यूपीएससी परीक्षा के लिए दैनिक समसामयिकी
यूपीएससी के लिए दैनिक समसामयिकी: यूपीएससी लेख के लिए दैनिक समसामयिकी में दिन के महत्वपूर्ण लेख सम्मिलित होते हैं जो विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं जैसे यूपीएससी, राज्य पीसीएस, एसएससी एवं विभिन्न बैंक परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण हैं।
भारत एवं पाकिस्तान के मध्य कैदी एवं परमाणु संस्थानों की सूची का आदान-प्रदान
भारत-पाकिस्तान कैदी आदान-प्रदान चर्चा में क्यों है?
- हाल ही में, भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक संचार में कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ “कैदियों से संबंधित मामलों सहित सभी मानवीय मामलों” को संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत-पाकिस्तान के मध्य कैदियों का आदान-प्रदान 2023
- भारत एवं पाकिस्तान प्रत्येक वर्ष 1 जनवरी एवं 1 जुलाई को दूतावास अभिगम (कॉन्सुलर एक्सेस) पर 2008 के समझौते के अनुसार कैदियों का आदान-प्रदान करते हैं।
- भारत सरकार ने पाकिस्तान की हिरासत से असैन्य कैदियों, लापता भारतीय रक्षा कर्मियों एवं मछुआरों को उनकी नावों सहित शीघ्र रिहा करने एवं वापस भेजने का आह्वान किया है।
- भारत ने 631 भारतीय मछुआरों एवं दो भारतीय नागरिक कैदियों की रिहाई एवं प्रत्यावर्तन को तेजी से ट्रैक करने के लिए कहा, जिन्होंने अपनी सजा पूरी कर ली है एवं जिनकी राष्ट्रीयता की पुष्टि की जा चुकी है तथा पाकिस्तान को सूचना प्रदान कर दी गई है।
- मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पक्ष ने “पाकिस्तान की हिरासत में शेष 30 मछुआरों एवं 22 असैन्य कैदियों, जिन्हें भारतीय माना जाता है” के लिए “तत्काल” कांसुलर एक्सेस की मांग की थी।
- दिल्ली ने 339 पाकिस्तानी नागरिक कैदियों एवं 95 पाकिस्तानी मछुआरों की सूची साझा की है जो भारत की हिरासत में हैं।
- पाकिस्तान को मछुआरों सहित 71 पाकिस्तानी कैदियों की “राष्ट्रीयता की स्थिति” की पुष्टि करने के लिए भी कहा गया था, जिनका प्रत्यावर्तन लंबित है क्योंकि इस्लामाबाद ने अभी तक उनकी नागरिकता की स्थिति की पुष्टि नहीं की है।
परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान प्रदान
- आदान-प्रदान भारत और पाकिस्तान ने 1988 के एक समझौते के हिस्से के रूप में अपनी परमाणु सुविधाओं की सूचियों का भी आदान-प्रदान किया, जिसका उद्देश्य एक दूसरे के क्षेत्र में परमाणु प्रतिष्ठानों को लक्षित हमलों को रोकना है।
- परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के खिलाफ हमले के निषेध पर समझौते के प्रावधानों के तहत सूची का आदान-प्रदान हुआ।
- यह नई दिल्ली और इस्लामाबाद में राजनयिक चैनलों के माध्यम से एक साथ किया गया था।
- कश्मीर मुद्दे के साथ-साथ सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों देशों के बीच जारी तनाव के बीच परमाणु सुविधाओं की सूची का आदान-प्रदान हुआ।
भारत का ‘2023 साइंस विजन‘
‘2023 साइंस विजन‘ चर्चा में क्यों है?
