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सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र 

सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र _3.1

सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र चर्चा में क्यों है?

  • हाल ही में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने चंदौली (उत्तर प्रदेश) में सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र की आधारशिला रखी।

 

सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र

  • सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र के बारे में: सब्जियों के लिए भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र एक ऐसे स्थान के रूप में कार्य करेगा जहां उन्नत सब्जियों के बीज एवं पौधों की खेती की जाएगी तथा किसानों को वितरित किया जाएगा।
    • किसान स्वयं के लिए पौधों के विकास को भी प्रायोजित कर सकते हैं।
  • इजराइल की भूमिका: केंद्र के लिए प्रौद्योगिकी भारत-इजराइल कार्य योजना (इंडिया इजरायल एक्शन प्लान/आईआईएपी) के तहत इज़राइली विशेषज्ञों द्वारा प्रदान की जाती है, जिसमें मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हॉर्टिकल्चर (एमआईडीएच) से प्रदर्शन उद्देश्यों के लिए आधारिक अवसंरचना के निर्माण के लिए वित्त प्रदान किया जाता है।
  • स्थान: इजरायल प्रौद्योगिकियों के आधार पर राज्यों में उत्कृष्टता केंद्र (सेंटर्स ऑफ एक्सीलेंस/सीओई) स्थापित किए जा रहे हैं।
  • महत्व: ये उत्कृष्टता केंद्र बागवानी के क्षेत्र में नवीनतम तकनीकों के लिए प्रदर्शन एवं प्रशिक्षण केंद्र के रूप में कार्य करते हैं।
    • वे संरक्षित कृषि में फलों एवं सब्जियों के लिए रोपण सामग्री के स्रोत के रूप में भी कार्य करते हैं।
  • चंदौली क्यों (उत्तर प्रदेश): चंदौली जिले की जलवायु, जिसे उत्तर प्रदेश का धान का कटोरा कहा जाता है, सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने हेतु उपयुक्त है।
    • राज्य में 9 कृषि-जलवायु क्षेत्र हैं जो वर्ष भर विभिन्न बागवानी फसलों की खेती के लिए अनुकूल हैं।
  • प्रमुख क्रियाकलाप: सब्जियों के लिए उत्कृष्टता केंद्र में स्थापित होने वाले हाई-टेक जलवायु नियंत्रित हरितगृह में टमाटर, काली मिर्च, बैंगन, मिर्च, ककड़ी, एवं विदेशी सब्जियों का बीज उत्पादन करने का प्रस्ताव है।
    • खुले मैदान में ककड़ी, फूलगोभी, बेबी कॉर्न, स्वीट कॉर्न एवं विदेशी सब्जियों की खेती प्रस्तावित है।
    • खुले में सूक्ष्म सिंचाई के साथ-साथ फर्टिगेशन (उर्वरक उपयोग की एक विधि) एवं केमिगेशन प्रणाली से खेती का अभिप्रयोग (ट्रायल) प्रदर्शन किया जाएगा।
    • रिसाव (सीपेज), फुहारा सिंचाई (स्प्रिंकलर इरिगेशन) एवं अन्य प्लास्टिक संवर्धन (कल्चर) अनुप्रयोगों की स्थापना का भी प्रदर्शन किया जाएगा।

 

सब्जियों के लिए इंडो-इजराइल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस- किसानों को लाभ 

  • सब्जियों का उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों को अत्यधिक लाभ प्राप्त होगा।
    • खेती की नवीनतम पद्धतियों का उपयोग करने से किसान बेहतर उपज प्राप्त कर सकेंगे तथा सब्जियों का निर्यात भी कर सकेंगे।
  • वैश्विक स्तर पर कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहित करने हेतु इस उत्कृष्टता केंद्र में सब्जियों सहित अन्य कृषि उत्पादों की नर्सरी तैयार की जाएगी।
    • इससे न केवल यहां के किसानों को लाभ प्राप्त होगा, बल्कि सब्जियों एवं कृषि के क्षेत्र में जिले को विश्व स्तर पर पहचान दिलाने में सहायता प्राप्त होगी।

