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दूरसंचार क्षेत्र में प्रमुख सुधारों को स्वीकृति

प्रासंगिकता

  • जीएस 2: विभिन्न क्षेत्रों में विकास हेतु सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप।

 

प्रसंग

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए नौ संरचनात्मक सुधारों एवं पांच प्रक्रियात्मक सुधारों और राहत उपायों को स्वीकृति प्रदान की है।

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प्रमुख बिंदु

संरचनात्मक सुधार

  • समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का युक्तिकरण: गैर-दूरसंचार राजस्व को एजीआर की परिभाषा से अपवर्जित रखा जाएगा।
    बैंक गारंटी (बीजी) को युक्तिसंगत बनाया गया: अनुज्ञा शुल्क (एलएफ) एवं अन्य समरूप उद्ग्रहण (लेवी) के विरुद्ध बीजी आवश्यकताओं में 80% की कमी। देश में विभिन्न लाइसेंस प्राप्त सेवा क्षेत्रों (एलएसए) क्षेत्रों में एकाधिक बीजी हेतु कोई आवश्यकता नहीं है। इसके स्थान पर, एक बीजी पर्याप्त होगा।
  • अब से आयोजित नीलामियों के लिए, किस्त भुगतान सुरक्षित करने हेतु कोई बीजी आवश्यक नहीं होगा। उद्योग परिपक्व हो गया है एवं बीजी कि विगत परिपाटी की अब आवश्यकता नहीं है।
  • ब्याज दरों को युक्तिसंगत किया गया / शास्तियों (जुर्माना) को समाप्त किया गया: 1 अक्टूबर, 2021 से,  अनुज्ञा शुल्क (एलएफ) / स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) के विलंबित भुगतान पर एसबीआई के एमसीएलआर की ब्याज दर अतिरिक्त 4% एमसीएलआर के स्थान पर अतिरिक्त 2% आकर्षित होगी; मासिक के स्थान पर वार्षिक चक्रवृद्धि ब्याज; शास्ति एवं शास्तियों पर ब्याज को समाप्त किया गया।
  • स्पेक्ट्रम अवधि: भविष्य की नीलामी में, स्पेक्ट्रम की अवधि 20 से बढ़ाकर 30 वर्ष कर दी गई।
  • भविष्य की नीलामी में प्राप्त किए गए स्पेक्ट्रम के लिए 10 वर्ष पश्चात स्पेक्ट्रम के अभ्यर्पण की अनुमति प्रदान जाएगी।
  • भविष्य की स्पेक्ट्रम नीलामी में प्राप्त स्पेक्ट्रम के लिए कोई स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (एसयूसी) नहीं होगा।
  • स्पेक्ट्रम सहभाजन (शेयरिंग) को प्रोत्साहित किया गया – स्पेक्ट्रम शेयरिंग के लिए 5% का अतिरिक्त एसयूसी समाप्त किया गया।
  • निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु, दूरसंचार क्षेत्र में स्वचालित मार्ग के तहत 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है। सभी सुरक्षा उपाय लागू होंगे।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर)

प्रक्रियात्मक सुधार

  • नीलामी कैलेंडर नियत किया गया– स्पेक्ट्रम नीलामी सामान्यतः: प्रत्येक वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में आयोजित की जाएगी।
  • व्यापार करने में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) को बढ़ावा दिया गया – वायरलेस उपकरणों के लिए 1953 सीमा शुल्क अधिसूचना के अंतर्गत अनुज्ञप्तियों की बोझिल आवश्यकता को समाप्त कर दिया गया। स्व-घोषणा के साथ प्रतिस्थापित कर दिया गया।
  • अपने ग्राहकों को जानें (केवाईसी) सुधार: स्व-केवाईसी (ऐप आधारित) की अनुमति प्रदान की गई। ई-केवाईसी दर संशोधित कर मात्र एक रुपये कर दी गई। प्रीपेड से पोस्ट-पेड एवं इसके विलोम में स्थानांतरण हेतु नवीन केवाईसी की आवश्यकता नहीं होगी।
  • पेपर कस्टमर एक्विजिशन फॉर्म (सीएएफ) को आंकड़ों के डिजिटल भंडार से प्रतिस्थापित कर दिया जाएगा। टीएसपी के विभिन्न गोदामों में पड़े लगभग 300-400 करोड़ पेपर सीएएफ की आवश्यकता नहीं होगी। सीएएफ के वेयर हाउस ऑडिट की आवश्यकता नहीं होगी।
  • एसएसीएफए (रेडियो फ्रीक्वेंसी आवंटन पर स्थायी सलाहकार समिति) दूरसंचार टावरों स्थापना के लिए स्वीकृति में ढील दी गई। डीओटी (दूरसंचार विभाग) स्व-घोषणा के आधार पर पोर्टल पर डेटा स्वीकार करेगा। अन्य एजेंसियों के पोर्टल (जैसे नागरिक उड्डयन) को डीओटी पोर्टल से जोड़ा जाएगा।

उदारीकृत ड्रोन नियम, 2021

दूरसंचार सेवा प्रदाताओं की तरलता आवश्यकताओं को संबोधित करना

  • एजीआर निर्णय से उत्पन्न होने वाले देय राशि के वार्षिक भुगतान में चार वर्ष तक का अधिस्थगन / आस्थगन, यद्यपि, देय राशियों के शुद्ध वर्तमान मूल्य (एनपीवी) को सुरक्षित कर संरक्षित किया जा रहा है।
  • विगत नीलामी (2021 की नीलामी को छोड़कर) में क्रय किए गए स्पेक्ट्रम के देय भुगतान पर एनपीवी के साथ संबंधित नीलामियों में निर्धारित ब्याज दर पर चार वर्ष तक के लिए अधिस्थगन / आस्थगन
  • टीएसपी को इक्विटी के माध्यम से भुगतान के उक्त आस्थगन के कारण उत्पन्न होने वाली ब्याज राशि का भुगतान करने का विकल्प

वैकल्पिक निवेश कोष: उभरते सितारे कोष

अपेक्षित लाभ

  • इन सुधारों से अपेक्षित है
    • रोजगार के अवसरों की सुरक्षा एवं सृजन करना,
    • स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना,
    • उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना,
    • तरलता डालना,
    • निवेश को प्रोत्साहित करना, एवं
    • दूरसंचार सेवा प्रदाताओं (टीएसपी) पर नियामक बोझ को कम करना।
  • इसके अतिरिक्त, सुधार उपायों से ब्रॉडबैंड एवं दूरसंचार कनेक्टिविटी के प्रसार तथा अंतर्वेशन (पैठ) को और बढ़ावा मिलेगा।
  • यह ‘अंत्योदय’ को समावेशी विकास के अंतर्गत लाएगा एवं उपेक्षित (हाशिए के) क्षेत्रों को मुख्यधारा एवं सार्वभौमिक ब्रॉडबैंड के अंतर्गत लाएगा।
  • इस पैकेज से 4जी प्रसार को बढ़ावा देने, तरलता में वृद्धि करने एवं और 5जी नेटवर्क में निवेश हेतु अनुकूल परिवेश शिव तैयार होने की भी संभावना है।

प्रगति मंच: 37वीं प्रगति बैठक

manish

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