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ग्राउंड्सवेल रिपोर्ट

प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं अवक्रमण।

 

प्रसंग

  • विश्व बैंक ने हाल ही में जलवायु परिवर्तन पर ग्राउंड्सवेल रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट इस बात की जांच करती है कि कैसे धीमी गति से आरंभ होने वाले जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, जैसे कि जल का भाव, घटती फसल उत्पादकता एवं समुद्र के जलस्तर में वृद्धि, 2050 तक लाखों “जलवायु प्रवासियों” को जन्म दे सकता है।

 

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मुख्य बिंदु

  • आंतरिक जलवायु प्रवास के हॉटस्पॉट 2030 के प्रारंभ में प्रकट हो सकते हैं एवं 2050 तक  विस्तृत एवं घनीभूत होते रहेंगे।
  • लोगों की आजीविका पर इसके प्रभावों और अत्यधिक अनावृत स्थानों में निवास करने की क्षमता की हानि के कारण जलवायु परिवर्तन आंतरिक प्रवास का एक शक्तिशाली चालक है।
  • रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन के मानवीय क्षति की एक वास्तविक किंतु अप्रिय याद दिलाती है, विशेष रूप से विश्व के निर्धनतम व्यक्तियों पर – जो इसके कारणों में न्यूनतम योगदान दे रहे हैं।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर)

प्रमुख निष्कर्ष

  • उच्च स्तर के उत्सर्जन एवं असमान विकास के साथ सर्वाधिक निराशावादी परिदृश्य में, जलवायु परिवर्तन विश्व के छह क्षेत्रों में लगभग 216 मिलियन लोगों को 2050 तक अपने ही देशों में स्थानांतरित करने के लिए बाध्य कर सकता है।
    • वे क्षेत्र हैं लैटिन अमेरिका; उत्तरी अफ्रीका; उप सहारा अफ्रीका; पूर्वी यूरोप एवं मध्य एशिया; दक्षिण एशिया;  तथा पूर्वी एशिया  एवं प्रशांत।
  • सर्वाधिक जलवायु-अनुकूल परिदृश्य में, उत्सर्जन के निम्न स्तर के साथ, विश्व अभी भी 44 मिलियन लोगों के पलायन  की बाध्यता को देख सकता है।
  • सर्वाधिक बुरी स्थिति में, उप-सहारा अफ्रीका – मरुस्थलीकरण, भंगुर तट रेखा एवं कृषि पर आबादी की निर्भरता के कारण सर्वाधिक संवेदनशील क्षेत्र – सर्वाधिक प्रवासियों प्रवासियों का अनुभव करेगा, जिसमें 86 मिलियन व्यक्ति राष्ट्रीय सीमाओं के भीतर स्थानांतरित हो रहे हैं।
    • उप-सहारा अफ्रीका के अतिरिक्त, पूर्वी एशिया एवं प्रशांत क्षेत्र 49 मिलियन; दक्षिण एशिया, 40 मिलियन; उत्तरी अफ्रीका, 19 मिलियन; लैटिन अमेरिका, 17 मिलियन और पूर्वी यूरोप और मध्य एशिया, 5 मिलियन व्यक्तियों को अपने घरों से बाहर रहने को बाध्य कर सकते हैं।

पूर्वोत्तर भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव

रिपोर्ट की संस्तुतियां

  • वैश्विक उत्सर्जन को कम करने हेतु त्वरित एवं ठोस कार्रवाई से जलवायु प्रवास के पैमाने को लगभग 80% तक कम किया जा सकता है।
  • दूरदर्शी हरित, प्रतिस्कंदी (लचीला) एवं समावेशी विकास योजना में आंतरिक जलवायु प्रवासन को अंतःस्थापित करें।
  • वैश्विक उत्सर्जन को कम करें एवं पेरिस समझौते के तापमान लक्ष्यों को पूरा करने हेतु प्रयासरत रहें।
  • प्रवास के प्रत्येक चरण हेतु तैयारी करें, ताकि एक अनुकूलन रणनीति के रूप में आंतरिक जलवायु प्रवास के परिणामस्वरूप सकारात्मक विकास परिणाम प्राप्त हो सके।
  • अच्छी तरह से लक्षित नीतियों को प्रेरित करने हेतु आंतरिक जलवायु प्रवास के चालकों की बेहतर समझ में निवेश करें।

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manish

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