Categories: हिंदी

जलवायु परिवर्तन में वनों की आग का नियंत्रण

वनों की आग यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

भारत में वनों की आग: संदर्भ

  • हाल ही में किए गए एक अध्ययन में, परिवर्तित होती जलवायु में वनों की आग का नियंत्रण‘ ( मैनेजिंग फॉरेस्ट फायर्स इन ए चेंजिंग क्लाइमेट), ऊर्जा, पर्यावरण तथा जल परिषद ( काउंसिल ऑन एनर्जी  एनवायरनमेंट एंड वॉटर/सीईईडब्ल्यू) ने पाया कि विगत दो दशकों में वनों की आग में 10 गुना से अधिक की वृद्धि हो गई है।

 

परिवर्तित होती जलवायु में वनों की आग का नियंत्रण/प्रबंधन: प्रमुख निष्कर्ष

  • अध्ययन में आगे बताया गया है कि 62 प्रतिशत से अधिक भारतीय राज्य उच्च गहनता वाले वनों की आग से प्रवृत्त हैं।
  • सीईईडब्ल्यू ने पाया कि आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा तथा महाराष्ट्र ऐसे राज्य हैं जो जलवायु में  तीव्र गति से हो रहे परिवर्तन के कारण उच्च गहनता वाले वनों की आग की घटनाओं के प्रति सर्वाधिक प्रवण हैं।
  • अध्ययन से यह भी ज्ञात होता है कि 75 प्रतिशत से अधिक भारतीय जिले प्रचंड जलवायविक घटना के हॉटस्पॉट हैं तथा 30 प्रतिशत से अधिक जिले वनों की अत्यधिक आग वाले हॉटस्पॉट हैं।
  • मिजोरम में विगत दो दशकों में वनों में आग लगने की सर्वाधिक घटनाएं हुई हैं, इसके 95 प्रतिशत से अधिक जिले वनों की आग के हॉटस्पॉट हैं
  • उष्णकटिबंधीय आद्र पर्णपाती वन, इसके बाद उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन, वनों की आग के प्रति संवेदनशील हैं।

 

वनों की आग के कारण

मानव जनित वनों की आग के तीन प्राथमिक कारण हैं:

  • गर्म तापमान,
  • कम आर्द्रता तथा
  • शुष्क मौसम में वृद्धि

 

वनों की आग की बारंबारता में वृद्धि

  • सरिस्का वन्य जीव अभ्यारण्य में हाल की घटना उस सप्ताह में चौथी वनों की आग की घटना थी जब यह  घटित हुई थी।
  • इससे  पूर्व, वनों की याद ग्रीष्म ऋतु के महीनों के दौरान होती थी, जो कि मई एवं जून के मध्य होती थी।  यद्यपि, वसंत के दौरान, मार्च एवं मई के  मध्य, हमने जलवायु परिवर्तन के कारण अनेक अन्य वनों की आग को देखना शुरू कर दिया है।
  • इसका तात्पर्य है कि वनों में आग लगने की अवधि दो से तीन माह पूर्व थी, किंतु अब यह लगभग छह माह है

 

पूर्वोत्तर राज्य में वनों की आग

  • सिक्किम के अतिरिक्त अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर एवं त्रिपुरा सहित अधिकांश पूर्वोत्तर क्षेत्र (नॉर्थ ईस्ट रीजन/एनईआर) में हाल के दशकों में वनों मैं आग लगने की घटनाओं में वृद्धि हुई है।
  • एनईआर वर्षा सिंचित क्षेत्र होने के बावजूद, मार्च-मई के दौरान शुष्क मौसम में वृद्धि के दौरान तथा पर्याप्त वर्षा वितरण प्रतिरूप के कारण वनों में आग लगने की अधिक घटनाएं देखी जा रही हैं।

 

