Categories: Uncategorised

कुचिपुड़ी नृत्य-भारतीय शास्त्रीय नृत्य

कुचिपुड़ी नृत्य- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 1: भारतीय इतिहास- भारतीय संस्कृति प्राचीन से आधुनिक काल तक कला रूपों, साहित्य एवं वास्तुकला के मुख्य पहलुओं को समाहित करेगी।

कुचिपुड़ी नृत्य

  • कुचिपुड़ी भारतीय नृत्य की आठ शास्त्रीय शैलियों में से एक है। कुचिपुड़ी नृत्य का नाम आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के एक गांव के नाम पर पड़ा है।
  • कुचिपुड़ी मुख्य रूप से एक हिंदू देवता कृष्ण-उन्मुख वैष्णववाद परंपरा के रूप में विकसित हुई एवं यह भागवत मेले से सर्वाधिक निकटता से संबंधित है।
  • पैरों के लय (फुटवर्क) में नर्तकियों की निपुणता एवं उनके शरीर पर उनके नियंत्रण तथा संतुलन को प्रदर्शित करने हेतु, कुचिपुड़ी नृत्य में पीतल की प्लेट के किनारों पर एवं सिर पर पानी से भरे घड़े के साथ नृत्य करने जैसी तकनीकों का उपयोग किया जाता है।
  • सहगामी संगीत तथा संगीत वाद्ययंत्र: कुचिपुड़ी नृत्य कर्नाटक संगीत के शास्त्रीय विधा से संबंधित है। गायक के अतिरिक्त साथ देने वाले संगीतकार हैं-
    • एक मृदंगम वादक ताल वाद्य संगीत प्रदान करने हेतु,
    • एक वायलिन अथवा वीणा वादक या दोनों वाद्य संगीत प्रदान करने के लिए, एवं
    • एक झांझ वादक जो आमतौर पर वादक समूह (ऑर्केस्ट्रा) का संचालन करता है एवं सोलुकट्टू (स्मरक ताल शब्दांश) का पाठ करता है।
  • प्रसिद्ध प्रतिपादक: इंद्राणी बाजपेयी (इंद्राणी रहमान) कुचिपुड़ी नृत्य की एक प्रसिद्ध प्रतिपादक हैं जिन्होंने आंध्र के बाहर सार्वजनिक प्रदर्शन के माध्यम से कुचिपुड़ी कला को प्रोत्साहित किया।
    • वेम्पति चिन्ना सत्यम एक प्रसिद्ध नर्तक एवं कुचिपुड़ी नृत्य शैली के गुरु हैं।
    • कुचिपुड़ी नृत्य के अन्य प्रसिद्ध प्रस्तावकों में सम्मिलित हैं- राजा एवं राधा रेड्डी, उनकी पुत्री यामिनी रेड्डी; कौशल्या रेड्डी; भावना रेड्डी, इत्यादि।

कुचिपुड़ी नृत्य- पृष्ठभूमि

  • इस शताब्दी के तीसरे एवं चौथे दशक के आसपास, कुचिपुड़ी नृत्य समान नाम के नृत्य-नाटक की एक लंबी समृद्ध परंपरा से उदय हुआ।
  • 17वीं शताब्दी में यक्षगान की कुचिपुड़ी शैली की कल्पना एक प्रतिभाशाली वैष्णव कवि एवं दूरदर्शी सिद्धेंद्र योगी ने की थी।
  • वे अपने गुरु तीर्थ नारायण योगी द्वारा निर्देशित साहित्यिक यक्षगान परंपरा में तल्लीन थे, जिन्होंने संस्कृत में एक काव्य कृष्ण-लीलातरंगिणी की रचना की थी।
  • ऐसा कहा जाता है कि सिद्धेंद्र योगी ने एक स्वप्न देखा था जिसमें भगवान कृष्ण ने उन्हें सत्यभामा के लिए पारिजात का पुष्प लाने के मिथक पर आधारित एक नृत्य नाटक की रचना करने के लिए कहा था।
  • सिद्धेंद्र योगी ने कुचिपुड़ी गांव के युवा ब्राह्मण लड़कों को विशेष रूप से भामाकलपम की रचनाओं का अभ्यास एवं प्रदर्शन करने हेतु पहल की।

यूपीएससी एवं राज्य लोक सेवा आयोगों की परीक्षाओं हेतु नि शुल्क अध्ययन सामग्री प्राप्त करें

कुचिपुड़ी नृत्य- नृत्य की प्रमुख विशेषताएं एवं प्रवाह

  • कुछ अन्य शास्त्रीय नृत्य शैलियों की भांति कुचिपुड़ी की प्रस्तुति एक शारदा स्तवन पूर्ण प्रस्तुति से प्रारंभ होती है।
    • पहले स्तुति गणेश वंदना तक ही सीमित थी। अब अन्य देवताओं की स्तुति भी की जाती है।
  • इसके बाद नृत्‍त अर्थात गैर-आख्यान एवं भाववाचक नृत्य होता है। सामान्य तौर पर, जातिस्वरम को नृत्त प्रस्तुति के रूप में प्रदर्शित किया जाता है।
  • इसके बाद एक आख्यान कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाता है जिसे शब्दम कहा जाता है। प्रिय पारंपरिक शब्दम  कार्यक्रमों में से एक दशावतार है।
  • शब्दम के बाद एक नाट्य प्रस्तुति होती है जिसे कलापम कहा जाता है।
    • अनेक कुचिपुड़ी नर्तक पारंपरिक नृत्य-नाटक भामाकलपम से सत्यभामा के प्रवेश का प्रदर्शन करना पसंद करते हैं।
  • इस क्रम में अगली प्रस्तुति एक शुद्ध नृत्य अभिनय है जो साहित्यिक-सह संगीत रूपों जैसे पदम, जाावली, श्लोकम इत्यादि पर आधारित प्रस्तुति है।
    • इतनी संख्या में गाये गए शब्दों में से प्रत्येक को नृत्य, दृश्य-कविता (विजुअल पोएट्री) के माध्यम से अंतराल में चित्रित किया गया है।
  • कुचिपुड़ी प्रस्तुति आमतौर पर तरंगम के साथ समाप्त होती है। इसी प्रस्तुति से कृष्ण-लीला-तरंगिणी के अंशो का गायन किया जाता है।
    • इसमें नर्तक सामान्य तौर पर पीतल की प्लेट पर खड़ा होकर पैरों को शकटवादनम पाद में बंद कर देता है एवं अत्यंत निपुणता के साथ थाली को तालबद्ध रूप से गतिमय करता है।

 

manish

Recent Posts

Tips on Starting Your IAS Preparation During Graduation

Getting ready for the IAS exam takes time and effort. Starting early with good coaching…

3 hours ago

Himachal Pradesh Judiciary Syllabus 2024, PDF Download Prelims and Mains

In this article, you can find a link to a PDF with the Himachal Public…

4 hours ago

How To Start UPSC Preparation From Zero Level? Step By Step

"How to Begin UPSC Preparation From Scratch" is a pressing question for many UPSC aspirants,…

5 hours ago

HPPSC Exam Calendar 2024 Out, Check Application and Exam Details

The HPPSC Exam Calendar 2024 for various number of exams was made public by the…

5 hours ago

Mizoram Judiciary Syllabus 2024, Prelims and Mains PDF Download

The Mizoram Judicial Services Examination is conducted by judiciary authorities in the state of Mizoram…

6 hours ago

Nagaland Judicial Services Exam Syllabus 2024, Prelims and Mains PDF

Aspiring candidates interested in applying for vacancies in the Nagaland Civil Judge Examination can kickstart…

6 hours ago