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कृषि क्षेत्र में भारत-इजरायल सहयोग- प्रमुख बिंदु

  • भारत-इजरायल कृषि परियोजना: यह उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की अवधारणा पर आधारित है जो उत्पादकता में वृद्धि करने एवं उपज की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से किसानों को प्रौद्योगिकी के तीव्र हस्तांतरण के लिए एक मंच प्रदान करता है।
    • भारत-इजरायल कृषि सहयोग परियोजना का प्रथम चरण 2008 में तीन वर्ष की कार्य योजना पर हस्ताक्षर के पश्चात प्रारंभ हुआ था।
    • 2012-2015 की अवधि को सम्मिलित करने हेतु योजना को बाद में विस्तारित कर दिया गया था।
    • इस ढांचे के भीतर, इजरायल राज्य से सर्वोत्तम पद्धतियों एवं सूचनाओं को साझा करने तथा इजराइल एवं भारत दोनों में आयोजित किए जाने वाले पेशेवर प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से क्षमता निर्माण उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया था।
  • इंडो-इजराइल उत्कृष्टता केंद्र: वे भारतीय कृषि मंत्रालय एवं एमएएसएचएवी – अंतर्राष्ट्रीय विकास सहयोग के लिए इजरायल की एजेंसी के मध्य सहयोग से भारत-इजरायल कृषि परियोजना के तहत स्थापित किए गए हैं।
  • भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र के बारे में: भारत-इजरायल उत्कृष्टता केंद्र उत्पादकता मैं वृद्धि करने एवं उपज की गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से किसानों को प्रौद्योगिकी के त्वरित हस्तांतरण हेतु एक मंच प्रदान करते हैं।
  • महत्व: उत्कृष्टता केंद्र ज्ञान उत्पन्न करते हैं, सर्वोत्तम पद्धतियों का प्रदर्शन करते हैं एवं किसानों को प्रशिक्षित करते हैं।
    • प्रदर्शन: कृषि मंत्री ने बताया कि 12 राज्यों में 29 उत्कृष्टता केंद्र कार्यरत हैं। उत्कृष्टता के ये केंद्र हैं-
    • 25 मिलियन से अधिक वनस्पति पौधों एवं 387 हजार से अधिक गुणवत्ता युक्त फलदार पौधे का उत्पादन तथा
    • प्रति वर्ष 1.2 लाख से अधिक किसानों को प्रशिक्षित कर सकते हैं।
  • भारत इजराइल उत्कृष्टता ग्राम/इंडो-इजराइल विलेज ऑफ़ एक्सीलेंस: यह एक नवीन अवधारणा है जिसका उद्देश्य आठ राज्यों में कृषि में एक आदर्श पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करना है, जिसमें 75 गांवों के भीतर 13 उत्कृष्टता केंद्र हैं।
    • इंडो-इजरायल विलेज ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम निवल आय में वृद्धि को प्रोत्साहित करेगा एवं व्यक्तिगत रूप से किसान की आजीविका को बेहतर करेगा, पारंपरिक खेतों को आईआईएपी मानकों के आधार पर आधुनिक-गहन खेतों में रूपांतरित कर देगा।
    • आर्थिक स्थिरता के साथ एक व्यापक स्तर पर एवं पूर्ण मूल्य श्रृंखला दृष्टिकोण, इजरायल की नवीन प्रौद्योगिकियों एवं कार्यप्रणाली के साथ अंतः स्थापित (एम्बेडेड) स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप होगा।
  • फोकस क्षेत्र: इंडो-इजरायल विलेज ऑफ एक्सीलेंस कार्यक्रम पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा-
    • आधुनिक कृषि अवसंरचना,
    • क्षमता निर्माण,
    • बाजार संबद्धता।

 

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