आकाश प्राइम मिसाइल- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 3: सुरक्षा- आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौतियां उत्पन्न करने में बाह्य-राज्य एवं गैर-राज्य अभिकर्ताओं की भूमिका; सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन।
आकाश प्राइम मिसाइल- संदर्भ
- हाल ही में, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने ओडिशा के चांदीपुर में एकीकृत परीक्षण केंद्र से आकाश सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल ‘आकाश प्राइम’ के एक नवीन संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया।
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आकाश प्राइम मिसाइल- प्रमुख बिंदु
- आकाश प्राइम मिसाइल के बारे में: हाल ही में परीक्षण किए गए आकाश-एनजी की भांति, आकाश प्राइम मिसाइल भी आकाश मिसाइल का एक प्रकार है।
- आकाश मिसाइल भारत की प्रथम स्वदेश निर्मित मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है।
- आकाश मिसाइल को रूसी 2 के 12 केयूबी (एसए-6 गेनफुल) मिसाइल प्रणाली को प्रतिस्थापित करने हेतु विकसित किया गया था, जो वर्तमान में सेवा में है।
- आकाश प्राइम एक मध्यम दूरी की चलायमान (मोबाइल) सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एसएएम) प्रणाली है जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित एवं भारत डायनामिक्स लिमिटेड (बीडीएल) द्वारा निर्मित किया गया है।
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आकाश प्राइम मिसाइल- वर्तमान आकाश मिसाइल में सुधार
- आकाश प्राइम उन्नत परिशुद्धता के लिए स्वदेशी सक्रिय रेडियो आवृत्ति (आरएफ) साधक से लैस है।
- अन्य सुधार भी उच्च तुंगता पर कम तापमान वाले वातावरण में अधिक विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करते हैं।
- यह शत्रुओं के विमानों का अनुकरण करते हुए हवाई लक्ष्यों को अवरोधित (रोक) कर सकता है।
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रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ)- प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि: डीआरडीओ की स्थापना 1958 में भारतीय सेना के तकनीकी विकास प्रतिष्ठान (टीडीई) एवं रक्षा विज्ञान संगठन (डीएसओ) के साथ तकनीकी विकास एवं उत्पादन निदेशालय (डीटीडीपी) के संयोजन के पश्चात की गई थी।
- मूल मंत्रालय: डीआरडीओ रक्षा मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य करता है।
- अधिदेश: भारत के लिए एक विश्व स्तरीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आधार स्थापित करना तथा रक्षा सेवाओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी प्रणालियों एवं समाधानों से लैस करके निर्णायक बढ़त प्रदान करना।
- डीआरडीओ एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) के संचालन हेतु भी उत्तरदायी है।
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