किसान संकट सूचकांक यूपीएससी: प्रासंगिकता
- जीएस 3: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सब्सिडी से संबंधित मुद्दे
किसान संकट सूचकांक नाबार्ड: संदर्भ
- हाल ही में, नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने सूचित किया है कि वह वास्तविक जरूरतमंद पता संकटग्रस्त किसानों को ट्रैक करने, उनकी पहचान करने एवं उनका समर्थन करने के लिए एक किसान संकट सूचकांक (फार्मर डिस्ट्रेस इंडेक्स/FDI) तैयार करने की योजना बना रहा है।
किसान संकट सूचकांक क्या है?
- नाबार्ड के अनुसार, किसान संकट सूचकांक एक गतिशील सूचकांक होगा जिसे वास्तविक जरूरतमंद एवं संकटग्रस्त किसानों को ट्रैक करने, पहचानने तथा समर्थन करने हेतु तैयार किया जा सकता है।
- यह सूचकांक संपूर्ण देश में एक समान नहीं होगा क्योंकि यह तनाव के स्तर के आधार पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर परिवर्तित होता रहता है।
- संकट के प्रकार एवं गंभीरता के आधार पर, बिना शर्त अनुदान, ऋण पुनर्गठन एवं/या पूर्ण ऋण माफी के संयोजन के रूप में सहायता दी जा सकती है।
- सूचकांक में किसानों के ऋण के वर्तमान स्तर, फसल बीमा तक उनकी पहुंच के संकेतक भी होंगे।
किसान संकट सूचकांक: क्यों महत्वपूर्ण है?
- भारत में कृषि ऋण माफी पर हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट में, नाबार्ड ने कहा कि ऋण माफी का डिज़ाइन ऐसा है कि जिन लोगों का ऋण माफ किया जाना चाहिए था, उनका एक बड़ा वर्ग इस प्रक्रिया से लाभ नहीं उठा पा रहा था।
- परिणाम स्वरूप, जरूरतमंद एवं संकटग्रस्त किसान, जो अधिकांशतः मामलों में छोटे तथा सीमांत किसान हैं, उन्हें ऋण माफी से सहायता प्राप्त नहीं हो पा रही है।
- एक किसान के संकट को उसकी फसल के नुकसान की सीमा से मापने की सामान्य पद्धति ने अन्य क्षेत्रों में बहुत से संकटग्रस्त किसानों को लाभार्थी के दायरे से बाहर कर दिया है।
किसान संकट सूचकांक के लाभ
- सूचकांक संकट पैकेज के जरूरतमंद लाभार्थियों के अभिनिर्धारण में सहायता करेगा। संकट के स्तर के आधार पर, सरकार एवं वित्तीय संस्थान सहायता के उपयुक्त पैकेज पर निर्णय ले सकते हैं।
- यह पूरे बोर्ड के सभी किसानों को संकट पैकेज देने की वर्तमान प्रथा के विपरीत है।
- इससे संपूर्ण वित्तीय क्षेत्र, सरकारी विभागों एवं बीमा कंपनियों को भी सहायता प्राप्त होगी।
- किसान संकट सूचकांक प्रमुख कृषि चर पर उपलब्ध उच्च आवृत्ति डेटा जैसे मानसून की वर्षा का विचलन, तापमान एवं मृदा की नमी में परिवर्तन, जिले में प्रमुख फसलों की उपज, किसान के लिए उपलब्ध विपणन अवसर, इत्यादि को एकीकृत कर सकता है।
- इस सूचकांक का उपयोग नीति निर्माताओं तथा सरकार द्वारा संकटग्रस्त किसानों को समर्थन देने के लिए समय पर एवं लक्षित पद्धति की योजना निर्मित करने एवं डिजाइन करने के लिए किया जा सकता है।