Categories: UPSC Current Affairs

विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट 2020-22

विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां: विकास प्रक्रियाएं  एवं विकासात्मक उद्योग- गैर सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों तथा संघों, दाताओं, न्यासो, संस्थागत एवं अन्य हितधारकों की भूमिका।

विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट- संदर्भ

  • हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) द्वारा विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट का विमोचन किया गया।
  • विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट विगत एक दशक में संपूर्ण विश्व में कोविड-19 के संदर्भ में सामाजिक सुरक्षा एवं अधिकार-आधारित सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों के निर्माण में हुई प्रगति का वैश्विक अवलोकन प्रदान करती है।
  • सामाजिक सुरक्षा: विशेष रूप से वृद्धावस्था, बेरोजगारी, रोग, विकलांगता, कार्य के दौरान अभिघात, मातृत्व या परिवार में मुख्य अर्जक की हानि से संबंधित स्वास्थ्य सेवाएं एवं आय सुरक्षा उपायों तक पहुंच के साथ-साथ बच्चों वाले परिवारों के लिए अतिरिक्त सहायता सम्मिलित है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट के बारे में मुख्य बातें

  • द वर्ल्ड सोशल प्रोटेक्शन रिपोर्ट: सोशल प्रोटेक्शन एंड द क्रॉस रोड्स- इन परसूट ऑफ अ बेटर फ्यूचर – आईएलओ का एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम, सतत विकास हेतु 2030 एजेंडा के अनुवीक्षण संरचना में एक आवश्यक योगदान है।
  • नवीन आंकड़ों के आधार पर, यह सामाजिक सुरक्षा आच्छादन, लाभ एवं सार्वजनिक व्यय पर वैश्विक, क्षेत्रीय और देश के आंकड़ों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद: यूएनएससी की संरचना, कार्यप्रणाली एवं भारतीय आस्थिति

विश्व सामाजिक सुरक्षा रिपोर्ट- प्रमुख निष्कर्ष

  • कोविड-19 प्रभाव: यह अनुमान लगाया गया है कि महामारी ने निर्धन परिवारों में रहने वाले बच्चों की संख्या में 142 मिलियन से अधिक की वृद्धि की है, जिससे कुल बच्चों की संख्या लगभग 725 मिलियन हो गई है।
  • वैश्विक परिदृश्य:1 अरब व्यक्ति किसी भी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा संजाल के बिना रह रहे थे।
    • 2020 में, वैश्विक आबादी का मात्र 9% कम से कम एक सामाजिक सुरक्षा से लाभान्वित हुआ।
  • बच्चों हेतु सामाजिक सुरक्षा: वैश्विक स्तर पर मात्र 4 प्रतिशत बच्चों को ही सामाजिक सुरक्षा का लाभ प्राप्त होता है।
    • कुछ क्षेत्रों में प्रभावी सामाजिक सुरक्षा विशेष रूप से कम है: एशिया एवं प्रशांत में 18%, अरब राज्यों में 4% तथा अफ्रीका में 12.6 प्रतिशत।
    • पेंशन पर व्यय किए गए सकल घरेलू उत्पाद के 7% की तुलना में, बच्चों के लिए सामाजिक सुरक्षा हेतु औसत राष्ट्रीय व्यय सकल घरेलू उत्पाद का मात्र 1% है।

अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए)

बच्चों के लिए सामाजिक सुरक्षा में अभिवृद्धि करने हेतु प्रमुख सिफारिशें

  • बच्चों का कल्याण सुनिश्चित करने एवं एसडीजी प्राप्त करने हेतु बच्चों के प्रति संवेदनशील और समावेशी सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों को और सशक्त करने के लिए राजकोषीय मितव्ययिता से बचना एवं पुनर्लाभ को नीतिगत अवसर के रूप में उपयोग करना
  • समावेशी एवं लिंग संवेदनशीलता के संदर्भ में सामाजिक सुरक्षा प्रणालियों के अंतर्गत पर्याप्तता सुनिश्चित करना,  तथा यह कि वे जलवायु-संबंधी एवं संघर्ष-संबंधी जोखिमों का समाधान करें।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी)

manish

Recent Posts

Mahadevi Verma Early Life, Education, Professional Career

Mahadevi Verma, a prominent figure in Hindi literature, left an indelible mark as a poet,…

6 hours ago

Medical Council of India-History, Objective, Function

The Medical Council of India (MCI), established in 1934 under the Indian Medical Council Act…

6 hours ago

National Crime Records Bureau (NCRB) – Highlight, Objective

The National Crime Records Bureau (NCRB), a renowned governmental organization in India, is entrusted with…

6 hours ago

Indian Constitution Features: Basic Structure and More

The inception of the Indian Constitution is marked by its preamble, which encapsulates its ideals,…

11 hours ago

Indian Western and Eastern Ghats: Difference, Significances

The Western and Eastern Ghats are two formidable mountain ranges in India, with the Deccan…

13 hours ago

Indian Postal Service (IPoS)- Function, Pay Scale, Eligibility

The Indian Postal Service holds a prestigious position among India's Group 'A' Civil Services, managing…

14 hours ago