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ग्लोबल इनोवेशन समिट 2021- औषधि क्षेत्र का पहला वैश्विक नवाचार सम्मेलन

ग्लोबल इनोवेशन समिट- यूपीएससी परीक्षा हेतु प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां –
    • विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप एवं उनकी अभिकल्पना तथा कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
    • सामाजिक क्षेत्र/स्वास्थ्य से संबंधित सेवाओं के विकास एवं प्रबंधन से संबंधित मुद्दे।

ग्लोबल इनोवेशन समिट- संदर्भ

  • हाल ही में, भारत के प्रधानमंत्री ने फार्मास्यूटिकल्स क्षेत्र के पहले वैश्विक नवाचार सम्मेलन (ग्लोबल इनोवेशन समिट) का उद्घाटन किया।

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ग्लोबल इनोवेशन समिट- प्रमुख बिंदु

  • ग्लोबल इनोवेशन समिट के बारे में: औषधि क्षेत्र पर पहला वैश्विक नवाचार सम्मेलन 2021 एक विशिष्ट पहल है जिसका आयोजन इंडियन फार्मास्युटिकल एसोसिएशन द्वारा किया जा रहा है।
  • भागीदारी: वैश्विक नवाचार सम्मेलन 2021 दो दिवसीय शिखर सम्मेलन है।  वैश्विक नवाचार सम्मेलन 2021 में 12 सत्र होंगे एवं इसमें 40 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वक्ताओं की भागीदारी होगी।
    • वैश्विक नवाचार सम्मेलन 2021 में घरेलू एवं वैश्विक औषधि उद्योग के प्रमुख सदस्य, प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थानों के अधिकारी, निवेशक एवं शोधकर्ता भाग लेंगे।
  • उद्देश्य: वैश्विक नवाचार सम्मेलन का उद्देश्य सरकार, उद्योग, शिक्षाविदों, निवेशकों एवं शोधकर्ताओं के प्रमुख भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय हितधारकों को एक साथ लाना है एवं इस क्षेत्र में एक संपन्न नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने हेतु रणनीतिक प्राथमिकताओं पर चर्चा करना है।

ग्लोबल इनोवेशन समिट- महत्व

  • औषधि (फार्मास्यूटिकल्स) क्षेत्र पर वैश्विक नवाचार सम्मेलन 2021 भारतीय औषधि ( दवा) उद्योग में अवसरों को चिन्हांकित करेगा जिसमें विकास की व्यापक संभावना है।
  • वैश्विक नवाचार सम्मेलन 2021 में अनेक विषयों पर विचार-विमर्श होगा, जिसमें नियामक वातावरण, नवाचार हेतु  वित्तपोषण, उद्योग-अकादमिक सहयोग एवं नवाचार अवसंरचना शामिल है।
  • औषधि क्षेत्र में वैश्विक नवाचार सम्मेलन इस तथ्य को भी चिन्हांकित करेगा कि भारतीय दवा उद्योग भारत के आर्थिक विकास का एक प्रमुख संचालक है।

ग्लोबल इनोवेशन समिट- औषधि क्षेत्र का महत्व

  • कोविड –19 के दौरान भूमिका: कोविड -19 महामारी ने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के महत्व को स्पष्ट रूप से ध्यान में लाया है। इस संदर्भ में, दवा उद्योग ने महामारी के दौरान भारतीय एवं वैश्विक नागरिकों के जीवन की क्षति एवं पीड़ा को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
  • रोजगार और अर्थव्यवस्था को संवर्धित करना: भारतीय दवा उद्योग लगभग 30 लाख व्यक्तियों को रोजगार प्रदान करता है, और लगभग तेरह अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष सृजित करता है।
    • भारतीय फार्मा उद्योग हमारे आर्थिक विकास का प्रमुख चालक रहा है।
    • भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र द्वारा अर्जित वैश्विक विश्वास ने हाल के दिनों में भारत को ”विश्व की फार्मेसी” कहा है।
  • प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई): 2014 से, भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 12 बिलियन डॉलर से अधिक को आकर्षित किया है।

 

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