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मनामा डायलॉग- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- भारत के हितों पर विकसित एवं विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव
मनामा डायलॉग- संदर्भ
- हाल ही में अमेरिकी रक्षा सचिव ने बहरीन की राजधानी मनामा में मनामा डायलॉग में कहा था कि यदि कूटनीति ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने में विफल रहती है तो सभी विकल्प खुले होंगे।
मनामा डायलॉग- समाचारों में
- मनामा डायलॉग में, यूएसए ने चेतावनी दी कि वह पश्चिम एशिया में “भारी बल” को तैनात करने में सक्षम था क्योंकि उसे इस क्षेत्र में अपनी सैन्य शक्ति का उपयोग करने की इच्छा के बारे में सवालों का सामना करना पड़ा।
- मनामा डायलॉग में, अमेरिका से पूछा गया कि वाशिंगटन ने सीरिया में इस्लामिक स्टेट समूह से लड़ने वाले अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन द्वारा प्रयुक्त सैन्य अड्डे पर पिछले महीने ड्रोन एवं तोपखाने के हमले का जवाब क्यों नहीं दिया।
मनामा संवाद- प्रमुख बिंदु
- पृष्ठभूमि एवं मनामा संवाद की नींव: मनामा वार्ता का प्रारंभ 2016 में ग्रीक ऋण संकट के उद्भव के साथ हुआ था।
- मनामा डायलॉग ने वैश्विक आर्थिक सुधार के बारे में चिंता व्यक्त की, भू-राजनीति की गहन प्रवृत्तियों को प्रकट करने हेतु एक उपकरण के रूप में कार्य किया।
मनामा संवाद के बारे में: मनामा संवाद बहरीन साम्राज्य के मनामा में प्रतिवर्ष आयोजित किया जाता है।
- मनामा डायलॉग ने वैश्विक आर्थिक सुधार के बारे में चिंता व्यक्त की, भू-राजनीति की गहन प्रवृत्तियों को प्रकट करने हेतु एक उपकरण के रूप में कार्य किया।
- भागीदारी: मनामा डायलॉग में क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों पर विचारों का आदान-प्रदान करने के लिए बहरीन की राजधानी मनामा में एशिया, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, लैटिन अमेरिका एवं यूरोप के सरकारी अधिकारियों, व्यापारियों, अंतरराष्ट्रीय हस्तियों, अर्थशास्त्रियों एवं राजनीतिक तथा रणनीतिक विचारकों की भागीदारी देखी जाती है।
- मनामा संवाद का फोकस क्षेत्र: मनामा शिखर सम्मेलन की नवीनतम चर्चाओं ने निम्नलिखित पर ध्यान केंद्रित किया-
- एक ओर कुछ उभरती आर्थिक शक्तियों के तीव्र आर्थिक वृद्धि का प्रभाव, एवं
- दूसरी ओर विश्व में वैश्विक नीतियों एवं शासन प्रणालियों पर कुछ विकसित देशों के समक्ष उपस्थितआर्थिक चुनौतियां।
- मनामा डायलॉग के अन्य फोकस क्षेत्रों में राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई के साधनों का अध्ययन, प्रमुख शक्तियों के आशयों की समीक्षा करना एवं वैश्विक वित्तीय कठिनाइयों के बावजूद विकास का समर्थन करने पर चर्चा करना शामिल है।