भारत में बैंक के कार्य एवं प्रकार: इस लेख में, उम्मीदवारों को भारत में बैंकिंग प्रणाली, इसके कार्यों एवं भारत में बैंकों के प्रकार के बारे में जानकारी मिलेगी। भारत में बैंक के कार्य एवं प्रकार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, एसएससी, सीएपीएफ, राज्य पीएससी इत्यादि के लिए एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।
भारत में बैंकों के कार्य एवं प्रकार तथा बैंकों की सूची बैंकिंग जागरूकता पाठ्यक्रम का एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है जो लगभग प्रत्येक सरकारी परीक्षा में सम्मिलित होता है।
बैंक क्या है?
- एक वित्तीय सेवा प्रदाता के रूप में, बैंक नकदी जमा करने के लिए एक सुरक्षित स्थान प्रदान करते हैं।
- जैसे, वे उपभोक्ताओं एवं व्यवसायों दोनों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करके अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- अर्थव्यवस्था बैंकों पर बहुत अधिक निर्भर करती है। बैंक की परिभाषा जमा स्वीकार करने एवं क्रेडिट प्रदान करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान को संदर्भित है।
- ये संस्थान आर्थिक सहायता भी प्रदान कर सकते हैं जैसे:
- पूंजी प्रबंधन
- विदेशी मुद्रा
- सुरक्षित जमा बॉक्स को आमतौर पर लॉकर सेवाओं के रूप में जाना जाता है।
- किसी देश के बैंकों को आमतौर पर एक केंद्रीय बैंक या राष्ट्रीय सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है,
- भारत में सभी बैंक, केंद्रीय बैंक, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा विनियमित होते हैं।
बैंकों के महत्वपूर्ण कार्य
भारत में बैंकों के कार्य नीचे दिए गए हैं:
बैंकों के दो प्रकार के कार्य हैं:
- प्राथमिक कार्य – जमा स्वीकार करना, ऋण एवं अग्रिम देना
- द्वितीयक कार्य – एजेंसी कार्य, उपयोगिता कार्य
बैंकों के प्राथमिक कार्य
- जनता से जमा की स्वीकृति
- मांग निकासी सुविधा प्रदान करना
- ऋण सुविधा
- निधि अंतरण
- ड्राफ्ट जारी करना
- ग्राहकों को लॉकर की सुविधा प्रदान करना
- विदेशी मुद्रा का व्यवहार करना
बैंकों के द्वितीयक कार्य
बैंक के एजेंसी कार्य
बैंक अपने ग्राहकों के लिए एक अभिकर्ता अथवा एजेंट हैं, अतः उन्हें एजेंसी के विभिन्न कार्य संपादित करने होते हैं, जिनका उल्लेख नीचे किया गया है:
- निधि अंतरण
- आवधिक संग्रह
- आवधिक भुगतान
- चेकों का संग्रहण
- श्रेणी प्रबंधन
- अन्य एजेंसी कार्य
बैंक के उपयोगिता कार्य
- साख पत्र, यात्री चेक इत्यादि जारी करना।
- सुरक्षित जमा वाल्ट या लॉकर प्रदान करके मूल्यवान वस्तुओं, महत्वपूर्ण दस्तावेजों एवं प्रतिभूतियों की सुरक्षित अभिरक्षा करना।
- ग्राहकों को विदेशी मुद्रा लेनदेन की सुविधा प्रदान करना
- शेयरों एवं डिबेंचरों की हामीदारी
- विदेशी मुद्रा में लेनदेन
- समाज कल्याण कार्यक्रम
- परियोजना रिपोर्ट
- अपने ग्राहकों इत्यादि की ओर से स्थायी प्रत्याभूति।
विभिन्न प्रकार के बैंकों की सूची
बैंकों को विभिन्न प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। नीचे विभिन्न प्रकार के बैंकों की सूची दी गई है:
- केंद्रीय बैंक
- सहकारी बैंक
- वाणिज्यिक बैंक
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (रीजनल रूरल बैंक/आरआरबी)
- स्थानीय क्षेत्र बैंक (लोकल एरिया बैंक/एलएबी)
- विशिष्ट बैंक
- लघु वित्त बैंक
- भुगतान बैंक
केंद्रीय बैंक
- भारतीय रिजर्व बैंक हमारे देश का केंद्रीय बैंक है। प्रत्येक देश का एक केंद्रीय बैंक होता है जो उस देश विशेष के अन्य सभी बैंकों को नियंत्रित/विनियमित करता है।
- केंद्रीय बैंक का प्रमुख कार्य सरकार के बैंक के रूप में कार्य करना एवं देश में अन्य बैंकिंग संस्थानों का मार्गदर्शन तथा नियमन करना है। किसी देश के केंद्रीय बैंक के कार्य नीचे दिए गए हैं:
- अन्य बैंकों का मार्गदर्शन करना
- मुद्रा जारी करना
- मौद्रिक नीतियों को लागू करना
- वित्तीय प्रणाली के पर्यवेक्षक
- अन्य शब्दों में, देश के केंद्रीय बैंक को बैंकर के बैंक के रूप में भी जाना जा सकता है क्योंकि यह देश के अन्य बैंकों को सहायता प्रदान करता है एवं सरकार की देखरेख में देश की वित्तीय प्रणाली का प्रबंधन करता है।
सहकारी बैंक
- ये बैंक राज्य सरकार के अधिनियम के तहत व्यवस्थित हैं। वे कृषि क्षेत्र एवं अन्य संबद्ध गतिविधियों के लिए अल्पावधि ऋण प्रदान करते हैं।
- सहकारी बैंकों का मुख्य लक्ष्य रियायती ऋण प्रदान करके सामाजिक कल्याण को प्रोत्साहित करना है।
- वे 3 स्तरीय संरचना में व्यवस्थित हैं
- टियर 1 (राज्य स्तर) – राज्य सहकारी बैंक (आरबीआई, राज्य सरकार, नाबार्ड द्वारा विनियमित)
- आरबीआई, सरकार, नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित। इसके बाद पैसा जनता में वितरित किया जाता है
- इन बैंकों पर रियायती सीआरआर, एसएलआर लागू होता है। (सीआरआर- 3%, एसएलआर- 25%)
- राज्य सरकार के स्वामित्व एवं सदस्यों द्वारा शीर्ष प्रबंधन का चयन किया जाता है
- टियर 2 (जिला स्तर) – केंद्रीय/जिला सहकारी बैंक
- टियर 3 (ग्राम स्तर) – प्राथमिक कृषि सहकारी बैंक
वाणिज्यिक बैंक
- बैंकिंग कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत संगठित।
- वे व्यावसायिक आधार पर कार्य करते हैं एवं इसका मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना है।
- उनके पास एक एकीकृत संरचना है एवं सरकार, राज्य अथवा किसी निजी संस्था के स्वामित्व में होते है।
- वे ग्रामीण से लेकर शहरी तक सभी क्षेत्रों में उपलब्ध होते हैं।
- ये बैंक भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्देश दिए जाने तक रियायती ब्याज दर नहीं लेते हैं।
- सार्वजनिक जमा इन बैंकों के लिए धन का मुख्य स्रोत हैं।
वाणिज्यिक बैंकों को आगे अन्य तीन श्रेणियों में विभाजित किया जा सकता है:
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक – एक ऐसा बैंक जहां अधिकांश हिस्सेदारी सरकार या देश के केंद्रीय बैंक के पास हो।
- निजी क्षेत्र के बैंक – एक बैंक जहां अधिकांश हिस्सेदारी एक निजी संगठन अथवा एक व्यक्ति या लोगों के समूह के पास होती है।
- विदेशी बैंक – जिन बैंकों का मुख्यालय विदेशों में एवं हमारे देश में शाखाएं हैं, वे इस प्रकार के बैंक के अंतर्गत आते हैं।
भारत में वाणिज्यिक बैंकों की सूची
भारत में वाणिज्यिक बैंकों की सूची नीचे दी गई है:
भारत में वाणिज्यिक बैंक |
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक | निजी क्षेत्र के बैंक | विदेशी बैंक |
भारतीय स्टेट बैंक इलाहाबाद बैंक आंध्रा बैंक बैंक ऑफ बड़ौदा बैंक ऑफ इंडिया बैंक ऑफ महाराष्ट्र केनरा बैंक सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया कॉर्पोरेशन बैंक देना बैंक इंडियन बैंक इंडियन ओवरसीज बैंक ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स पंजाब नेशनल बैंक पंजाब एंड सिंध बैंक सिंडिकेट बैंक यूनियन बैंक ऑफ इंडिया यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया यूको बैंक विजया बैंक आईडीबीआई बैंक लिमिटेड | कैथोलिक सीरियन बैंक सिटी यूनियन बैंक धनलक्ष्मी बैंक फेडरल बैंक जम्मू एवं कश्मीर बैंक कर्नाटका बैंक करूर वैश्य बैंक लक्ष्मी विलास बैंक नैनीताल बैंक रत्नाकर बैंक साउथ इंडियन बैंक तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक ऐक्सिस बैंक डेवलपमेंट क्रेडिट बैंक (डीसीबी बैंक लिमिटेड) एचडीएफसी बैंक आईसीआईसीआई बैंक इंडसइंड बैंक कोटक महिंद्रा बैंक यस बैंक आईडीएफसी बंधन बैंक ऑफ बंधन फाइनेंशियल सर्विसेज। | ऑस्ट्रेलिया एंड न्यूजीलैंड बैंकिंग ग्रुप लिमिटेड नेशनल ऑस्ट्रेलिया बैंक वेस्टपैक बैंकिंग कॉरपोरेशन बैंक ऑफ बहरीन एवं कुवैत बीएससी एबी बैंक लिमिटेड एचएसबीसी सिटी बैंक ड्यूश बैंक डीबीएस बैंक लिमिटेड यूनाइटेड ओवरसीज बैंक लिमिटेड जेपी मॉर्गन चेस बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक |
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (रूरल रीजनल बैंक/आरआरबी)
- ये विशेष प्रकार के वाणिज्यिक बैंक हैं जो कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र को रियायती ऋण प्रदान करते हैं।
- क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी) 1975 में स्थापित किए गए थे एवं एक क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक अधिनियम, 1976 के तहत पंजीकृत हैं।
- आरआरबी केंद्र सरकार (50%), राज्य सरकार (15%) तथा एक वाणिज्यिक बैंक (35%) के मध्य संयुक्त उद्यम हैं।
- 1987 से 2005 तक 196 आरआरबी स्थापित किए गए हैं।
- 2005 के बाद से सरकार ने आरआरबी का विलय प्रारंभ किया एवं इस प्रकार आरआरबी की संख्या को घटाकर 82 कर दिया।
- एक आरआरबी भौगोलिक दृष्टि से जुड़े 3 से अधिक जिलों में अपनी शाखाएं नहीं खोल सकता है।
स्थानीय क्षेत्र बैंक (लोकल एरिया बैंक/एलएबी)
- भारत में 1996 में प्रारंभ किया गया।
- ये निजी क्षेत्र द्वारा आयोजित किए जाते हैं।
- स्थानीय क्षेत्र के बैंकों का मुख्य उद्देश्य लाभ अर्जित करना है।
- स्थानीय क्षेत्र के बैंक कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत पंजीकृत हैं।
- वर्तमान में, केवल 4 स्थानीय क्षेत्र बैंक हैं जो सभी दक्षिण भारत में अवस्थित हैं।
विशिष्ट बैंक
कुछ बैंकों को केवल विशिष्ट उद्देश्यों के लिए प्रारंभ किया जाता है। ऐसे बैंकों को विशिष्ट बैंक कहा जाता है। इसमें शामिल है:
- भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (स्माल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया/सिडबी) – SIDBI से लघु उद्योग या व्यवसाय के लिए ऋण लिया जा सकता है। इस बैंक की सहायता से लघु उद्योगों को आधुनिक तकनीक एवं उपकरणों से वित्तपोषित किया जाता है।
- एक्ज़िम बैंक– EXIM बैंक का तात्पर्य निर्यात एवं आयात बैंक (एक्सपोर्ट एंड इंपोर्ट बैंक) है। इस प्रकार के बैंक के माध्यम से विदेशों द्वारा वस्तुओं के निर्यात अथवा आयात के साथ ऋण या अन्य वित्तीय सहायता प्राप्त की जा सकती है।
- राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट/नाबार्ड) – ग्रामीण, हस्तकला, गांव एवं कृषि विकास के लिए किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता प्राप्त करने के लिए लोग नाबार्ड का रुख कर सकते हैं।
टिप्पणी: कई अन्य विशिष्ट बैंक हैं एवं देश को वित्तीय रूप से विकसित करने में सहायता करने में प्रत्येक की एक अलग भूमिका है।
लघु वित्त बैंक
- जैसा कि नाम से ज्ञात होता है, इस प्रकार के बैंक सूक्ष्म उद्योगों, छोटे किसानों एवं समाज के असंगठित क्षेत्र को ऋण एवं वित्तीय सहायता प्रदान करके उनकी देखभाल करते हैं।
- ये बैंक देश के केंद्रीय बैंक द्वारा शासित होते हैं।
- हमारे देश में लघु वित्त बैंकों की सूची नीचे दी गई है:
एयू स्मॉल फाइनेंस बैंक | इक्विटास स्मॉल फाइनेंस बैंक | जन लघु वित्त बैंक | पूर्वोत्तर लघु वित्त बैंक |
कैपिटल स्मॉल फाइनेंस बैंक | फिनकेयर स्मॉल फाइनेंस बैंक | सूर्योदय लघु वित्त बैंक | उज्जीवन स्मॉल फाइनेंस बैंक |
इसाफ स्मॉल फाइनेंस बैंक | उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक | | |
भुगतान बैंक
- भुगतान बैंक की परिकल्पना भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा की गई है।
- भुगतान बैंक में खाता रखने वाले लोग मात्र 1,00,000/- रुपए तक की राशि जमा कर सकते हैं एवं इस खाते के तहत ऋण अथवा क्रेडिट कार्ड के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं।
- भुगतान बैंकों के माध्यम से ऑनलाइन बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एटीएम जारी करने एवं डेबिट कार्ड के विकल्प प्रदान किए जा सकते हैं। नीचे हमारे देश के कुछ भुगतान बैंकों की सूची दी गई है:
- एयरटेल पेमेंट्स बैंक
- इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक
- फिनो पेमेंट्स बैंक
- जियो पेमेंट्स बैंक
- पेटीएम पेमेंट्स बैंक
- एनएसडीएल भुगतान बैंक
भारत में बैंकों के कार्य एवं प्रकार के बारे में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. बैंक क्या है?
उत्तर. बैंक की परिभाषा जमा स्वीकार करने एवं क्रेडिट प्रदान करने के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान के रूप में संदर्भित है।
प्र. बैंकों के दो प्रकार के कार्य कौन से हैं?
उत्तर. बैंकों के दो प्रकार के कार्य हैं:
– प्राथमिक कार्य – जमा स्वीकार करना, ऋण एवं अग्रिम प्रदान करना
– द्वितीयक कार्य – एजेंसी कार्य, उपयोगिता कार्य।
प्र. किसी देश के केंद्रीय बैंक के कौन से कार्य हैं?
उत्तर. किसी देश के केंद्रीय बैंक के कार्य नीचे दिए गए हैं:
– अन्य बैंकों का मार्गदर्शन करना
– मुद्रा जारी करना
-मौद्रिक नीतियों को लागू करना
– वित्तीय प्रणाली के पर्यवेक्षक।
FAQs
What Is Bank?
Bank definition goes to a financial institution authorized to accept deposits and provide credits.
Which are the two types of functions of banks?
There are two types of functions of banks:
- Primary functions - Accepting of deposits, Granting of loans and advances
- Secondary Functions - Agency functions, Utility Functions
Which are the functions of the central bank of a country?
Given below are the functions of the central bank of a country:
- Guiding other banks
- Issuing currency
- Implementing the monetary policies
- Supervisor of the financial system