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मिशन समुद्रयान

मिशन समुद्रयान: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: आईटी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-प्रौद्योगिकी, जैव-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जागरूकता

 

मिशन समुद्रयान: प्रसंग

  • हाल ही में, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने चेन्नई में भारत के प्रथम एवं विशिष्ट मानवयुक्त महासागर मिशन समुद्रयान का विमोचन किया है।

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मिशन समुद्रयान: मुख्य बिंदु

  • इस मिशन के शुभारंभ के साथ, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान, फ्रांस एवं चीन जैसे देशों के अभिजात्य वर्ग में सम्मिलित हो गया है, जिसके पास उप-समुद्री गतिविधियों को संपादित करने के लिए ऐसे अन्तर्जलीय वाहन हैं।
  • निकेत प्रौद्योगिकी एमओईएस को 1000 एवं 5500 मीटर की गहराई पर स्थित बहुधात्विक मैंगनीज ग्रंथिकाओं (पॉलीमेटेलिक मैंगनीज नोड्यूल), गैस हाइड्रेट्स, हाइड्रो-थर्मल सल्फाइड एवं कोबाल्ट क्रस्ट जैसे अ-जीवित संसाधनों के गहरे समुद्र में अन्वेषण करने में सुविधा प्रदान करेगी।

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मत्स्य 6000

  • मानवयुक्त निमज्जक (सबमर्सिबल) के 500 मीटर उथले जल के निर्धारित संस्करण का समुद्री परीक्षण 2022 की अंतिम तिमाही में होने की संभावना है एवं मत्स्य 6000, गहरे जल में चलने वाला मानव युक्त निमज्जक 2024 की दूसरी तिमाही तक परीक्षण के लिए तैयार हो जाएगा।
  • मानवयुक्त निमज्जक मत्स्य 6000 का प्रारंभिक डिजाइन पूरा हो गया है एवं विकास का समर्थन करने के लिए इसरो, आईआईटीएम और डीआरडीओ सहित विभिन्न संगठनों के साथ वाहन की प्रस्तुति प्रारंभ हो गई है।
  • धातु विज्ञान, ऊर्जा भंडारण, अन्तर्जलीय नौवहन एवं विनिर्माण सुविधाओं में उन्नत प्रौद्योगिकियां अधिक कुशल, विश्वसनीय एवं सुरक्षित मानवयुक्त पनडुब्बी विकसित करने के अवसर प्रदान करती हैं।

 

 

अन्तर्जलीय वाहन के उपयोग

  • अन्तर्जलीय वाहन उच्च-विभेदन बाथमीट्री, जैव विविधता मूल्यांकन, भू-वैज्ञानिक अवलोकन, खोज गतिविधियों, बचाव अभियान एवं अभियांत्रिकी सहायता जैसी उप-सामुद्रिक गतिविधियों को संपादित करने के लिए आवश्यक हैं।
  • भले ही मानव रहित अन्तर्जलीय वाहनों ने प्रत्यक्ष अवलोकन के समान परिचालन एवं उत्कृष्ट दृष्टि प्रणालियों में सुधार किया है, मानवयुक्त पनडुब्बी शोधकर्ताओं के लिए प्रत्यक्ष भौतिक उपस्थिति का अनुभव प्रदान करते हैं एवं बेहतर अंतःक्षेप क्षमता से युक्त होते हैं।

 

फेंडोज़े

  • उन्नत उप-प्रौद्योगिकियों के साथ, हाल ही में चीन द्वारा 2020 में विकसित किए गए मानवयुक्त पनडुब्बी फेंडोज़े ने ~ 11000 मीटर जल की गहराई को छू लिया है।

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डीप ओशन मिशन

  • एमओईएस-एनआईओटी डीप ओशन मिशन के तत्वावधान में स्वदेशी रूप से 6000 मीटर की गहराई क्षमता वाला एक मानवयुक्त पनडुब्बी विकसित कर रहा है।
  • डीप ओशन मिशन भारत सरकार की ब्लू इकोनॉमी पहल का समर्थन करने के लिए एक मिशन मोड परियोजना है।

 

घटक

  • गहरे समुद्र में खनन कार्य (डीप सी माइनिंग) एवं मानवयुक्त सबमर्सिबल के लिए प्रौद्योगिकियों का विकास
  • महासागर जलवायु परिवर्तन सलाहकार सेवाओं का विकास
  • गहरे समुद्र में जैव विविधता की खोज एवं संरक्षण के लिए तकनीकी नवाचार
  • गाड़ी समुद्र में सर्वेक्षण एवं अन्वेषण (डीप ओशन सर्वे एंड एक्सप्लोरेशन)
  • महासागर से ऊर्जा और स्वच्छ जल
  • महासागर जीव विज्ञान के लिए उन्नत समुद्री स्टेशन

 

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