वनों की आग एक प्राकृतिक आपदा है

  • चक्रवात, बाढ़ एवं भूकंप के विपरीत, जो बड़ी आपदाएं हैं, वनों की आग को प्राकृतिक आपदा के रूप में वर्गीकृत नहीं किया जाता है
  • इसका तात्पर्य यह है कि इन आग  लगने की घटनाओं का प्रबंधन वन विभागों के कार्य क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहां कर्मचारियों की संख्या पर्याप्त है तथा इन घटनाओं को संभालने की क्षमता नहीं है।
  • अध्ययन का विचार है कि वनों की आग को प्राकृतिक आपदा के रूप में अभिहित करने से उनके प्रबंधन के लिए वित्तीय आवंटन भी किया जाएगा।

परिवर्तित होती जलवायु में वनों की आग का प्रबंधन: सिफारिशें

  • अध्ययन ने संस्तुति की कि वनों की आग को प्राकृतिक आपदाके रूप में माना जाना चाहिए तथा इसे राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधीन लाया जाना चाहिए।
  • अध्ययन में यह भी संस्तुति की गई है कि सभी प्रकार की आग की घटनाओं का पता लगाने के विपरीत, जो एकत्र किए गए डेटा को विकृत करती है, मात्र वनों की आग के लिए वनों की आग से संबंधित चेतावनी प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
    • वर्तमान में, मोडरेट-रिज़ॉल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रोमाडोमीटर (MODIS) सेंसर वनों की आग को फसल जलने, अपशिष्ट जलाने तथा अन्य आग  लगने की छोटी घटनाओं से पृथक करने में असमर्थ है, जो वनों की आग के आंकड़ों को विकृत करती है।
  • सीईईडब्ल्यू ने वनों में आग लगने की घटना की आशंका वाले क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता निगरानी में सुधार और आग लगने की घटनाओं में वृद्धि से निपटने के लिए वन विभागों तथा स्थानीय समुदायों की अनुकूलन क्षमता बढ़ाने की भी सिफारिश की।

 

विश्व में जैव विविधता हॉटस्पॉट की सूची यूआईडीएआई ऑडिट: सीएजी ने आधार कार्ड में कई मुद्दों को चिन्हित किया संपादकीय विश्लेषण- बियोंड बॉर्डर-गावस्कर (ईसीटीए) इंडियन टेंट टर्टल
वन ओशन समिट केंद्रीय मीडिया प्रत्यायन दिशा निर्देश 2022 उत्तर पूर्व विशेष अवसंरचना विकास योजना (एनईएसआईडीएस) प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) | पीएमएमवीवाई के प्रदर्शन का विश्लेषण
सुरक्षित इंटरनेट दिवस: इंटरनेट एवं बच्चों की सुरक्षा भारत में कृषक आंदोलनों की सूची मूल अधिकार (अनुच्छेद 12-35)- स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19-22) पीएम किसान संपदा योजना विस्तारित
manish

Recent Posts

Bodhisattvas: History, List of Bodhisattvas, Four Virtues

Bodhisattvas are people following Buddha's path to enlightenment, aiming to become Buddhas themselves. The term…

1 day ago

Uttarakhand Judiciary Salary 2024, Check Salary Structure

The Uttarakhand High Court administers the Uttarakhand Judicial Service Examinations to appoint suitable candidates for…

1 day ago

Chhattisgarh HC Assistant Syllabus 2024: Prelims and Mains (Download PDF)

The official website of the High Court of Chhattisgarh, Bilaspur has made available the Chhattisgarh…

1 day ago

Muslim Population in India 2024, States with Highest Muslim Population

According to data presented in the Lok Sabha, the anticipated Muslim population in India for…

1 day ago

MPPSC Exam Date 2024, Check New Prelims Exam Date

The Madhya Pradesh Public Service Commission (MPPSC) released the MPPSC Notification 2024 last year. However,…

1 day ago

OPSC OCS Notification 2024 Out for 399 Vacancies, Check Details

The Odisha Public Service Commission (OPSC) has issued the Notification for the Odisha Civil Services…

1 day ago