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भारत 300 GW सौर ऊर्जा लक्ष्य प्राप्ति में विफल हो सकता है

सौर मिशन भारत यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: आधारिक अवसंरचना: ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, हवाई अड्डे, रेलवे इत्यादि।

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राष्ट्रीय सौर मिशन: संदर्भ

  • इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (IEEFA) एवं JMK रिसर्च द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में, यह पाया गया कि भारत 2030 के लिए 300 GW (गीगावाट) के अपने सौर ऊर्जा लक्ष्य को प्राप्त करने से लगभग 86 GW से चूक सकता है।

 

भारत सौर मिशन लक्ष्यों की प्राप्ति में विफल हो सकता है: प्रमुख बिंदु

  • रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत के इस वर्ष 100 GW स्थापित सौर क्षमता प्राप्त करने के अपने लक्ष्य से लगभग 27% तक चूकने की  संभावना है।
  • दिसंबर 2022 तक, 40 GW रूफटॉप सौर लक्ष्य से 25 GW एवं 60 GW  उपादेयता स्तर के सौर लक्ष्य (यूटिलिटी-स्केल सोलर टारगेट) से 1.8 GW की कमी होने की संभावना है।
  •  उपादेयता स्तर के 60 GW तथा रूफटॉप सौर क्षमता के 40 GW से युक्त 100 GW लक्ष्य का मात्र 50% ही पूर्ण किया गया है।
  • कारण: नियामक बाधाएं, शुद्ध मीटरिंग सीमाएं, आयातित सेल तथा इकाई (मॉड्यूल) पर मूल सीमा शुल्क (बीसीडी), मॉडल तथा निर्माताओं (एएलएमएम) की अनुमोदित सूची के साथ मुद्दे, अहस्ताक्षरित विद्युत आपूर्ति समझौते (पीएसए), बैंकिंग प्रतिबंध।

 

भारत के सौर मिशन लक्ष्य

  • भारत ने 2010 में राष्ट्रीय सौर मिशन आरंभ किया, जिसके तहत 2022 तक कुल स्थापित क्षमता लक्ष्य 20 GW निर्धारित किया गया था। यह प्रथम अवसर है जब सरकार ने भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने  तथा विकसित करने पर ध्यान केंद्रित किया।
  • 2015 में, सरकार ने समय सीमा में कोई परिवर्तन किए बिना, लक्ष्य को संशोधित कर 100 GW कर दिया।
  • पुनः, अगस्त 2021 में, लक्ष्य को फिर से बढ़ाकर 2030 तक 300 GW कर दिया गया।

 

भारत का सौर मिशन

  • भारत वर्तमान में स्थापित सौर ऊर्जा क्षमता के मामले में चीन, अमेरिका, जापान एवं जर्मनी के बाद पांचवें स्थान पर है
  • 2011 तथा 2021 के मध्य, भारत में सौर ऊर्जा क्षेत्र 2011 में 0.5 GW से 59% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट/CAGR) से बढ़कर 2021 में 55 GW हो गया।
  •  विगत पांच वर्षों में सौर ऊर्जा क्षमता 11 गुना से अधिक बढ़ गई है, जो मार्च 2014 में 2.6 GW से जुलाई 2019 में 30 GW हो गई है।

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भारत में सौर ऊर्जा का महत्व 

  • पेरिस समझौते की शर्तों के अनुसार वैश्विक तापन (ग्लोबल वार्मिंग) को संबोधित करने के साथ-साथ 2070 तक निवल शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के लिए सौर ऊर्जा भारत की प्रतिबद्धता का एक प्रमुख घटक है।
  • COP26 में, भारत 2030 तक 500 GW की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता तक पहुंचने एवं 2030 तक  नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से अपनी आधी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • केंद्र सरकार ने, 2020 में, 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा-आधारित स्थापित क्षमता के 450 GW का लक्ष्य निर्धारित किया, जिसके अंतर्गत भारत में  नवीकरणीय ऊर्जा स्थापना अभियान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सौर ऊर्जा के लिए लक्ष्य 300 GW था।

 

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