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बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (बी3डब्ल्यू)

प्रासंगिकता

  • जीएस 2: द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं / या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते ।

 

प्रसंग

  • हाल ही में, अमेरिकी अधिकारियों ने बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड नामक एक पहल के माध्यम से आधारिक अवसंरचना परियोजनाओं की खोज के लिए लैटिन अमेरिका का दौरा करने का निर्णय किया है।

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मुख्य बिंदु

  • समूह को बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड (बी3डब्ल्यू) को वास्तविकता में परिवर्तित करने का कार्य सौंपा गया है।
  • कार्यक्रम जलवायु, स्वास्थ्य, डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं लैंगिक समानता सहित क्षेत्रों पर केंद्रित है।
  • आगामी वर्ष के आरंभ में एक औपचारिक अमेरिकी बी3डब्ल्यू विमोचन कार्यक्रम की योजना है जिसमें 2035 तक विकासशील देशों द्वारा आवश्यक 40 ट्रिलियन डॉलर को संकुचित करने के उद्देश्य से कुछ प्रारंभिक परियोजनाओं का विवरण शामिल होगा।
  • अभी यह निर्धारित नहीं हुआ है कि इस कार्यक्रम को अंततः कितनी पूंजी आवंटित की जाएगी।

भारत-ऑस्ट्रेलिया 2+2 बैठक

बिल्ड बैक बेटर वर्ल्ड पहल के बारे में

  • यह जून 2021 में जी 7 देशों-कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम एवं संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा घोषित एक अंतरराष्ट्रीय आधारिक अवसंरचना निवेश पहल है।
  • यह 2035 तक विकासशील दुनिया में 40+ ट्रिलियन डॉलर आधारिक अवसंरचना के अंतराल को कम करने में सहायता करने हेतु एक मूल्य-संचालित, बाजार-आधारित, उच्च-मानक एवं पारदर्शी  आधारिक संरचना साझेदारी है।
  • इसका उद्देश्य जलवायु, स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा, आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी, लैंगिक समता एवं समानता में निवेश हेतु द्विपक्षीय तथा बहुपक्षीय के साथ-साथ निजी क्षेत्र की पूंजी का अभिनियोजन करना है।
  • बी3डब्ल्यू का उद्देश्य विस्तार क्षेत्र को वैश्विक बनाना एवं निम्न तथा मध्यम आय वाले देशों को शामिल करना है।
  • बी3डब्ल्यू ब्लू डॉट नेटवर्क (बीडीएन) का एक विस्तार है जिसमें अमेरिका जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के साथ दल में शामिल हो गया, जबकि अन्य सहभागियों की भागीदारी के लिए खुला रहता है।
  • बी3डब्ल्यू जी 7 देशों को एक साथ लाया है एवं भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया सहित अन्य लोकतंत्रों को इस में सम्मिलित होने हेतु निमंत्रण भी दिया है।

ऑकस सुरक्षा साझेदारी

बी3डब्ल्यू एवं बीआरआई: प्रतिद्वंद्वी या पूरक?

  • यद्यपि बी3डब्ल्यू स्पष्ट रूप से बीआरआई का उल्लेख नहीं करता है, अनेक विशेषज्ञों का मानना ​​है कि अमेरिका के नेतृत्व वाली नई पहल का उद्देश्य विकासशील देशों के लिए चीन के बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) हेतु एक वैकल्पिक श्रेष्ठ आधारिक अवसंरचना योजना है।
  • बीआरआई में चीन तथा दर्जनों देशों के मध्य आर्थिक एवं व्यापारिक संबंधों की रूपरेखा शामिल है।
  • यह विदेशों में नए निर्यात बाजारों को लक्षित करता है, जिसका उद्देश्य बीजिंग की ऊर्जा सुरक्षा की प्रत्याभूति (गारंटी) प्रदान करना है एवं पार-महाद्वीपीय संपर्क(क्रॉस-कॉन्टिनेंटल कनेक्टिविटी) में वृद्धि करने एवं चीन तथा यूरोप के मध्य एकीकरण को बढ़ावा देना चाहता है।
  • बीआरआई की भांति, बी3डब्ल्यू का लक्ष्य विकासशील देशों में व्यापक स्तर पर परियोजनाओं को सुविधाजनक बनाने के दौरान शामिल देशों के मध्य पार- देशीय (क्रॉस-नेशनल) एवं क्षेत्रीय सहयोग विकसित करना है।
  • यद्यपि, बी3डब्ल्यू को अभी तक अपने विजन से एक ठोस योजना के रूप में विकसित होना शेष है।
  • यहां तक ​​कि जब बी3डब्ल्यू वास्तविकता में परिवर्तित होता है, तब भी दोनों पहलों के उद्देश्य पृथक-पृथक होते हैं।
  • चीन का बीआरआई मुख्य रूप से पारंपरिक दृढ़ आधारिक अवसंरचना: बंदरगाह, सड़कें, बांध, रेलवे,   ऊर्जा संयंत्र तथा दूरसंचार सुविधाओं पर केंद्रित है।
  • इसकी तुलना में, बी3डब्ल्यू “नरम” परिणामों, अर्थात जलवायु में सुधार, स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य सुरक्षा, आधुनिक डिजिटल प्रौद्योगिकी, तथा लैंगिक समता एवं समानता पर ध्यान केंद्रित करता है।

संयुक्त राज्य अमेरिका-भारत रक्षा प्रौद्योगिकी एवं व्यापार पहल

 

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