Home   »   Monetary Policy in India   »   Ways and Means Advances

अर्थोपाय अग्रिम: आरबीआई ने राज्यों के लिए सीमा कम की

अर्थोपाय अग्रिम संघ लोक सेवा आयोग: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना,संसाधनों का अभिनियोजन,वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

अर्थोपाय अग्रिम: आरबीआई ने राज्यों के लिए सीमा कम की_3.1

अर्थोपाय अग्रिम आरबीआई: संदर्भ

  • हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक ने राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों (यूटी) के लिए अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) को 51,560 करोड़ रुपये से घटाकर 47,010 करोड़ रुपये करने का निर्णय लिया है

 

अर्थोपाय अग्रिम: प्रमुख बिंदु

  • कोविड-19 के कारण भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी राज्यों के लिए WMA की सीमा को बढ़ाकर 51,560 करोड़  रुपए कर दिया था।
  • उच्च अर्थोपाय अग्रिम 31 मार्च, 2022 तक लागू था।
  • आरबीआई ने यह भी कहा है कि राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त विशेष आहरण सुविधा (स्पेशल ड्राइंग फैसिलिटी/एसडीएफ) को नीलामी ट्रेजरी बिल (ऑक्शन ट्रेजरी बिल्स/एटीबी) सहित भारत सरकार द्वारा जारी विपणन योग्य प्रतिभूतियों में उनके निवेश की मात्रा से जोड़ा जाना जारी रहेगा।
  • एसडीएफ, डब्ल्यूएमए  एवं ओडी (ओवरड्राफ्ट) पर ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ा जाना जारी रहेगा।

 

वेज़ एंड मीन्स एडवांस (WMA) क्या है?

  • WMA एक ऐसा तंत्र है जिसका उपयोग भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा राज्यों को नकदी प्रवाह में अस्थायी असंतुलन से निपटने में सहायता करने हेतु किया जाता है।
  • WMA के माध्यम से लिए गए ऋण तीन माह के भीतर चुकाना होता है एवं आमतौर पर रेपो दर पर प्रस्तुत किया जाता है।

 

WMA के बारे में 

  • WMA दो प्रकार के होते हैं: सामान्य अर्थोपाय अग्रिम एवं विशेष आहरण सुविधाएं।
  • एसडीएफ राज्यों द्वारा संपार्श्विक के रूप में रखी गई सरकारी प्रतिभूतियों के विरुद्ध जारी किए जाते हैं हैं।
  • किसी राज्य द्वारा सामान्य अर्थोपाय अग्रिम से अधिक आहरित कोई भी राशि एक ओवरड्राफ्ट (ओडी) है।
  • WMA के माध्यम से प्राप्त की जा सकने वाली निधियों के लिए राज्य-वार सीमा है।
  • ये सीमाएँ राज्य के कुल व्यय, राजस्व घाटा एवं राजकोषीय स्थिति सहित अनेक कारकों पर निर्भर करती हैं।

 

डब्ल्यूएमए की ब्याज दर 

  • भारतीय रिजर्व बैंक से सामान्य WMA वित्तीयन के लिए लागू ब्याज दर रेपो दर है।
  • यद्यपि, ओवरड्राफ्ट रेपो प्लस 2 प्रतिशत पर दिया जाता है।
  • विशेष WMA के लिए लगाया जाने वाला ब्याज सरकारी प्रतिभूतियों के समर्थन के कारण रेपो दर से कम हो सकता है।

अर्थोपाय अग्रिम: आरबीआई ने राज्यों के लिए सीमा कम की_4.1

WMA का महत्व

  • तनावपूर्ण आर्थिक परिस्थितियों के कारण राजस्व संग्रह में अनिश्चितता होने पर WMA एक वित्तीय सहायता प्रदान करता है।
  • WMA ने उन राज्यों की सहायता की जिन्हें कोविड-19 महामारी के दौरान चिकित्सा परीक्षण, संवीक्षा (स्क्रीनिंग) एवं जरूरतमंदों को आय तथा खाद्य सुरक्षा प्रदान करने सहित चुनौतियों से निपटने के लिए त्वरित एवं वृहद वित्तीय संसाधनों की आवश्यकता थी
  • डब्लूएमए बाजारों से लंबी अवधि के निधि एकत्रित करने, राज्य सरकार की प्रतिभूतियों को जारी करने या अल्पकालिक वित्त पोषण के लिए वित्तीय संस्थानों से उधार लेने का विकल्प भी हो सकता है।
  • WMA वित्तीयन बाजारों से ऋण लेने की तुलना में अत्यधिक सस्ता है।

 

जलवायु प्रतिस्कंदी कृषि: एपीडा ने एनआरडीसी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए एमएसएमई सस्टेनेबल (जेडईडी) योजना विमोचित भारत-चिली संबंध- निःशक्तता क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए कंसल्टेंसी डेवलपमेंट सेंटर (सीडीसी) को सीएसआईआर के साथ विलय किया जाएगा
संपादकीय विश्लेषण- ए स्प्लिन्टर्ड ‘नर्व सेंटर’ किसान भागीदारी, प्राथमिकता हमारी अभियान “संकल्प से सिद्धि” सम्मेलन 2022 पीओएसएच अधिनियम (कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न की रोकथाम अधिनियम)
कुरुक्षेत्र पत्रिका का विश्लेषण: ”महिलाओं का स्वास्थ्य से संबंधित सशक्तिकरण’ राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन तथा शहद मिशन (एनबीएचएम) डेफलंपिक्स 2022 | 2022 ग्रीष्मकालीन डेफलंपिक्स में भारत की भागीदारी शिवगिरी तीर्थयात्रा एवं ब्रह्म विद्यालय

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *