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प्रासंगिकता
- जीएस 3: आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर के क्षेत्र में जागरूकता,
प्रसंग
- हाल ही में, देश भर के सभी विद्यालयी छात्रों के लिए अटल इनोवेशन मिशन (एम), नीति आयोग, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) एवं केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) द्वारा संयुक्त रूप से स्पेस चैलेंज 2021 आरंभ किया गया था।
मुख्य बिंदु
- यह चुनौती (चैलेंज) देशभर के सभी विद्यालयी छात्रों, गुरुओं एवं शिक्षकों हेतु तैयार की गई है जो न केवल एटीएल (अटल टिंकरिंग लैब) वाले विद्यालयों से जुड़े हैं बल्कि सभी गैर एटीएल विद्यालयों के लिए भी हैं।
- एटीएल स्पेस चैलेंज 2021, विश्व अंतरिक्ष सप्ताह 2021 के अनुरूप है जिसे अंतरिक्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के योगदान का उत्सव मनाने हेतु वैश्विक स्तर पर प्रत्येक वर्ष 4 से 10 अक्टूबर तक मनाया जाता है।
स्पेस चैलेंज 2021 का उद्देश्य
- यह सुनिश्चित करना है कि कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक मुक्त मंच प्रदान किया जाए जहां वे डिजिटल युग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की समस्याओं का समाधान करने हेतु नवाचार कर सकें एवं स्वयं को सक्षम कर सकें।
- यह संपूर्ण भारत में विद्यालयी छात्रों के लिए एक तरह की चुनौतियां प्रदान करता है एवं राष्ट्रव्यापी “आज़ादी का अमृत महोत्सव” के उद्देश्य के साथ संरेखित करता है, तथा युवा नवप्रवर्तकों का समर्थन करता है एवं उन्हें नई तकनीकों एवं कौशल से परिचित कराता है।
- एटीएल अंतरिक्ष चुनौती 2021 बच्चों को नए विचारों के सृजन के लिए एक ऐसा वातावरण प्रदान करती है जहां वे अपने विचारों को वास्तविकता में परिवर्तित होते हुए देख सकते हैं।
स्पेस चैलेंज 2021 विषय वस्तु
- छात्र एक साधन निर्मित कर सकते हैं जिसे कार्यान्वित किया जा सकता है एवं तकनीकों का लाभ उठाने के लिए अपनाया जा सकता है। जैसे कि,
- अंतरिक्ष का अन्वेषण
- अंतरिक्ष तक पहुंच
- अंतरिक्ष में निवास
- अंतरिक्ष से लाभ प्राप्ति
- प्रत्येक टीम को अपनी रुचि एवं समझ के आधार पर एक समस्या का चयन करना चाहिए जो किसी एक स्पेस चैलेंज थीम के अंतर्गत आता हो।