‘कर्तव्य पथ‘- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां
- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
‘कर्तव्य पथ‘ चर्चा में क्यों है?
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी 8 सितंबर, 2022 को संध्या 7 बजे ‘कर्तव्य पथ’ का उद्घाटन करेंगे।
- प्रधानमंत्री इस अवसर पर इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण भी करेंगे।
‘कर्तव्य पथ‘
- कर्तव्य पथ के बारे में: भारत सरकार ने भारत में ब्रिटिश उपनिवेश के अवशेषों का त्याग करने हेतु राजपथ एवं सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर कर्तव्य पथ करने की घोषणा की है।
- प्रमुख विशेषताएँ:
- कर्तव्य पथ पर, नए पैदल यात्री अंडरपास, बेहतर पार्किंग स्थान, नए प्रदर्शनी पैनल एवं रात्रि काल में प्रकाश की उन्नत व्यवस्था कुछ अन्य विशेषताएं हैं जो सार्वजनिक अनुभव में वृद्धि करेगी।
- ‘कर्तव्य पथ’ में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, तूफानी जल प्रबंधन, उपयोग किए गए जल का पुनर्चक्रण, वर्षा जल संचयन, जल संरक्षण एवं ऊर्जा दक्ष प्रकाश व्यवस्था जैसी अनेक धारणीय विशेषताएं शामिल हैं।
- कर्तव्य पथ में सुंदर परिदृश्य, उद्यानपथों (वॉकवे) के साथ लॉन, अतिरिक्त हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, नए सुविधा ब्लॉक, बेहतर साइनेज एवं वेंडिंग कियोस्क प्रदर्शित होंगे।
- महत्व: ये कदम अमृत काल में नवीन भारत के लिए प्रधानमंत्री के दूसरे ‘पंच प्राण’ के अनुरूप हैं: ‘औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी अवशेष को समाप्त कर दें’।
- यह सत्ता के प्रतीक के रूप में पूर्ववर्ती राजपथ से सार्वजनिक स्वामित्व एवं अधिकारिता का एक उदाहरण होने के नाते कर्तव्य पथ में बदलाव का प्रतीक होगा।
‘कर्तव्य पथ‘ के विकास की आवश्यकता
- वर्षों से, राजपथ एवं सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के आसपास के क्षेत्रों में आगंतुकों के बढ़ते यातायात का दबाव देखा जा रहा था, जिससे इसकी आधारिक संरचना पर दबाव पड़ा।
- इसमें सार्वजनिक शौचालय, पेयजल, स्ट्रीट फर्नीचर एवं पर्याप्त पार्किंग स्थल जैसी बुनियादी सुविधाओं का अभाव था।
- इसके अतिरिक्त, अपर्याप्त साइनेज, जल संरचनाओं का खराब रखरखाव एवं बेतरतीब पार्किंग थी।
- साथ ही, गणतंत्र दिवस परेड एवं अन्य राष्ट्रीय कार्यक्रमों को कम विघटनकारी तरीके से आयोजित करने की आवश्यकता महसूस की गई, जिसमें सार्वजनिक आवागमन पर न्यूनतम प्रतिबंध हो।
- वास्तुशास्त्रीय चरित्र की अखंडता एवं निरंतरता को सुनिश्चित करते हुए इन चिंताओं को ध्यान में रखते हुए पुनर्विकास किया गया है।
इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के बारे में
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के बारे में: नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा उसी स्थान पर स्थापित की जा रही है, जहां इस वर्ष के प्रारंभ में पराक्रम दिवस पर नेताजी की होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण किया गया था।
- प्रमुख विशेषताएं: ग्रेनाइट से निर्मित नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा, हमारे स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी के अपार योगदान के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि है एवं उनके प्रति देश के आभार का प्रतीक होगी।
- श्री अरुण योगीराज, जो मुख्य मूर्तिकार थे, द्वारा तैयार की गई, 28 फीट ऊंची प्रतिमा को एक एकात्मक ग्रेनाइट पत्थर से उत्कीर्ण किया गया है एवं इसका वजन 65 मीट्रिक टन है।