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शहरी भारत को ‘कचरा मुक्त’ बनाने हेतु रोडमैप विमोचित

शहरी भारत को ‘कचरा मुक्त’ बनाने हेतु रोडमैप: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण एवं क्षरण, पर्यावरणीय प्रभाव मूल्यांकन।

शहरी भारत को ‘कचरा मुक्त’ बनाने हेतु रोडमैप: प्रसंग

  • हाल ही में, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय ने शहरी भारत को ‘कचरा मुक्त’ बनाने के लिए एक रोडमैप का विमोचन किया है।
  • मंत्रालय ने कचरा (अपशिष्ट) मुक्त शहरों के लिए ‘आजादी@75 स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल- टूलकिट 2022’ का विमोचन भी किया है, जो कचरा प्रबंधन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण संचालन उपकरण – कचरा मुक्त शहरों के लिए स्टार रेटिंग प्रोटोकॉल है।

 

शहरी भारत को ‘कचरा मुक्त’ बनाने हेतु रोडमैप: मुख्य बिंदु

  • पूर्व के 25 घटकों/संकेतकों को अब घटाकर 24 कर दिया गया है, जिनमें से मात्र 16 संकेतक 1-स्टार एवं 3-स्टार स्तरों के लिए अनिवार्य हैं। शेष 8 संकेतक प्रकृति में आकांक्षात्मक हैं एवं 5-स्टार तथा 7-स्टार उम्मीदवारों के लिए प्रासंगिक होंगे;
  • विगत जीएफसी प्रोटोकॉल की बहु-चरणीय गणना को अब एकल चरण चिह्नांकन (सिंगल स्टेप मार्किंग) में बदल दिया गया है, जिससे शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) को आवेदन करने के लिए आसानी से स्व-मूल्यांकन करने में सहायता प्राप्त होगी;
  • संशोधित प्रोटोकॉल एसबीएम-यू 0 प्राथमिकताओं, डोर-टू-डोर संग्रह, स्रोत पृथक्करण, कचरा प्रसंस्करण एवं डंप साइट उपचार के लिए आवंटित उच्च भार (50%) के साथ संरेखित है
  • प्रमाणन एवं उसके बाद के मूल्यांकन हेतु आवेदन करने की पूरी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है एवं पूरी तरह से डिजिटल, पेपरलेस बनाया गया है; उदाहरण के लिए, डिजिटल घोषणाएं, भू-टैग की गई कचरा-प्रसंस्करण सुविधाएं, प्रगति का आद्योपान्त (एंड-टू-एंड) डिजिटल अनुश्रवण;
  • कचरा प्रबंधन प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने हेतु शहरों को प्रोत्साहित करने के लिए आईईसी, क्षमता निर्माण, कचरा उप-उत्पादों की बिक्री से राजस्व से संबंधित घटकों को जोड़ा गया है।
  • शहरों की योजना के आकलन में सहायता करने हेतु पूरे वर्ष सतत मूल्यांकन।
  • जीएफसी के लिए हाल ही में संपन्न प्रमाणन अभ्यास में, लगभग 50% शहरी स्थानीय निकायों ने प्रमाणन अभ्यास में भाग लिया, जिनमें से कुल 299 शहरों को प्रमाणित किया गया है।
  • 9 शहरों को 5-स्टार, 143 शहरों को 3-स्टार एवं 147 शहरों को 1-स्टार का दर्जा दिया गया है।

शहरों की स्टार रेटिंग

  • आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) ने कचरा मुक्त शहरों की स्टार रेटिंग हेतु प्रोटोकॉल का विमोचन किया है।
  • स्टार रेटिंग की शर्तों को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि शहर धीरे-धीरे एक आदर्श/मॉडल (7-स्टार) शहर के रूप में विकसित हो सकें, जिसमें उनकी समग्र स्वच्छता में प्रगतिशील सुधार हो।
  • बढ़ती स्टार रेटिंग के साथ परिशुद्धता के बढ़ते स्तर के साथ प्रोटोकॉल, प्रकृति में भी आकांक्षात्मक होगा, शहरों की महत्वाकांक्षाओं एवं इसके निवासियों के लिए एक आदर्श शहर बनने के सपनों को पूरा करेगा तथा अन्य शहरों के अनुसरण के लिए एक रोल मॉडल होगा।

 

manish

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