Table of Contents
विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन: प्रासंगिकता
- जीएस 3: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते ।
पिछले लेखों में, हमने विश्व व्यापार संगठन एवं विश्व व्यापार संगठन के समझौतों पर चर्चा की है। इस लेख में, हम विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन एवं दोहा विकास एजेंडा के बारे में चर्चा करेंगे। ये सभी लेख यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
विश्व व्यापार संगठन मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
| मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (एमसी) | स्थान | वर्ष | महत्वपूर्ण निर्णय |
| एमसी 1 | सिंगापुर | 1996 | सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों में व्यापार पर मंत्रिस्तरीय घोषणा पत्र:
सूचना प्रौद्योगिकी उत्पादों में विश्व व्यापार का विस्तार, जो इन उत्पादों के विश्व व्यापार का 80% हिस्सा गठित करता है। सिंगापुर के मुद्दे: सरकारी अधिप्राप्ति, व्यापार सुविधा, व्यापार एवं निवेश तथा व्यापार एवं प्रतिस्पर्धा में पारदर्शिता। |
| एमसी 2 | जिनेवा | 1998 | ग्लोबल इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स पर घोषणा पत्र: वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक वाणिज्य से संबंधित सभी व्यापार संबंधी मुद्दों की जांच के लिए एक व्यापक कार्य कार्यक्रम स्थापित करना |
| एमसी 3 | सिएटल | 1999 | – |
| एमसी 4 | दोहा | 2001 | दोहा विकास एजेंडा (डीडीए): इसमें कृषि, गैर-कृषि बाजार अभिगम (नामा), सेवाएं, विवाद निपटान, डंपिंग रोधी शुल्क, सब्सिडी इत्यादि पर वार्ताएं सम्मिलित हैं। इन पर नीचे अलग से चर्चा की गई है। |
| एमसी 5 | कानकुन | 2003 | – |
| एमसी 6 | हांगकांग | 2005 | – |
| एमसी 7 | जिनेवा | 2009 | – |
| एमसी 8 | जिनेवा | 2011 | – |
| एमसी 9 | बाली | 2013 | बाली पैकेज: पैकेज का केंद्र बिंदु व्यापार प्रसुविधा पर एक नया समझौता है जिसका उद्देश्य लालफीताशाही को कम करना एवं व्यापार करने की लागत को कम करने के प्रयास में सीमा शुल्क प्रक्रियाओं को सुविधाजनक बनाना है।
अन्य – कम दूरगामी – खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित सौदे के पहलू एवं व्यापार वरीयता या कपास सब्सिडी सहित अल्प विकसित देशों के लिए विशेष रुचि के मुद्दों का एक समुच्चय। |
| एमसी 10 | नैरोबी | 2015 | नैरोबी पैकेज: इसमें कृषि, कपास एवं अल्पविकसित देशों से संबंधित मुद्दों पर छह मंत्रिस्तरीय निर्णयों की श्रृंखला सम्मिलित हैं। |
| एमसी 11 | ब्यूनस आयर्स | 2017 | कोई आम सहमति नहीं। अमेरिका जैसे विकसित देशों ने खाद्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सरकारी स्टॉक होल्डिंग पर एक स्थायी समाधान को अवरुद्ध कर दिया, भारत जैसे विकासशील देशों ने ई-कॉमर्स एवं निवेश सुविधा सहित नए मुद्दों पर अपना रुख सख्त कर लिया। |
| एमसी 12 | जिनेवा | 2021 | आयोजित किया जाएगा |
दोहा विकास एजेंडा
बाजार तक अभिगम
कृषि
दोहा विकास एजेंडे में कृषि धुरे की कील (मुख्य आधार) बन गई है।
इसका उद्देश्य कृषि को अधिक बाजार अभिगम प्रदान करना था जिससे कृषि पर सरकारी नियंत्रण कम हो गया।
इसने निर्यात सब्सिडी को समाप्त करने एवं घरेलू समर्थन को विकृत करने वाले व्यापार को कम करने का आह्वान किया।
यह खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण विकास जैसे गैर-व्यापारिक चिंताओं से भी निपटता है।
विशेष रक्षोपाय तंत्र / स्पेशल सेफगार्ड मेकैनिज्म (एसएसएम): यह एक ऐसा उपकरण है जो विकासशील देशों को आयात वृद्धि या कीमतों में गिरावट से निपटने के लिए अस्थायी रूप से शुल्क में वृद्धि करने की अनुमति प्रदान करेगा।
गैर-कृषि बाजार पहुंच (नामा)
गैर-कृषि बाजार पहुंच (नामा) गैर-कृषि या औद्योगिक उत्पादों पर व्यापार वार्ता से संबंधित है।
नामा वार्ता में, डब्ल्यूटीओ सदस्य औद्योगिक उत्पादों में व्यापार पर सीमा शुल्क एवं गैर- प्रशुल्क बाधाओं को कम करने अथवा समाप्त करने हेतु शर्तों या तौर-तरीकों पर चर्चा करते हैं।
सेवाएँ
इसका उद्देश्य सेवाओं में व्यापार में बाजार पहुंच में सुधार करना है।
इसका उद्देश्य बाजार पहुंच से संबंधित नियमों को मजबूत करना भी था।
विकास के मुद्दे
ट्रिप्स समझौते पर
इसका उद्देश्य उन चिंताओं का जवाब देना था जो व्यक्त की गई हैं कि ट्रिप्स समझौते से निर्धन देशों में रोगियों के लिए कुछ दवाएं प्राप्त करना कठिन हो सकता है।
विशेष एवं विभेदक (एस एंड डी) उपचार
विश्व व्यापार संगठन समझौतों में विशेष प्रावधान होते हैं जो विकासशील देशों को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं एवं जो विकसित देशों को विकासशील देशों के साथ विश्व व्यापार संगठन के अन्य सदस्यों की तुलना में अधिक अनुकूल व्यवहार करने की संभावना देते हैं।




TSPSC Group 1 Question Paper 2024, Downl...
TSPSC Group 1 Answer key 2024 Out, Downl...
UPSC Prelims 2024 Question Paper, Downlo...
