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ए-हेल्प: डीओआरडी एवं डीएएचडी के मध्य समझौता ज्ञापन

प्रासंगिकता

  • जीएस 3: पशु-पालन का अर्थशास्त्र।

 

प्रसंग

  • पशुपालन एवं डेयरी विभाग (डीएएचडी) तथा ग्रामीण विकास विभाग (डीओआरडी) ने डीएएचडी योजनाओं के अभिगम में वृद्धि करने एवं स्थिरता बढ़ाने में सहायता करने हेतु एक समझौता ज्ञापन (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए।

ए-हेल्प: डीओआरडी एवं डीएएचडी के मध्य समझौता ज्ञापन_3.1

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मुख्य बिंदु

  • डीएएचडी एवं एमओआरडी, डीएएचडी एवं राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम), ग्रामीण विकास मंत्रालय के अभिसरण के माध्यम से ग्रामीण आर्थिक विकास के लिए एसएचजी (स्व-सहायता समूह) मंच का लाभ उठाएंगे।

 

ए-हेल्प

  • पशुधन उत्पादन के स्वास्थ्य एवं विस्तार हेतु मान्यता प्राप्त एजेंट (एक्रेडिटेड एजेंट फॉर हेल्थ एंड एक्सटेंशन ऑफ लाइवस्टोक प्रोडक्शन) (ए-हेल्प) एसएचजी के सदस्यों की सेवाओं को पशुधन संसाधन व्यक्तियों और प्राथमिक सेवा प्रदाता के रूप में उपयोग करने हेतु एक नवीन मान्यता प्राप्त मॉडल है।
  • इस प्रतिरूप (मॉडल) को डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत पशुधन (पशु-सखियों) हेतु विकसित वर्तमान संवर्ग का उपयोग करके ए-हेल्प कार्यकर्ताओं के रूप में आगे प्रशिक्षण एवं मान्यता प्रदान करके संपूर्ण देश में क्रियान्वित किया जाएगा।
  • कृषक समुदाय को रोजगार एवं उद्यमिता के अवसर प्रदान करने हेतु डीएएचडी एवं डीओआरडी द्वारा उठाए गए कदम
  • इन प्रमुख योजनाओं के माध्यम से
    • एएचआईडीएफ (पशुपालन अवसंरचना विकास कोष)
    • डीआईडीएफ (डेयरी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड)
    • एफएमडी (फुट एंड माउथ डिजीज) एवं ब्रुसेलोसिस हेतु एनएडीसीपी (राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम)।
  • सरकार ने 2021-22 से आरंभ होने वाले आगामी 5 वर्षों के लिए देश भर में पशुपालन एवं डेयरी के विकास पर ध्यान केंद्रित करने हेतु मौजूदा योजनाओं के विभिन्न घटकों को संशोधित एवं पुन: व्यवस्थित करके अनेक क्रियाकलापों से युक्त एक विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज के कार्यान्वयन को स्वीकृति प्रदान की है।
  • ग्रामीण विकास विभाग विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण उन्नति के लिए भी कार्यरत है, जहां अधिक महिलाएं आजीविका गतिविधियों, विशेष रूप से पशुधन क्षेत्र में शामिल हैं।

पोषण उद्यान / न्यूट्री गार्डन

पशुधन क्षेत्र के लिए डीएवाई-एनआरएलएम

  • डीएवाई-एनआरएलएम (दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) पश्चगामी एवं अग्रगामी सहलग्नता दोनों के माध्यम से कृषि आजीविका क्षेत्र का समर्थन कर रहा है।
  • पशु सखियों के संवर्गों के माध्यम से सहायता प्रदान की जा रही है, जिन्हें प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण शिल्प के हिस्से के रूप में संरचित मॉड्यूल के माध्यम से प्रशिक्षित किया जा रहा है एवं पशु पाठशालाओं तथा कृषकों के द्वार पर सेवाओं के माध्यम से महिला कृषकों को सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।
  • मिशन में 40,000 से अधिक पशु साखियां हैं। यह इन सामुदायिक संवर्गों के माध्यम से डीएएचडी योजनाओं के अभिगम में वृद्धि करने में सहायता करेंगे एवं संवर्गों हेतु अतिरिक्त आय अर्जित करने में भी सहायता करेगा जिससे उनकी स्थिरता को बढ़ाने में सहायता प्राप्त होगी।

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