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भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई)- यूपीएससी के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: भारतीय संविधान- वैधानिक, नियामक और विभिन्न अर्ध-न्यायिक निकाय।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
- हाल ही में, केंद्रीय संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया/ट्राई) अधिनियम की 25 वर्ष लंबी यात्रा के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का उद्घाटन किया।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)
- भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के बारे में: ट्राई की स्थापना 20 फरवरी, 1997 से प्रभावी रूप से भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) अधिनियम 1997 द्वारा की गई थी।
- दूरसंचार क्षेत्र को निजी ऑपरेटरों के लिए खोलने के बाद भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) की स्थापना आवश्यक थी।
- ट्राई का मुख्यालय: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।
- विधिक स्थिति: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) अधिनियम 1997 के अंतर्गत स्थापित एक वैधानिक प्राधिकरण है।
- अधिदेश: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिदेश दूरसंचार सेवाओं के लिए प्रशुल्क (टैरिफ) के निर्धारण / संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करना है।
- ये उत्तरदायित्व पूर्व समय में केंद्र सरकार में निहित थे।
ट्राई के प्रमुख उद्देश्य
- दूरसंचार क्षेत्र का विकास: ट्राई का मिशन देश में दूरसंचार के विकास के लिए परिस्थितियों का निर्माण एवं पोषण करना है।
- दूरसंचार सेवाओं को विनियमित करना: ट्राई दूरसंचार सेवाओं के लिए प्रशुल्क के निर्धारण/संशोधन सहित दूरसंचार सेवाओं को नियंत्रित करता है जो पूर्व समय में केंद्र सरकार में निहित थे।
- निष्पक्ष एवं पारदर्शी नीति का वातावरण सुनिश्चित करना: ट्राई का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र के लिए एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी नीति वातावरण प्रदान करना भी है।
- यह एक समान कार्यक्षेत्र को प्रोत्साहित करता है एवं निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा की सुविधा प्रदान करता है।
ट्राई की संरचना
- ट्राई में सदस्यों की नियुक्ति: ट्राई के सदस्यों की नियुक्ति भारत सरकार द्वारा की जाती है।
- ट्राई के सदस्य: ट्राई निम्नलिखित सदस्यों से मिलकर गठित होता है-
- एक अध्यक्ष,
- दो पूर्णकालिक सदस्य एवं
- दो अंशकालिक सदस्य
- ट्राई के सदस्यों का कार्यकाल: अध्यक्ष एवं अन्य सदस्य तीन वर्ष की अवधि के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, तक अपना पद धारण करेंगे।
- अध्यक्ष: अध्यक्ष के पास सामान्य अधीक्षण की शक्तियाँ होती हैं। वह ट्राई की बैठकों की अध्यक्षता करता है।
- उपाध्यक्ष: केंद्र सरकार प्राधिकरण के सदस्यों में से एक को ट्राई के उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त कर सकती है।
- उत्तरदायित्व: वह अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उसकी शक्तियों एवं कार्यों का प्रयोग तथा निर्वहन करता है।
ट्राई के सदस्यों का निष्कासन
- निष्कासन हेतु प्राधिकरण: केंद्र सरकार को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के किसी भी सदस्य को हटाने का अधिकार है।
- निष्कासन हेतु आधार: ट्राई अधिनियम में निम्नलिखित आधारों का उल्लेख है जिन पर केंद्र सरकार ट्राई सदस्य को हटा सकती है। एक व्यक्ति को ट्राई के पद से हटाया जा सकता है यदि वह-
- दिवालिया घोषित किया गया हो
- एक ऐसे अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है जिसमें नैतिक भ्रष्टता शामिल है
- सदस्य के रूप में कार्य करने में शारीरिक या मानसिक रूप से अक्षम हो गया हो
- अपने पद का दुरुपयोग किया है; उसके पद पर बने रहने से जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।