Home   »   National Curriculum Framework   »   National Curriculum Framework

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के लिए अधिदेश दस्तावेज़ जारी किया गया

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 2: स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधन से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के लिए अधिदेश दस्तावेज़ जारी किया गया_3.1

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा: संदर्भ

  • हाल ही में, शिक्षा मंत्रालय ने भारतीय शिक्षा प्रणाली को उपनिवेश से मुक्त करने के लिए ‘अधिदेश दस्तावेज़: राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे ( नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क/एनसीएफ) के विकास के लिए दिशानिर्देश’ जारी किया है।

 

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा: मुख्य बिंदु

  • जबकि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (नेशनल एजुकेशन पॉलिसी/एनईपी) 2020दर्शन है, राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा मार्गहै एवं जारी किया गया अधिदेश दस्तावेज 21 वीं सदी की परिवर्तित होती मांगों को पूरा करने तथा भविष्य को सकारात्मक रूप से प्रभावित करने हेतुसंविधानहै।
  • अधिदेश दस्तावेज़ बच्चों के समग्र विकास, कौशल विकास पर बल, शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका, मातृभाषा में सीखने, सांस्कृतिक सुदृढ़ता पर ध्यान देने के साथ एक आदर्श परिवर्तन लाएगा।
  • यह भारतीय शिक्षा प्रणाली के विउपनिवेशीकरण की दिशा में भी एक कदम है।

 

एनसीएफ क्या है?

  • नवीन राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा (एनसीएफ) हमारे  विद्यालयों एवं कक्षाओं में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दृष्टिकोण को वास्तविकता में परिवर्तित करके देश में उत्कृष्ट शिक्षण एवं अधिगम को सशक्त एवं सक्षम करेगा।
  • एनसीएफ के विकास को राष्ट्रीय संचालन समिति (नेशनल स्टीयरिंग कमेटी/एनएससी) द्वारा निर्देशित किया जा रहा है, जिसकी अध्यक्षता एनसीईआरटी के साथ-साथ मैंडेट ग्रुप द्वारा समर्थित डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में की जा रही है।
  • NCF में  विद्यालयी शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन/NCFSE), आरंभिक बाल्यावस्था की देखभाल एवं शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा ( नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन/NCFECCE), शिक्षक शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर टीचर एजुकेशन/NCFTE),  तथा प्रौढ़ शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर एडल्ट एजुकेशन/NCFAE) सम्मिलित है।
  • एनसीएफ एक ऐसी शिक्षा प्रणाली के निर्माण में योगदान देगा जो बदलते समय की गतिशीलता का सामना कर सके एवं 21वीं सदी की आवश्यकताओं को पूरा कर सके
  • NCF निपुण भारत जैसी अन्य पहलों के लिए भी पूर्ण रूप से उत्तरदायी होगा।

 

एनसीएफ के लिए अधिदेश दस्तावेज

  • ‘अधिदेश दस्तावेज’ (मैंडेट डॉक्यूमेंट) एनसीएफ के विकास का मार्गदर्शन करता है
  • दस्तावेज़ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचा के मध्य का सेतु है।

राष्ट्रीय पाठ्यक्रम की रूपरेखा के लिए अधिदेश दस्तावेज़ जारी किया गया_4.1

NCF की विशेषताएँ

  • यह विकास की प्रक्रिया एवं एनसीएफ की विशेषताओं को चित्रित करता है।
  • यह एक सुसंगत एवं विस्तृत एनसीएफ के विकास के लिए एक तंत्र की स्थापना करता है, जो पूर्व से जारी व्यापक परामर्श का पूर्ण रूप से लाभ उठाता है।
  • डिजाइन की गई प्रक्रिया समग्र, एकीकृत एवं बहु-अनुशासनात्मक शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए एनईपी 2020 में कल्पना की गई निर्बाध एकीकरण – लंबवत (चरणों में) तथा क्षैतिज रूप से (एक ही चरण में विषयों में) सुनिश्चित करती है।
  • यह समग्र शिक्षक शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 द्वारा परिकल्पित परिवर्तनकारी सुधारों के एक अभिन्न अंग के रूप में शिक्षक शिक्षा के पाठ्यक्रम के साथ विद्यालयों के पाठ्यक्रम के मध्य महत्वपूर्ण कड़ी को सक्षम बनाता है, इस प्रकार हमारे सभी शिक्षकों के लिए दृढ़ तैयारी, निरंतर पेशेवर विकास  एवं सकारात्मक कार्य वातावरण को सक्षम बनाता है।
  • यह देश में समस्त नागरिकों के लिए आजीवन सीखने के अवसरों के सृजन की सूचना देता है
  • शिक्षा की वास्तविकता को सक्षम एवं सशक्त बनाने, परिवर्तित करने एवं सुधारने के लिए – देश भर में शिक्षा में सर्वाधिक महत्वपूर्ण हितधारकों – शिक्षकों, छात्रों, अभिभावकों एवं समुदायों खेलिए प्रत्यक्ष ‘व्यवहार्य’ एवं ‘सम्बद्ध’।
  • युक्तियुक्त सिद्धांत एवं अत्याधुनिक शोध द्वारा आश्रय प्राप्त एवं संसूचित, फिर भी विभिन्न संदर्भों में कक्षाओं  तथा विद्यालयों से वास्तविक जीवन के चित्रण के साथ सरल भाषा का उपयोग करना।
  • शिक्षा में वास्तविक प्रगति सुनिश्चित करने के लिए वर्तमान वास्तविकता से आदर्श की ओर क्रमिक रूप से संचलन के लिए एक व्यवस्थित मार्ग की रूपरेखा तैयार करना जो सभी के जीवन को छूती हो।

 

AQEES: क्यूईएस रिपोर्ट का तीसरा दौर जारी यूनिफ़ॉर्म कार्बन ट्रेडिंग मार्केट की भारत की योजना  2030 तक मलेरिया उन्मूलन अर्थोपाय अग्रिम: आरबीआई ने राज्यों के लिए सीमा कम की
जलवायु प्रतिस्कंदी कृषि: एपीडा ने एनआरडीसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए एमएसएमई सस्टेनेबल (जेडईडी) योजना विमोचित भारत-चिली संबंध- निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए कंसल्टेंसी डेवलपमेंट सेंटर (सीडीसी) को सीएसआईआर के साथ विलय किया जाएगा
संपादकीय विश्लेषण- ए स्प्लिन्टर्ड ‘नर्व सेंटर’ किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी अभियान “संकल्प से सिद्धि” सम्मेलन 2022 पीओएसएच अधिनियम (कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम)

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *