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विवाह के लिए आयु में वृद्धि करने हेतु कानून पर्याप्त नहीं है क्योंकि प्रवर्तन खराब है, द हिंदू संपादकीय विश्लेषण

भारत में विवाह के लिए कानूनी उम्र चर्चा में क्यों है?

हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने भारत में महिलाओं की  विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21वर्ष करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया। भारत के मुख्य न्यायाधीश, डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि कानून में संशोधन करने की शक्ति संसद के पास है।

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021

बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक लोकसभा में दिसंबर 2021 में पेश किया गया था। इस विधेयक में महिलाओं के लिए विवाह की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव है।

  • विपक्षी सांसदों द्वारा विधेयक की और व्यापक जांच की मांग के बाद इसे संसदीय स्थायी समिति के पास भेजा गया था।
  • प्रमुख चिंताएं: सांसदों ने निम्नलिखित संबंधित प्रश्न उठाए थे-
    • कानून की प्रवर्तनीयता,
    • व्यक्तिगत कानून (पर्सनल लॉ) पर विधेयक का हमला, एवं
    • युवा महिलाओं की श्रम शक्ति में अल्प भागीदारी।

Pic Curtesy- द हिंदू न्यूज पेपर, लीगल मैरिज एज इन इंडिया

विवाह की कानूनी आयु का अपर्याप्त कार्यान्वयन

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बरती गई सावधानी एवं विधेयक को पारित करने से पूर्व उसकी छानबीन करने की विपक्षी सांसदों की सलाह सुप्रतिष्ठित है।

  • ऐसा इसलिए है, क्योंकि महिलाओं की विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष होने के बावजूद, 2019-21 में लगभग 23% महिलाएं, जिनकी आयु 20 से 24 वर्ष के बीच थी, अपने 18वें जन्मदिन से पूर्व विवाह कर लीं।
    • वास्तव में, पूर्वी राज्यों बिहार एवं पश्चिम बंगाल में, हिस्सेदारी 40% से अधिक थी।
    • असम, आंध्र प्रदेश एवं राजस्थान में, हिस्सेदारी 25% से अधिक थी।
    • अन्य राज्यों में केरल, हिमाचल प्रदेश, पंजाब तथा उत्तराखंड में यह अंश 10% से कम था।
  • भारत में, 2019-21 में 25 से 29 वर्ष की आयु की 60% से अधिक महिलाओं ने अपने 21वें जन्मदिन से  पूर्व विवाह कर लिया था।
    • पूर्वी राज्यों बिहार एवं पश्चिम बंगाल में, हिस्सेदारी 70% से अधिक थी।
    • आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना एवं त्रिपुरा में यह 65% से अधिक था।
    • यहां तक कि गोवा में भी, ऐसी महिलाओं की न्यूनतम हिस्सेदारी वाले राज्य में, 2019-21 में 25 से 29 वर्ष की आयु की पांच महिलाओं में से एक का विवाह 21 वर्ष की आयु पूर्ण होने से पूर्व हो गया था।

बाल विवाह की अपर्याप्त रिपोर्टिंग

18 वर्ष की आयु से पूर्व विवाह करने वाली महिलाओं की इतनी अधिक हिस्सेदारी के बावजूद, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, 2021 में बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत केवल 1,050 मामले दर्ज किए गए थे।

  • इतनी कम संख्या में मामलों से पता चलता है कि कम उम्र में विवाह की रिपोर्ट नगण्य है, जिसके परिणामस्वरूप कानून का सीमित प्रवर्तन होता है।
  • ये आंकड़े 2023 में बढ़ सकते हैं क्योंकि असम में बाल विवाह पर 3,000 से अधिक मामले सामने आए हैं।
  • विवाह हेतु न्यूनतम कानूनी आयु को 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने के प्रस्ताव के साथ, प्रवर्तन का प्रश्न और भी बड़ा हो जाता है।

आगे की राह

जबकि कानूनों को बदला जा सकता है, प्रवर्तन कमजोर रह सकता है क्योंकि कम उम्र में विवाह की सूचना अत्यंत कम प्राप्त होती है। अतः, विवाह की कानूनी आयु को बदलने के स्थान पर सरकार का ध्यान कार्यान्वयन पर होना चाहिए।

  • सुशिक्षित (बेहतर-शिक्षित) महिलाओं का इस बात पर अधिक नियंत्रण होता है कि उन्हें कब विवाह करना चाहिए।
  • जागरूकता एवं बेहतर बातचीत की शक्तियों के कारण, कम आयु की महिलाओं ने अपनी माताओं एवं दादी-नानी की तुलना में अपनी औसत विवाह आयु कई वर्षों तक बढ़ा दी है।
  • इस प्रगति को, असम, मेघालय और मणिपुर को छोड़कर सभी राज्यों में देखा जा सकता है, 20-24 आयु वर्ग में महिलाओं की हिस्सेदारी 18 वर्ष से पूर्व विवाह करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी 45-49 आयु वर्ग की तुलना में अत्यंत कम थी।
  • यह युवा महिलाओं के बीच बेहतर शिक्षा के स्तर से सहायता प्राप्त बातचीत की बढ़ती शक्ति का प्रतिबिंब है।

भारत में विवाह के लिए कानूनी आयु के संदर्भ में प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न. भारत में महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी आयु क्या है।

उत्तर. वर्तमान में, भारत में महिलाओं के लिए विवाह की कानूनी आयु 18 वर्ष एवं पुरुषों के लिए 21 वर्ष है।

प्रश्न. बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 क्या प्रस्तावित करता है?

उत्तर. बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 में महिलाओं के लिए विवाह की आयु 18 वर्ष से बढ़ाकर 21 वर्ष करने का प्रस्ताव है।

 

FAQs

What is the Legal Age for Marriage in India for women.

Presently, the Legal Age for Marriage in India for women is 18 years and for men 21 years.

What is the Prohibition of Child Marriage (Amendment) Bill 2021 proposes?

The Prohibition of Child Marriage (Amendment) Bill 2021 proposes to raise the age of marriage for women from 18 to 21 years.

manish

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