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भारत-मॉरीशस संबंध

भारत-मॉरीशस संबंध- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

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भारत-मॉरीशस संबंध- संदर्भ

  • भारत के प्रधानमंत्री एवं मॉरीशस के प्रधानमंत्री संयुक्त रूप से मॉरीशस में भारत-सहायता प्राप्त सामाजिक आवास इकाइयों की परियोजना का उद्घाटन करेंगे।

 

भारत-मॉरीशस संबंध- हाल के घटनाक्रम

  • भारत एवं मॉरीशस, मॉरीशस में सिविल सर्विस कॉलेज एवं 8 मेगावाट सोलर पीवी फार्म परियोजनाओं का शुभारंभ करेंगे जो भारत के विकास सहयोग के अंतर्गत किए जा रहे हैं।
  • मेट्रो एक्सप्रेस परियोजना एवं अन्य आधारभूत संरचना परियोजनाओं के लिए भारत की ओर से मॉरीशस को 190 मिलियन अमेरिकी डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) प्रदान करने से संबंधित एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।
  • भारत एवं मॉरीशस के मध्य लघु विकास परियोजनाओं के कार्यान्वयन पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) का भी आदान-प्रदान किया जाएगा।

 

भारत-मॉरीशस संबंध- पृष्ठभूमि

  • भारत एवं मॉरीशस के मध्य राजनयिक संबंध 1948 में स्थापित किए गए थे। मॉरीशस ने निरंतर डच, फ्रेंच एवं ब्रिटिश आधिपत्य के माध्यम से भारत के साथ संपर्क बनाए रखा।
  • 12 मार्च, 1968 को मॉरीशस की स्वतंत्रता के पश्चात, मॉरीशस के प्रथम प्रधान मंत्री सर शिवसागर रामगुलाम ने मॉरीशस की विदेश नीति में भारत को केंद्रीयता प्रदान की।
  • इसके बाद, मॉरीशस के उत्तरवर्ती नेताओं ने यह सुनिश्चित किया कि मॉरीशस के विदेश नीति की दिशा एवं क्रियाकलापों में भारत को एक सार्थक एवं महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हो।

 

भारत-मॉरीशस संबंध- सांस्कृतिक संबंध

  • इंदिरा गांधी भारतीय संस्कृति केंद्र/इंदिरा गांधी सेंटर फॉर इंडियन कल्चर (आईजीसीआईसी): मार्च 2000 से, यह मॉरीशस में भारतीय सांस्कृतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने हेतु एक महत्वपूर्ण स्थल के रूप में उभरा है।
    • आईजीसीआईसी मॉरीशस के छात्रों के लिए हिंदुस्तानी संगीत, कथक, तबला एवं योग के विषयों में कक्षाएं आयोजित करता है।
  • महात्मा गांधी संस्थान/महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट (एमजीआई): इसकी स्थापना 1970 में भारत सरकार एवं मॉरीशस सरकार के मध्य भारतीय संस्कृति एवं शिक्षा को प्रोत्साहित करने हेतु एक संयुक्त उद्यम के रूप में की गई थी।
  • रवींद्रनाथ टैगोर संस्थान: इसकी स्थापना 2000 में भारत सरकार की सहायता से भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं से संबंधित अध्ययन केंद्र के रूप में की गई थी।
  • भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग/ इंडियन टेक्निकल एंड इकोनामिक कोऑपरेशन (आईटीईसी): 1964 में अपनी स्थापना के पश्चात से यह भारत का प्रमुख क्षमता निर्माण कार्यक्रम रहा है।
    • भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) ने मॉरीशस के साथ भारत की विकास साझेदारी में एक दृढ़ ब्रांड नाम प्राप्त कर लिया है।
    • मॉरीशस भारतीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग (आईटीईसी) कार्यक्रम के सबसे बड़े लाभार्थी देशों में से एक है।
  • भारत सांस्कृतिक संबंध परिषद/इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशंस: भारत में उच्च शिक्षा के लिए मॉरीशस के छात्रों को प्रतिवर्ष 100 से अधिक आईसीसीआर छात्रवृत्तियां प्रदान की जाती हैं।

 

भारत-मॉरीशस संबंध-व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौता‘ (सीईसीपीए)

  • भारत-मॉरीशस संबंध-व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौता‘ (सीईसीपीए) के बारे में: व्यापक आर्थिक सहयोग एवं भागीदारी समझौता’ (सीईसीपीए) भारत एवं मॉरीशस के मध्य एक व्यापार समझौता है जिस पर फरवरी 2021 में हस्ताक्षर किए गए थे।
    • यह अपनी तरह का पहला समझौता है जिस पर भारत ने अफ्रीका के किसी देश के साथ हस्ताक्षर किए हैं।
    • सीईसीपीए पर 2005 से वार्ता चल रही थी।
  • महत्व:
    • सीईसीपीए से अधिकांश वस्तुओं पर प्रशुल्कों में कटौती अथवा उन्हें समाप्त करने के साथ-साथ सेवाओं के व्यापार को प्रोत्साहन देने हेतु मानदंडों को उदार बनाने की संभावना है।
    • सीईसीपीए भारत तथा अफ्रीकी महाद्वीप के मध्य साझेदारी में एक नया कदम भी चिन्हित करता है।
    • संयुक्त आर्थिक पहल भारत इंक को महाद्वीपीय अफ्रीका में अपने व्यवसायों के विस्तार के लिए मॉरीशस को आगे बढ़ने हेतु प्रेरण (स्प्रिंगबोर्ड) के रूप में उपयोग करने में सक्षम बनाएगी।
    • एस. जयशंकर के शब्दों में, यह मॉरीशस को “अफ्रीका के केंद्र” (हब ऑफ अफ्रीका) के रूप में उभरने में सहायता करेगा।

