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स्टॉप टीबी पार्टनरशिप का स्टॉप टीबी बोर्ड वर्तमान में 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के अवसर पर वाराणसी, भारत में बैठक कर रहा है। 2030 तक तपेदिक अथवा क्षय रोग (ट्यूबरक्लोसिस/टीबी) को समाप्त करने के वर्तमान लक्ष्य के बावजूद, “अंत” की परिभाषाओं को लेकर अभी भी अस्पष्टता है एवं इस उपलब्धि को सत्यापित करने के साधन पूरी तरह से स्थापित नहीं हैं।
1993 में, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तपेदिक (टीबी) को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल के रूप में घोषित किया, जिसने संपूर्ण विश्व के लिए एक चेतावनी (वेक-अप कॉल) के रूप में कार्य किया।
2001 में, कोफी अन्नान ने ओकिनावा, जापान में जी 7 शिखर सम्मेलन में निर्धनता के रोगों के विरुद्ध कार्रवाई करने का आह्वान किया तथा एड्स, टीबी एवं मलेरिया से लड़ने के लिए वैश्विक कोष (ग्लोबल फंड) की स्थापना की गई, जिसमें वैश्विक टीबी नियंत्रण के लिए पहला कोष 2003 में वितरित किया गया था।
टीबी को समाप्त करने हेतु वैश्विक प्रतिक्रिया
2030 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है, यदि निम्नलिखित तीन प्रमुख क्षेत्रों को सुदृढ़ किया जाए अथवा पुनर्कल्पित किया जाए।
वर्तमान टीका, जो एक सदी से उपयोग में है एवं विशेष रूप से बच्चों के लिए लाभप्रद है, को अद्यतन करने की आवश्यकता है।
लगभग पांच दशक लंबी अवधि के दौरान कोई नई टीबी-रोधी दवा उपलब्ध नहीं होने के बावजूद, कुछ नई दवाएं व्यापक उपयोग के लिए उपलब्ध हो गई हैं। हालांकि, उनका उपयोग उत्पादन क्षमता एवं लागत से सीमित है।
कृत्रिम प्रज्ञान सहाय (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस/एआई-असिस्टेड) हैंडहेल्ड रेडियोलॉजी के उपयोग में रोमांचक प्रगति हुई है, जो मात्र 90 सेकंड में 95% परिशुद्धता के साथ टीबी का निदान कर सकती है। यह तकनीक परिपक्व है एवं इसे शीघ्रता से सार्वभौमिक रूप से लागू किया जाना चाहिए।
इस वर्ष भारत की जी-20 की अध्यक्षता करने तथा इस सप्ताह वाराणसी Stop TB बोर्ड की बैठक की मेजबानी करने के साथ-साथ सितंबर में टीबी पर संयुक्त राष्ट्र की उच्च स्तरीय बैठक के साथ, भारत के पास टीबी के विरुद्ध लड़ाई में अपने प्रयासों को प्रदर्शित करने एवं रोग को समाप्त करने की दिशा में धीरे-धीरे प्रगति में तेजी लाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। ।
प्र. तपेदिक अथवा क्षय रोग (ट्यूबरक्लोसिस/टीबी) क्या है?
उत्तर: क्षय रोग (टीबी) एक संक्रामक रोग है जो जीवाणु माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरक्लोसिस के कारण होता है। यह मुख्य रूप से फेफड़ों को प्रभावित करता है किंतु शरीर के अन्य भागों को भी प्रभावित कर सकता है।
प्र. टीबी किस प्रकार प्रसारित होता है?
उत्तर: टीबी हवा के माध्यम से फैलता है जब सक्रिय टीबी रोग से पीड़ित व्यक्ति खांसता अथवा छींकता है एवं कोई अन्य व्यक्ति बैक्टीरिया का अंतःश्वसन करता है।
प्र. टीबी के लक्षण क्या हैं?
उत्तर: टीबी के लक्षणों में दो सप्ताह से अधिक खांसी आना, खांसी में खून आना, सीने में दर्द, थकान, बुखार, रात को पसीना आना एवं भूख न लगना शामिल हो सकते हैं।
प्र. टीबी का निदान कैसे किया जाता है?
उत्तर: टीबी का चिकित्सा इतिहास, शारीरिक परीक्षण एवं छाती का एक्स-रे, थूक स्मीयर माइक्रोस्कोपी तथा न्यूक्लिक एसिड प्रवर्धन परीक्षण जैसे परीक्षणों के संयोजन के माध्यम से निदान किया जा सकता है।
प्र. टीबी का उपचार कैसे किया जाता है?
उत्तर: छह से नौ माह तक ली जाने वाली एंटीबायोटिक दवाओं के संयोजन से टीबी का उपचार किया जाता है। लक्षणों में सुधार होने पर भी सभी प्रतिजैविक (एंटीबायोटिक) दवाओं को औषध निर्देशन अनुसार लेना महत्वपूर्ण है।
Tuberculosis (TB) is an infectious disease caused by the bacterium Mycobacterium tuberculosis. It primarily affects the lungs but can also affect other parts of the body.
TB is spread through the air when a person with active TB disease coughs or sneezes and another person inhales the bacteria.
Symptoms of TB may include coughing for more than two weeks, coughing up blood, chest pain, fatigue, fever, night sweats, and loss of appetite.
TB can be diagnosed through a combination of medical history, physical examination, and tests such as a chest X-ray, sputum smear microscopy, and nucleic acid amplification tests.
TB is treated with a combination of antibiotics taken for six to nine months. It is important to take all the antibiotics as prescribed, even if symptoms improve.
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