यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा विगत 5 वर्षों की श्रेणीवार कट ऑफ: यूपीएससी लंबे समय से सिविल सेवा परीक्षा के लिए प्रारंभिक परीक्षा आयोजित कर रहा है। यद्यपि, हम अपने विश्लेषण को 2015 तक ही सीमित रखेंगे। ऐसा इसलिए है क्योंकि 2014 के बाद से प्रारंभिक परीक्षा के पैटर्न में बदलाव आया तथा पेपर- II, जिसे सीसैट के रूप में जाना जाता है, को क्वालिफाइंग प्रकृति का बना दिया गया था। इस लेख में, हम प्रत्येक वर्ष के अनुसार से यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा के कट ऑफ पर चर्चा करेंगे।
ऊपर दिया गया ग्राफ विगत 5 वर्षों में यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा के कट ऑफ के रुझान की व्याख्या करता है। यूपीएससी प्रारंभिक परीक्षा 2021 का कट ऑफ अभी उपलब्ध नहीं है क्योंकि यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा 2021 का परिणाम अभी तक घोषित नहीं किया गया है। जैसे ही यूपीएससी इसकी घोषणा करेगा, प्रारंभिक परीक्षा के कटऑफ को अद्यतन (अपडेट) कर दिया जाएगा। तब तक, आइए हम अपनी चर्चा को यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा कट ऑफ विश्लेषण तक सीमित रखें
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जैसा कि आप उपरोक्त चार्ट से देख सकते हैं, शीर्ष तीन खंड जहां से प्रश्न पूछे गए थे, वे हैं समसामयिकी (करेंट अफेयर्स), इतिहास एवं भूगोल। पैटर्न में बदलाव आने के पश्चात या प्रथम वर्ष था, इसलिए कट-ऑफ का कारण समझना अवास्तविक हो गया है। हालांकि, एक बात निश्चित रूप से कही जा सकती है कि करंट अफेयर्स ने कट-ऑफ क्लियर करने में उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करना प्रारंभ कर दिया।
2016 में कट-ऑफ बढ़कर 116 हो गई, जिसका कारण आप विगत वर्ष से अनुमान लगा सकते हैं। उम्मीदवारों ने करेंट अफेयर्स के महत्व को समझा एवं इसीलिए इस वर्ष कट-ऑफ अंक में वृद्धि हुई। पर्यावरण से पूछे गए प्रश्न भी अधिक तथ्यात्मक थे एवं इस प्रकार अंक प्रदायक (स्कोरिंग) था। इसलिए, कट-ऑफ में वृद्धि मुख्य रूप से करेंट अफेयर्स से प्रत्यक्ष पूछे गए प्रश्नों एवं पर्यावरण से तथ्यात्मक किंतु साध्य प्रश्नों के कारण हुई।
इस वर्ष का कट-ऑफ 2016 के कट ऑफ 116 से घटकर 105.34 हो गया। इस तरह की भारी कमी के दो कारण थे: पहला, करंट अफेयर्स से प्रश्नों की संख्या में कमी, एवं दूसरा, राजव्यवस्था से पूछे गए प्रश्नों की संख्या में असामान्य वृद्धि। हालांकि राज व्यवस्था को अंक प्रदायक खंड (स्कोरिंग सेक्शन) के रूप में माना जाता है, अवधारणाओं के प्रति झुकाव तथा कुछ विवादास्पद प्रश्नों (जैसे मतदान का अधिकार/ राइट टू वोट एक संवैधानिक अधिकार अथवा विधिक अधिकार है) ने इस खंड को विगत वर्षों की तुलना में कठिन बना दिया। ये तथ्य कट ऑफ में भी दिखे।
2018 में कट-ऑफ और घटकर 98 हो गया था। घटती रिक्तियों तथा बढ़ती प्रतिस्पर्धा के साथ, यह कमी एक अत्यधिक असामान्य घटना है। इस वर्ष कट-ऑफ कम होने का कारण इतिहास के खंड से प्रश्नों की संख्या में वृद्धि, कठिनाई के स्तर में वृद्धि के कारण है। अर्थव्यवस्था के प्रश्नों में भी, प्रश्नों के कठिनाई स्तर में मिश्रण के साथ वृद्धि देखी गई। प्रश्न पत्र की अस्पष्टता बम एनसीईआरटी पर ‘नवीनीकृत’ निर्भरता ने प्रश्न पत्र की कठिनाई को और बढ़ा दिया।
इस वर्ष कट-ऑफ विगत वर्ष की भांति ही ही रहा, जो 98 था। हालांकि करेंट अफेयर्स के प्रश्नों की संख्या में वृद्धि हुई, किंतु कट-ऑफ 2016 की तरह आसमान नहीं छू पाया। कारण? प्रश्नों के कठिनाई स्तर में वृद्धि। इतिहास के प्रश्न एनसीईआरटी पर अधिक आधारित थे तथा अस्पष्ट प्रश्नों ने उम्मीदवारों के प्रदर्शन को और अधिक प्रभावित किया।
यूपीएससी ने हाल ही में सिविल सेवा परीक्षा 2020 के लिए कट-ऑफ जारी किया है। इस वर्ष परीक्षा के पैटर्न में बदलाव के बाद से यह सबसे कम कट-ऑफ है। कारण? करेंट अफेयर्स का भारांक (वेटेज) अभी भी सारवान था, तथा कठिनाई का स्तर भी उतना ही था। इतिहास एवं राजव्यवस्था के प्रश्नों ने प्रश्न पत्र का प्रमुख हिस्सा गठित किया किंतु आसान प्रश्नों की संख्या कम थी।
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यूपीएससी ने यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2021 की कट ऑफ जारी नहीं की है। हालांकि, हमने विस्तार से चर्चा की है कि यूपीएससी प्रीलिम्स 2021 कट ऑफ क्या हो सकती है। यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा के कटऑफ विश्लेषण के संबंध में बेहतर अनुमान प्राप्त करने हेतु उम्मीदवारों को यह लेख पढ़ना चाहिए।
क्रियाकलाप | तिथियां |
अधिसूचना जारी होने की तिथि | 2 फरवरी 2022 |
ऑनलाइन पंजीकरण प्रारंभ होने की तिथि | 2 फरवरी 2022 |
आवेदन करने की अंतिम तिथि | 22 फरवरी 2022 |
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 की तिथि | 5 जून 2022 |
यूपीएससी सिविल सेवा प्रारंभिक परीक्षा 2022 का परिणाम | जुलाई 2022 (अनंतिम) |
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा प्रारंभ होने की तिथि | 16 सितंबर 2022 |
यूपीएससी सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का परिणाम जारी होने की तिथि | दिसंबर 2022 (अनंतिम) |
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