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भारत का प्रथम “नाइट स्काई सैंक्चुअरी” लद्दाख में स्थापित किया जाएगा

नाइट स्काई सैंक्चुअरी – यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक विकसित करना।

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नाइट स्काई सैंक्चुअरी चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में, भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ( डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी/डीएसटी) ने लद्दाख में भारत का प्रथम “नाइट स्काई सैंक्चुअरी” स्थापित करने का कार्य प्रारंभ किया है जो आगामी तीन माह में पूरा हो जाएगा।

 

रात्रि आकाश अभ्यारण्य (नाइट स्काई सेंचुरी)

  • नाइट स्काई सैंक्चुअरी के बारे में: नाइट स्काई सैंक्चुअरी भारत सरकार द्वारा एक विशिष्ट एवं अपनी तरह की प्रथम पहल है जो भारत में खगोलीय (एस्ट्रो) पर्यटन को बढ़ावा देगी।
  • प्रतिभागी: डार्क स्पेस रिजर्व प्रारंभ करने हेतु हाल ही में संघ राज्य क्षेत्र (यूनियन टेरिटरीज/यूटी) प्रशासन, लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद (लद्दाख ऑटोनॉमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल/एलएएचडीसी) लेह  एवं भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स/आईआईए) के मध्य एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • स्थान: प्रस्तावित डार्क स्काई रिजर्व लद्दाख के हनले में चांगथांग वन्यजीव अभ्यारण्य के एक भाग के रूप में स्थित होगा।
  • महत्व: भारत के प्रथम “नाइट स्काई सैंक्चुअरी” में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के अंतःक्षेप के माध्यम से स्थानीय पर्यटन तथा अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में सहायता करने के लिए गतिविधियाँ होंगी।
    • भारत का पहला “नाइट स्काई सैंक्चुअरी”  प्रकाशीय (ऑप्टिकल), अवरक्त किरण (इन्फ्रा-रेड) तथा गामा- किरण टेलीस्कोप के लिए विश्व के सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित स्थानों में से एक होगा।

 

लद्दाख के विकास को प्रोत्साहित करने हेतु सरकारी कदम

  • लद्दाख में चमड़े के अनुसंधान एवं उद्योग के लिए तथा जानवरों की त्वचा से व्युत्पन्न उत्पादों की जैव-अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने हेतु पशुओं की एक अत्यंत समृद्ध एवं विस्तृत विविधता है।
  • हाल ही में, सीएसआईआर ने प्रसिद्ध पश्मीना बकरियों के रोगों के उपचार के लिए लेह एवं कारगिल में दो-दो प्रशिक्षण कार्यशालाओं का भी आयोजन किया।
    • लद्दाख के चरथांग में भेड़ एवं याक के अतिरिक्त 4 लाख से अधिक पशु हैं, जिनमें मुख्य रूप से पश्मीना बकरियां हैं।
  • आगामी वर्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग लद्दाख शिक्षा मेले के लिए एक विशिष्ट तथा विशाल मंडप स्थापित करेगा, जो एक वार्षिक समारोह होगा।
    • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ( डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी/डीएसटी) युवाओं की  नियोजन योग्यता पर मुख्य रूप से ध्यान देने के साथ सही विषय का चयन, छात्रवृत्ति, वृत्ति विकास (करियर) मार्गदर्शन, कौशल विकास तथा शिक्षुता में सक्रिय रूप से भाग लेगा।
  • सीएसआईआर “लेह बेरी” को भी प्रोत्साहित कर रहा है जो शीत मरुस्थल का एक विशिष्ट खाद्य उत्पाद है  एवं व्यापक उद्यमिता के साथ-साथ आत्म-आजीविका का साधन भी है।
    • हाल ही में, लद्दाख प्रशासन ने “लेह बेरी” का व्यावसायिक वृक्षारोपण प्रारंभ करने का निर्णय लिया है, जो पूरे क्षेत्र में लोकप्रियता हासिल कर रहा है।

 

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