Categories: UPSC Current Affairs

बोत्सवाना, मॉरीशस एफएटीएफ की “ग्रे लिस्ट” से बाहर

प्रासंगिकता

  • जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

राष्ट्रीय वित्तीय सूचना प्राधिकरण

प्रसंग

  • हाल ही में,एफएटीएफ ने बोत्सवाना एवं मॉरीशस को उनके धन शोधन-विरोधी (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग), आतंकवाद- वित्तपोषण रोधी एवं अन्य अवैध धन प्रवाह के मुद्दों पर उनके बढ़ते अनुश्रवण के कारण, ग्रे लिस्ट से हटाने का निर्णय लिया है।

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी हेतु निशुल्क वीडियो प्राप्त कीजिए एवं आईएएस/ आईपीएस/ आईआरएस बनने के अपने सपने को साकार कीजिए

 

मुख्य बिंदु

  • यह घोषणा एफएटीएफ के पूर्ण सत्र के बाद की गई थी जो 19 से 21 अक्टूबर 2021 के मध्य आयोजित किया गया था।
  • परिणाम दर्शाता है कि मॉरीशस में उपयुक्त रूप से सुदृढ़ धन शोधन-विरोधी (एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग)/ आतंकवाद- वित्तपोषण रोधी ढांचा है, जिसमें एफएएफटी की 40 संस्तुतियों में से 39 अनुवर्ती एवं व्यापक स्तर पर अनुवर्ती संकेतक उपस्थित हैं।
  • मॉरीशस ने अपनी धन शोधन रोधी नीतियों एवं आतंकवाद के वित्तपोषण रोधी प्रक्रिया को सुदृढ़ किया है।
  • इसने विगत वर्ष फरवरी में एफएटीएफ द्वारा अभिनिर्धारित की गई रणनीतिक कमियों के संबंध में प्रतिबद्धताओं को पूरा करने हेतु संबंधित तकनीकी कमियों को भी दूर किया है।

सीमा रहित कर निरीक्षक

सम्मिलित क्यों किया गया था?

  • अनेक वर्षों तक, मॉरीशस को वित्तीय क्षेत्र पर उनके सीमित विनियमन के कारण मनी लॉन्ड्रिंग के लिए एक सुरक्षित स्वर्ग, एवं एक मार्ग माना जाता था।

आईएमएफ क्रिप्टो रिपोर्ट

भारत पर प्रभाव

  • एफएटीएफ की ग्रे सूची से मॉरीशस को हटाने से भारतीय गैर-बैंकिंग एवं अन्य वित्तीय सेवा कंपनियां मॉरीशस में अंतर्राष्ट्रीय निवेशकों द्वारा समाविष्ट किए गए धन एवं वाहनों से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त कर पाने में सक्षम होंगी
  • इससे परोक्ष रूप से द्वीपीय राष्ट्र से भारत में अधिक निवेश प्राप्त हो सकता है।
  • यह भी माना जाता है कि चूंकि मॉरीशस को एफएटीएफ की ग्रे सूची से हटा दिया गया है, अतः अभिरक्षक (कस्टोडियन) बैंकों द्वारा एफपीआई एवं एफडीआई के रूप में आने वाले मॉरीशस के वाहनों के ‘लाभकारी स्वामित्व’ (बीओ) पर कम संवीक्षा होगी

वित्तीय स्थिरता एवं विकास परिषद

भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण है मॉरीशस

  • मॉरीशस भारत के लिए एफडीआई के सर्वाधिक बड़े योगदानकर्ताओं में से एक रहा है।
  • यद्यपि, यह हाल ही में सिंगापुर, केमैन आइलैंड इत्यादि जैसे  क्षेत्राधिकारों से मुख्य रूप से दो कारणों से पिछड़ रहा है:
    • भारत के साथ कर संधि में संशोधन
    • मॉरीशस को एफएटीएफ की ग्रे सूची में डाला जाना।
  • सूची में समाविष्ट किए जाने के पश्चात, मॉरीशस से एफडीआई प्रवाह 2019-20 में 57,785 करोड़ रुपये से गिरकर 2020-21 में 41,661 करोड़ रुपये हो गया।

विदेशी अंशदान (विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2020

 

manish

Recent Posts

Indian Constitution Features: Basic Structure and More

The inception of the Indian Constitution is marked by its preamble, which encapsulates its ideals,…

2 hours ago

Indian Western and Eastern Ghats: Difference, Significances

The Western and Eastern Ghats are two formidable mountain ranges in India, with the Deccan…

4 hours ago

Indian Postal Service (IPoS)- Function, Pay Scale, Eligibility

The Indian Postal Service holds a prestigious position among India's Group 'A' Civil Services, managing…

5 hours ago

UP Higher Judiciary Previous Year Papers, Download PDF

The Allahabad High Court is recruiting advocates for the Uttar Pradesh Higher Judicial Service (HJS)…

7 hours ago

Crown Rule in India: Legislation and Regulatory Frameworks

The term "Crown rule in India" denotes the direct governance exercised by the British Crown…

7 hours ago

History of Karla Caves: Location, Features and Importance

The Karla Caves are a collection of Historic Buddhist Rock-Cuts that were made about the…

18 hours ago