मृदा चट्टान के अवशेष एवं कार्बनिक पदार्थों का मिश्रण है जो पृथ्वी की सतह पर विकसित होते हैं। यद्यपि, संपूर्ण मृदा समान नहीं है तथा इसके अवयवों में भिन्नता प्रकट करती है। इस लेख में, हम मृदा की रूपरेखा एवं मृदा के संस्तर पर चर्चा करेंगे, जो यूपीएससी आईएएस परीक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण टॉपिक है।
यदि हम जमीन पर गड्ढा खोदकर मृदा को देखें तो हम पाते हैं कि इसमें छह परतें हैं जिन्हें संस्तर कहा जाता है। अतः, मृदा का संस्तर मूल रूप से जमीन में एक पृथक परत है।
मृदा की छह परतें अलग-अलग पदार्थों से निर्मित होती हैं जो या तो पृथक दिखती हैं, पृथक-पृथक रासायनिक बनावट होती हैं, अथवा अन्य परतों से भौतिक रूप से अलग होती हैं।
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मृदा संस्तर किसी विशेष क्षेत्र में मृदा के इतिहास के रूप में कार्य करता है।
भूमि की मूल संरचना, मौसम, क्षेत्र की वनस्पति तथा अन्य कारकों के कारण परतें एक विशिष्ट तरीके से निर्मित होती हैं।
मृदा के छह संस्तरों को एक अक्षर निरूपण के साथ वर्गीकृत किया गया है एवं ये ओ, ए, ई, बी, सी, तथा आर (O, A, E, B, C, and R) हैं। इनमें से प्रत्येक मृदा संस्तर परत विशिष्ट है। नीचे दी गई तालिका में, हम मृदा के इन छह संस्तरों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
संस्तर | विशेषताएं |
ओ संस्तर | यह कार्बनिक पदार्थों अथवा ह्यूमस से निर्मित होता है। यह मृदा का सबसे ऊपरी क्षेत्र है। यह सतह पर ह्यूमस तथा आधार पर विघटित वनस्पति के साथ मृदा की परत है। यह वन क्षेत्रों में सर्वाधिक प्रमुख है जहां वृक्षों से गिरने वाले मलबे का संचय होता है। |
ए संस्तर | मृदा संस्तर- ए वह परत है जो खनिजों से निर्मित होती है। यह संस्तर मुख्य रूप से घास के मैदानों एवं कृषि भूमि में अनेक मृदाओं की सतह परत है। |
ई संस्तर | यह एक उपसतह संस्तर है जो अत्यधिक निक्षालित हो चुका है। जो कुछ भी मृदा से बाहर निक्षालित नहीं किया जा सकता है, वह अवशेष के रूप में रह जाता है तथा इस परत का निर्माण करता है। ई संस्तर यदि मृदा प्रायः वनों में एवं जीर्ण मृदा वाले क्षेत्रों में पाई जाती है जो दीर्घ अवधि से विक्षुब्ध नहीं हुई है। यह परत प्रायः अन्य परतों की तुलना में हल्के रंग की होती है क्योंकि इसका अधिकांश भाग निचली परतों में निक्षालित हो जाता है। |
बी संस्तर | मृदा संस्तर- बी एक निक्षेपण स्थल है। सभी सामग्रियां, जैसे कि खनिज जो मृदा के संस्तर ए तथा ई से निक्षालित किए जाते हैं, मृदा की रूपरेखा में इस परत का निर्माण करते हैं। बुलडोजर तथा भूनिर्माण के परिणामस्वरूप क्षरण हो सकता है जो इसे अनावृत करता है।
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सी संस्तर | मृदा संस्तर-सी मूल सामग्री परत है। पृथ्वी की सतह के निक्षेपों ने इस परत का निर्माण किया। यह ग्लेशियरों द्वारा पृथ्वी के चारों ओर गमन करने, झील के अवसाद, या आधार शैलों (बेडरॉक) के संपर्क में आने से उत्पन्न हो सकता है। यह सबसे कम ऋतुक्षरित संस्तर है। |
आर संस्तर | मृदा संस्तर-आर आधार शैलों से निर्मित है। इस परत में पाई जाने वाली चट्टानों में चूना पत्थर, क्वार्टजाइट, बलुआ पत्थर, बेसाल्ट और ग्रेनाइट सम्मिलित हैं। यह संस्तर तकनीकी रूप से मृदा नहीं है एवं आमतौर पर मृदा के संस्तर सी के नीचे पाया जाता है। |
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