था जो अपने कार्यालय की कार्यप्रणाली में निपुण था सामान्य पूछताछ के दौरान उनको पता चला की वरिष्ठ अधिकारी का खुद का पारिवारिक जीवन अशांत होने के साथ-साथ वह कठोर और असंवेदनशील छवि वाला है।शुरू में लगा कि सब ठीक चल रहा है। हालांकि, कुछ समय बाद ही पवन ने महसूस किया कि उसका वरिष्ठ अधिकारी आमतौर पर उसको अपमानित करता था और कभी-कभी अविवेकी था। बैठकों में पवन जो भी सुझाव देता था उन्हें सिरे से खारिज कर दिया जाता था और दूसरों की उपस्थिति में वरिष्ठ अधिकारी नाराजगी व्यक्त करता था। यह वरिष्ठ अधिकारी के कामकाज की शैली का तरीका बन गया जिसमें उसको गलत ढंग से दिखाया जाता, उसकी कमजोरियों को उजागर किया जाता और सार्वजनिक रूप से अपमानित किया जाता था। यह स्पष्ट हो गया की यद्यपि यह काम से संबंधित कोई गंभीर समस्या/ कमियां नहीं थी, लेकिन वरिष्ठ अधिकारी हमेशा किसी न किसी बहाने से उसे डांटता और उस पर चिल्लाता। पवन के लगातार उत्पीड़न और सार्वजनिक आलोचना के परिणाम स्वरुप उसके आत्मविश्वास, आत्मसम्मान और समभाव को नुकसान पहुंचा। पवन ने किया कि वरिष्ठ अधिकारी के साथ उसके संबंध और अधिक विषाक्त होते जा रहे हैं तथा निरंतर तनाव ग्रस्त, चिंतित एवं दबाव महसूस करने लगा है। उसका मन नकारात्मकता से भरा हुआ था और उसे मानसिक यातना, पीड़ा और व्यथा को झेलना पड़ रहा था। आखिरकार, उसने उसके व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन को बुरी तरह प्रभावित किया। घर पर भी अब वह उल्लसित, प्रसन्न और संतुष्ट नहीं रहता था, बल्कि बिना किसी कारण के वह अपनी पत्नी और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ अपना आपा खो देता था। पारिवारिक वातावरण सुखद और अनुकूल नहीं रह गया था। उसकी पत्नी, जो हमेशा उसका साथ देती थी, वह भी नकारात्मकता और शत्रुता पूर्ण व्यवहार का शिकार हो गई। कार्यालय में उसके अपमान और उत्पीड़न के कारण उसके जीवन से आराम और खुशी लगभग गायब हो गए। इस प्रकार इसने उसके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाया।
- इस स्थिति से निपटने के लिए पवन के पास कौन से विकल्प उपलब्ध हैं?
- कार्यालय और घर में शांति, प्रशांति और सौहार्दपूर्ण वातावरण लाने के लिए पवन को क्या दृष्टिकोण अपनाना चाहिए?
- एक बाहरी व्यक्ति के रूप में वरिष्ठ अधिकारी तथा अधीनस्थ दोनों के लिए इस स्थिति से उबरने और कार्य निष्पादन मानसिक तथा भावनात्मक स्वास्थ्य में सुधार के लिए आपके क्या सुझाव हैं?
- उपर्युक्त परिदृश्य में, आप सरकारी कार्यालयों में विभिन्न स्तरों के अधिकारियों के लिए किस प्रकार के प्रशिक्षण का सुझाव देंगे? (उत्तर 250 शब्दों में दीजिए)
यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 | यूपीएससी मुख्य परीक्षा निबंध पेपर 2021 का विश्लेषण | यूपीएससी निबंध प्रश्न पत्र
सामान्य अध्ययन पेपर 3 यूपीएससी 2021 (मुख्य परीक्षा)| यूपीएससी 2021 (मुख्य परीक्षा) जीएस पेपर 3 विश्लेषण | जीएस पेपर 3 प्रश्न पत्र डाउनलोड करें
यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021- जीएस पेपर 4 प्रश्न पत्र का विश्लेषण
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के एथिक्स पेपर ( जीएस पेपर 4) को दो खंड- खंड A एवं खंड B में विभाजित किया गया था। खंड A में विभिन्न विषयों जैसे नैतिक लक्षण एवं मूल्य, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता एवं गैर-पक्षपात आदि के प्रश्न शामिल थे। जबकि सेक्शन B स्थिति आधारित केस स्टडी से संबंधित प्रश्न सम्मिलित थे।
जीएस पेपर 4 प्रश्न पत्र विश्लेषण (खंड A) – मुख्य तथ्य
यूपीएससी की मुख्य परीक्षा 2021 के जीएस पेपर 4 में, नैतिक गुणों एवं मूल्यों, सत्यनिष्ठा, निष्पक्षता एवं गैर-पक्षपात पर प्रश्न 1 जैसे मूलभूत मूल्यों से अनेक प्रश्न पूछे गए थे।
यूपीएससी मुख्य परीक्षा 2021 एथिक्स पेपर जिसमें समसामयिकी-आधारित नैतिकता से संबंधित प्रश्न थे, के विपरीत इस खंड में ज्यादातर स्थैतिक भागों का प्रभुत्व था।
उद्धरण-आधारित प्रश्न संख्या में अधिक थे किंतु यूपीएससी मुख्य परीक्षा के एथिक्स पेपर में इनकी व्याख्या करना सरल था।
जीएस पेपर 4 प्रश्न पत्र विश्लेषण (खंड B) – मुख्य तथ्य
जीएस पेपर 4 में, केस स्टडी ज्यादातर स्थिति-आधारित थी एवं इन्हें अपेक्षित तर्ज पर समझा जा सकता है।
किंतु, ये स्थिति आधारित प्रश्न विशेष रूप से समय के अभाव एवं परीक्षा के दबाव में विशेष बिंदुओं को लिखना कठिन बनाते हैं।
यूपीएससी (मुख्य परीक्षा) 2021 के एथिक्स पेपर में कोविड-19 की स्थिति पर केस स्टडी एवं किसी के व्यक्तिगत तथा पेशेवर जीवन को संतुलित करने के बारे में प्रश्न पूछे गए थे।
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 के आगामी पेपर्स पेपर के लिए उम्मीदवारों को शुभकामनाएं।