 

भारत-मॉरीशस संबंध-  कोविड-19 महामारी के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग

  • कोविड –19 टीके: भारत ने मॉरीशस को भारत में निर्मित (मेड-इन-इंडिया) कोविड-19 के टीकों की 200,000 खुराक की खेप भेंट की।
  • दवा आपूर्ति: भारत ने 23 टन आवश्यक दवाएं, हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की पांच लाख गोलियां, साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं की एक खेप की आपूर्ति की।
  • मिशन सागरपहल: भारतीय नौसेना की ‘मिशन सागर’ पहल के तहत एक 14 सदस्यीय चिकित्सा सहायता दल ने भी चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए मॉरीशस का दौरा किया।
  • भारत-मॉरीशस स्वास्थ्य सहयोग: भारत ने देश (मॉरीशस) में जवाहरलाल नेहरू अस्पताल एवं सुब्रमण्यम भारती नेत्र केंद्र के विकास में सहायता की है।
    • 2019 में, भारत ने 14 मिलियन डॉलर की सहायता से निर्मित एक अत्याधुनिक नाक कान गला (इयर, नोज, थ्रोट) ईएनटी अस्पताल का आभासी रूप से उद्घाटन किया।

 

भारत-मॉरीशस संबंध- रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग

  • रक्षा शस्त्रागार का हस्तांतरण: भारत ने मॉरीशस को पट्टे पर एक डोर्नियर विमान एवं एक उन्नत हल्का हेलीकॉप्टर, ध्रुव हस्तांतरित किया।
    • ये मंच देश को अपने व्यापक समुद्री क्षेत्र की निगरानी में सहायता प्रदान करने में एक लंबा सफर तय करेंगे।
  • लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) का विस्तार: भारत मॉरीशस को 100 मिलियन डॉलर की लाइन ऑफ क्रेडिट (एलओसी) देने पर सहमत हुआ है।
    • यह लाइन ऑफ क्रेडिट मॉरीशस द्वारा रक्षा उपकरणों की खरीद को सक्षम बनाने हेतु प्रदान किया गया था।
  • कौशल विकास: भारत के अनवरत सहयोग से, मॉरीशस अपने सुरक्षा बलों के कौशल का संवर्धन करने एवं अपने राष्ट्रीय तटरक्षक बल की क्षमता को पुनर्गठित करने तथा वर्धित करने में सक्षम रहा है।
    • भारतीय नौसेना एवं तटरक्षक अधिकारियों को 1974 के समझौते के अनुसार मॉरीशस के राष्ट्रीय तटरक्षक बल के अवांतर (सहयोग) में रखा गया है।
  • तटीय निगरानी: भारत ने 2011 में तटीय निगरानी रडार प्रणाली/कोस्टल सर्विलांस रडार सिस्टम (सीएसआरएस) की स्थापना करके अपनी तटीय निगरानी क्षमताओं को संवर्धित करने में मॉरीशस को सहयोग प्रदान किया है।
    • सीएसआरएस नेटवर्क हिंद महासागर क्षेत्र में देश के सामुद्रिक क्षेत्र जागरूकता/ मैरीटाइम डोमेन अवेयरनेस (एमडीए) को बढ़ाता है।
  • विभिन्न बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग: भारत-मॉरीशस सहयोग में विभिन्न तंत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत ने अनेक पहल प्रारंभ किए हैं, जिनमें सम्मिलित हैं-
    • 2015 में तीसरा भारत-अफ्रीका फोरम शिखर सम्मेलन,
    • 2020 में पहला भारत-अफ्रीका रक्षा मंत्री सम्मेलन एवं
    • फरवरी 2021 में भारत-आईओआर रक्षा मंत्री सम्मेलन
    • हिंद महासागर रिम एसोसिएशन (आईओआरए), तथा;
    • हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (आईओएनएस)

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भारत-मॉरीशस संबंध- भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग

  • हिंद महासागर/भारत-प्रशांत क्षेत्र के प्रति भारत की नीति के संदर्भ में मॉरीशस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
  • विश्व के दो-तिहाई तेल नौ परिवहन (शिपमेंट), इसके थोक कार्गो का एक-तिहाई एवं इसके कंटेनर यातायात का आधा”, हिंद महासागर के माध्यम से पारगमन करता है।
  • मॉरीशस-भारत सहयोग हिंद महासागर को भी विश्वसनीय, सुरक्षित एवं किसी भी चुनौती से मुक्त बनाएगा।
  • सागर (सभी के लिए सुरक्षा और विकास/ सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल) को भारत के प्रधान मंत्री द्वारा मॉरीशस में विमोचित किया गया था, जिसमें भारत के समुद्री पड़ोसियों के साथ आर्थिक एवं सुरक्षा सहयोग को और गहन करने का आह्वान किया गया था।
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