Categories: UPSC Current Affairs

ग्रीन डे अहेड मार्केट

ग्रीन डे अहेड मार्केट: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़कें, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।

 

ग्रीन डे अहेड मार्केट: प्रसंग

  • हाल ही में, ऊर्जा मंत्रालय ने देश के नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को प्रोत्साहन प्रदान करने हेतु ग्रीन डे अहेड मार्केट (जीडीएएम) प्रारंभ किया है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

ग्रीन डे अहेड मार्केट: मुख्य बिंदु

  • जीडीएएम एक विशिष्ट उत्पाद है जिसे ऊर्जा बाजार के लिए विमोचित किया गया है।
  • यह विद्युत उत्पादन एवं वितरण कंपनियों को मुक्त अधिगम के माध्यम से अक्षय ऊर्जा क्रय अथवा विक्रय करने में सक्षम बनाएगा।

 

ग्रीन डे अहेड मार्केट: महत्व

  • जीडीएएम बाजार सहभागियों को सर्वाधिक पारदर्शी, लोचशील, प्रतिस्पर्धी एवं कुशल तरीके से हरित ऊर्जा में व्यापार करने का अवसर प्रदान करने के अतिरिक्त प्रतिस्पर्धी मूल्य संकेत प्रदान करेगा।
  • बाजार आधारित प्रतिस्पर्धी मूल्य नवीकरणीय उत्पादकों को ऊर्जा का विक्रय करने के साथ-साथ नवीकरणीय क्षमता वृद्धि में तेजी लाने का एक और विकल्प प्रदान करेगा।
  • यह भारत को एक सतत एवं कुशल ऊर्जा अर्थव्यवस्था के रूप में निर्मित करने के सरकार के दृष्टिकोण को साकार करने में सहायता करेगा।
  • जीडीएएम के आरंभ से एक दूरगामी प्रभाव (डोमिनो इफेक्ट) उत्पन्न होने की संभावना है जो पीपीए आधारित अनुबंध से बाजार-आधारित प्रतिरूप में क्रमिक परिवर्तन की ओर अग्रसर करेगा जो कि अगले स्तर तक बाजारों का निर्माण और गहन करेगा, भारत के लिए अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्य, 2030 तक 450 गीगावॉट हरित क्षमता को प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
  • जीडीएएम में भाग लेने के अन्य लाभों में हरित ऊर्जा के विरतीकरण को कम करना, अप्रयुक्त नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता को खोलना, आरई उत्पादकों को तत्काल भुगतान सुनिश्चित करना शामिल है।
  • राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन के समान, ग्रीन डे अहेड मार्केट का उद्देश्य ऊर्जा के लिए कोयले पर निर्भरता को कम करना है।

भारत में अक्षय ऊर्जा एवं भूमि उपयोग

जीडीएएम किस प्रकार कार्य करेगा?

  • ग्रीन डे-अहेड मार्केट, पारंपरिक डे-अहेड मार्केट के साथ एकीकृत रूप से संचालित होगा।
  • एक्सचेंज बाजार सहभागियों को पृथक-पृथक बोली लगाने हेतु खिड़की (बिडिंग विंडो) के माध्यम से पारंपरिक एवं नवीकरणीय ऊर्जा दोनों के लिए एक साथ बोलियां जमा करने की पेशकश करेंगे।
  • स्वीकृति क्रमिक रूप से प्रदान की जाएगी – नवीकरणीय ऊर्जा बोलियों को नवीकरणीय ऊर्जा की अनिवार्य रूप से संचालित करने की स्थिति के अनुसार पहले स्वीकृति प्रदान की जाएगी, तत्पश्चात पारंपरिक भाग को स्वीकृति प्रदान की जाएगी।
  • पारंपरिक एवं नवीकरणीय दोनों प्रकार के लिए पृथक-पृथक मूल्य प्रकटीकरण होंगे।

 

भारत में अक्षय ऊर्जा संस्थिति

भारत में अक्षय ऊर्जा

  • भारत विश्व का तीसरा सर्वाधिक वृहद विद्युत उपभोक्ता है एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से 2020 में कुल स्थापित ऊर्जा क्षमता का 38 प्रतिशत (373 गीगावाट में से 136 गीगावाट) के साथ विश्व का तीसरा सर्वाधिक वृहद नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादक है।
  • भारत ने नवीकरणीय ऊर्जा से 2022 तक 175 गीगावाट एवं 2030 तक 450  गीगावाट उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है।
  • जीडीएम एक ऐसे समय में आया है जब देश कोयले के अभाव का सामना कर रहा है।

भारत में अक्षय ऊर्जा एवं भूमि उपयोग

manish

Recent Posts

APSC Notification 2024, Check Mains Exam Date and Syllabus

The Assam Public Service Commission (APSC) has announced a notification to fill 235 positions in…

1 hour ago

KPSC KAS Exam Notification 2024, Check the KAS Exam Date

The Karnataka Public Service Commission released the KPSC KAS Notification 2024 on its official website.…

1 hour ago

APPSC Group 1 Notification 2024, Check Mains Exam Date

The Andhra Pradesh Public Service Commission (APPSC) released APPSC Group 1 Notification to fill out…

1 hour ago

OPSC OCS Notification 2024, Check Exam Date, Exam Pattern

The Odisha Public Service Commission (OPSC) has issued the Notification for the Odisha Civil Services…

2 days ago

Sixth Schedule of Indian Constitution, Benefits, Objectives

Sonam Wangchuk, a well-known environmentalist and entrepreneur, recently embarked on a three-week hunger strike to…

2 days ago

Foreign Direct Investment (FDI)- UPSC Economy Notes

Foreign Direct Investment (FDI) is when a company from one country invests a substantial amount…

2 days ago