- नए साल के पहले दिन मीडिया से बातचीत में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, 2023 साइंस विजन 2047 में भारत को परिभाषित करेगा।
- डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि वर्ष 2023 भी विगत 25 वर्षों में से प्रथम अथवा कैलेंडर का अंतिम चौथाई भाग है, इससे पूर्व स्वतंत्र भारत 2047 में 100 वर्ष का हो जाता है तथा अपने सदी के सपनों को साकार करता है।
‘2023 साइंस विजन‘
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर जी-20 के साथ-साथ राष्ट्र के रूप में अपनी क्षमता को दोहराता है, जिसके प्रस्ताव पर विश्व अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष मना रहा है।
- सरकारी विभाग: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित विभागों ने पहले ही वर्ष 2023 के लिए अपने फोकस एवं थ्रस्ट क्षेत्रों की रूपरेखा तैयार कर ली है।
- इसरो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हस्तक्षेप पर निजी प्रतिभागियों के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने के बाद इसरो के पास आज अत्यंत कम समय में 100 से अधिक स्टार्टअप हैं।
- वहीं, इसका फोकस 2024 में वैज्ञानिक अन्वेषण मिशन, प्रौद्योगिकी प्रदर्शन मिशन तथा मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम ‘गगनयान’ पर है।
- जैव प्रौद्योगिकी विभाग: जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी/डीबीटी) वर्तमान तथा उभरते रोगों के लिए टीकों के सुधार में निवेश करके कोविड-19 वैक्सीन मिशन की सफलताओं को आगे बढ़ाएगा।
- ध्यातव्य है कि बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष में बाजरा एवं पादप विषाणुओं के पैथो-जीनोमिक्स पर भी प्रमुख मिशन प्रारंभ किए जाएंगे।
- सीएसआईआर: 2023 में सीएसआईआर हरित हाइड्रोजन पर भी ध्यान केंद्रित करेगा क्योंकि स्वच्छ ऊर्जा मिशन के एक भाग के रूप में स्वदेशी हरित हाइड्रोजन में यह पूर्व में ही प्रगति कर चुका है।
- पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय: पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (मिनिस्ट्री आफ अर्थ साइंसेज/एमओईएस) गहरे समुद्र मिशन एवं प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगा जो आने वाले वर्षों में भारत की अर्थव्यवस्था में मूल्य वर्धन करेगा।
- 2023 ब्लू इकोनॉमी में और प्रगति का साक्षी बनेगा।
- उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस के संबोधन में दो बार, पहले 2021 में एवं पुनः 2022 में गंभीर महासागरीय मिशन (डीप ओशन मिशन) का उल्लेख किया।
- परमाणु ऊर्जा विभाग: परमाणु ऊर्जा विभाग ( डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी/डीएई) भारत के चुनावी प्रबंधन में अपने योगदान के लिए भारत के निर्वाचन आयोग के लिए लगभग 21.00 लाख उपकरण वितरित करेगा जिसमें बैलेट यूनिट (बीयू), कंट्रोल यूनिट (सीयू) एवं वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) शामिल हैं जिन्हें सितंबर/अक्टूबर 2023 तक ईसीआईएल द्वारा पूरा किया जाना है।
108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023
भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023 चर्चा में क्यों है?
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 3 जनवरी, 2023 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 108 वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (इंडियन साइंस कांग्रेस/आईएससी) को संबोधित करेंगे।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस के बारे में: भारतीय विज्ञान कांग्रेस का प्रथम सत्र 1914 में आयोजित किया गया था। भारतीय विज्ञान कांग्रेस का 108 वां वार्षिक सत्र राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में आयोजित किया जाएगा, जो इस वर्ष अपनी शताब्दी भी मना रहा है।
- थीम: इस वर्ष के भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) का मुख्य विषय “महिला सशक्तिकरण के साथ सतत विकास के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी” है।
- महिला सशक्तिकरण पर ध्यान: यह सतत विकास, महिला सशक्तिकरण एवं इसे प्राप्त करने में विज्ञान तथा प्रौद्योगिकी की भूमिका के मुद्दों पर चर्चा का गवाह बनेगा।
महिला सशक्तिकरण पर भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023
- प्रतिभागी महिलाओं को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, अभियांत्रिकी, गणित (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स/एसटीईएम) शिक्षा, अनुसंधान हेतु अवसरों एवं आर्थिक भागीदारी तक समान पहुंच प्रदान करने के तरीके खोजने के प्रयत्न के साथ-साथ शिक्षण, अनुसंधान एवं उद्योग के उच्च क्षेत्रों में महिलाओं की संख्या में वृद्धि करने के तरीकों पर चर्चा एवं विचार-विमर्श करेंगे।
- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में महिलाओं के योगदान को प्रदर्शित करने के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें प्रसिद्ध महिला वैज्ञानिकों के व्याख्यान भी होंगे।
- भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी) के साथ-साथ कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे।
भारतीय विज्ञान कांग्रेस 2023 के अन्य फोकस क्षेत्र
- बच्चों के मध्य वैज्ञानिक अभिरुचि एवं स्वभाव को प्रोत्साहित करने में सहायता करने हेतु बाल विज्ञान कांग्रेस का भी आयोजन किया जाएगा।
- किसान विज्ञान कांग्रेस जैव-अर्थव्यवस्था में सुधार एवं युवाओं को कृषि के प्रति आकर्षित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
- जनजातीय विज्ञान कांग्रेस भी आयोजित की जाएगी, जो जनजातीय/आदिवासी महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान देने के साथ-साथ स्वदेशी प्राचीन ज्ञान प्रणाली एवं अभ्यास के वैज्ञानिक प्रदर्शन का एक मंच भी होगा।
FAQs
Where is the Indian Science Congress 2023 being held?
The 108th annual session of ISC will be held at Rashtrasant Tukadoji Maharaj Nagpur University, which is also celebrating its centenary this year.