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सर्वोच्च न्यायालय ने नीट में ओबीसी कोटा बरकरार रखा- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- इन कमजोर वर्गों की सुरक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित तंत्र, कानून, संस्थान एवं निकाय।

सर्वोच्च न्यायालय ने नीट में ओबीसी कोटा बरकरार रखा- संदर्भ
- हाल ही में, सर्वोच्च न्यायालय ( सुप्रीम कोर्ट) ने स्नातक (यूजी) एवं परास्नातक (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रमों के लिए नीट में अखिल भारतीय कोटा (ऑल इंडिया कोटा) सीटों में 27% ओबीसी आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा।
- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में 27% ओबीसी आरक्षण को बरकरार रखने एवं इस वर्ष के लिए मौजूदा मानदंडों पर 10% ईडब्ल्यूएस कोटा की अनुमति देने के विस्तृत कारण बताए गए हैं।
सर्वोच्च न्यायालय ने नीट में ओबीसी कोटा बरकरार रखा- पृष्ठभूमि
- 7 जनवरी को, सर्वोच्च न्यायालय ने अखिल भारतीय कोटा सीटों मेंवर्तमान 27% ओबीसी एवं 10% ईडब्ल्यूएस आरक्षण के आधार पर रुकी हुई नीट-पीजी 2021 काउंसलिंग प्रक्रिया प्रारंभ करने का मार्ग प्रशस्त किया।
- 2021-2022 के लिए नीट-पीजी काउंसलिंग 12 जनवरी एवं यूजी काउंसलिंग 19 जनवरी को प्रारंभ हुई।
सर्वोच्च न्यायालय ने नीट में ओबीसी कोटा बरकरार रखा- आरक्षण से संबंधित संवैधानिक प्रावधान
- संविधान का अनुच्छेद 15 (1): यह कहता है कि राज्य किसी भी नागरिक के साथ केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्म स्थान या इनमें से किसी के आधार पर भेदभाव नहीं करेगा।
- संविधान का अनुच्छेद 15 (4): यह राज्य को अनुसूचित जाति (एससी) एवं अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण करने में सक्षम बनाता है।
- संविधान का अनुच्छेद 15(5): यह राज्यों को शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण करने का अधिकार प्रदान करता है।
सर्वोच्च न्यायालय ने नीट में ओबीसी कोटा बरकरार रखा- सर्वोच्च न्यायालय की प्रमुख टिप्पणियां
- सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि एक खुली प्रतियोगिता परीक्षा में प्रदर्शन की संकीर्ण परिभाषाओं के लिए योग्यता को कम नहीं किया जा सकता है जो प्रायः अवसर की औपचारिक समानता प्रदान करती है।
- योग्यता को सामाजिक रूप से प्रासंगिक बनाया जाना चाहिए एवं एक ऐसे उपकरण के रूप में पुनर्कल्पित किया जाना चाहिए जो समानता जैसी सामाजिक वस्तुओं को आगे बढ़ाता है जिसे हम एक समाज के रूप में महत्व देते हैं।
- प्रतियोगिता परीक्षाएं शैक्षिक संसाधनों को आवंटित करने हेतु मूलभूत वर्तमान योग्यता का आकलन करती हैं किंतु किसी व्यक्ति की उत्कृष्टता, क्षमताओं एवं अंतर्निहित शक्तियों को प्रतिबिंबित नहीं करती हैं।
- व्यक्तिगत उत्कृष्टता, क्षमताएं एवं अंतर्निहित शक्तियां भी जीवंत अनुभवों, उत्तरोत्तर प्रशिक्षण एवं व्यक्तिगत चरित्र से आकार ग्रहण करती हैं।
- संविधान के अनुच्छेद 15 पर टिप्पणी: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि आरक्षण का न्यायशास्त्र केवल औपचारिक समानता को नहीं, बल्कि वास्तविक समानता को मान्यता देने आया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा की-
- अनुच्छेद 15 (4) एवं 15 (5) अनुच्छेद 15 (1) का अपवाद नहीं है, जो स्वयं वास्तविक समानता ( वर्तमान असमानताओं की मान्यता सहित) के सिद्धांत को निर्धारित करता है।
- अनुच्छेद 15 (4) एवं 15 (5) वास्तविक समानता के नियम के एक विशेष पहलू का पुनर्कथन बन जाता है जिसे अनुच्छेद 15 (1) में निर्धारित किया गया है।
सर्वोच्च न्यायालय ने नीट में ओबीसी कोटा बरकरार रखा- आदेश के लिए विस्तृत कारण
- काउंसलिंग प्रक्रिया में विलंब: सर्वोच्च न्यायालय ने नीट (एनईईटी) में ओबीसी तथा ईडब्ल्यूएस आरक्षण को बरकरार रखने के लिए निम्नलिखित तर्कों का अवलोकन किया-
- ओबीसी कोटा: महामारी के बीच, चिकित्सकों की भर्ती में किसी भी प्रकार का विलंब महामारी को नियंत्रित करने की क्षमता को प्रभावित करेगा. जिससे नीट काउंसलिंग की अनुमति प्रदान करना आवश्यक हो जाएगा।
- ईडब्ल्यूएस कोटा: कोटा की वैधता पर याचिकाकर्ताओं का तर्क अखिल भारतीय कोटा सीटों में आरक्षण की अनुमति तक सीमित नहीं था, बल्कि ईडब्ल्यूएस के निर्धारण के लिए विशेष मानदंड तक विस्तृत था, जिसमें सभी इच्छुक पक्षकारों की विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता थी।
- इस संदर्भ में, सर्वोच्च न्यायालय ने अभी के लिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभिनिर्धारण के लिए वर्तमान मानदंडों के साथ परामर्श सत्र प्रारंभ करने की अनुमति प्रदान की है।
- न्यायिक औचित्य के विरुद्ध: सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि विधान अथवा नियम की संवैधानिकता को चुनौती देने वाले मामलों में, न्यायालय को एक अंतरिम आदेश पारित करने हेतु सतर्क रहना चाहिए, जब तक कि न्यायालय यह आश्वस्त न हो कि नियम प्रथम दृष्टया स्वेच्छापूर्ण हैं।
- परिणामस्वरूप, सर्वोच्च न्यायालय ने 2021-2022 के शैक्षणिक वर्ष के लिए नीट यूजी एवं पीजी सीटों में अखिल भारतीय कोटा की सीटों पर ईडब्ल्यूएस आरक्षण लागू करने की अनुमति प्रदान की।
- सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2022 में अंतिम सुनवाई के लिए ईडब्ल्यूएस श्रेणी के अभिनिर्धारण के लिए गठित पांडे समिति द्वारा निर्धारित मानदंडों की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका को सूचीबद्ध किया।



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