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भारत-जापान संबंध | विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन

भारत-जापान संबंध- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

  • जीएस पेपर 2: अंतर्राष्ट्रीय संबंध- द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं वैश्विक समूह तथा भारत से जुड़े एवं/या भारत के हितों को प्रभावित करने वाले समझौते।

भारत-जापान संबंध | विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन_3.1

समाचारों में भारत-जापान संबंध

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में भारत एवं जापान के मध्य सहयोग ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ कोऑपरेशन/एमओसी) के लिए अपनी कार्योत्तर स्वीकृति प्रदान की है।
  • जारी भारत-जापान सहयोग को ध्यान में रखते हुए, विकेंद्रीकृत उपचार क्षेत्र में अनुभव तथा विशेषज्ञता का आदान-प्रदान करने के लिए जापान के साथ एक समझौता करने का निर्णय लिया गया है।

 

विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में एमओसी के बारे में

  • विकेंद्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के बारे में: विकेंद्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्रों में जल संसाधन विभाग, नदी विकास तथा गंगा कायाकल्प एवं जापान के पर्यावरण मंत्रालय के मध्य हस्ताक्षर किए गए थे।
  • कार्यान्वयन: एक प्रबंधन परिषद (मैनेजमेंट काउंसिल/एमसी) का गठन किया जाएगा जो सहयोग की विस्तृत गतिविधियों को तैयार करके  एवं इसकी प्रगति की निगरानी के द्वारा इस एमओसी के कार्यान्वयन के  प्रति उत्तरदायी होगी।
  • अधिदेश: विकेंद्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन में निम्नलिखित के लिए सहयोग को बढ़ावा देने के लिए इस पर हस्ताक्षर किए गए थे-
    • सार्वजनिक जल क्षेत्रों में जल पर्यावरण का संरक्षण  एवं
    • दोनों देशों के मध्य समानता एवं पारस्परिक लाभ के सिद्धांतों के आधार पर सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार।
  • विस्तार क्षेत्र: सहयोग का अधिकांशतः विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं उपचारित अपशिष्ट जल के प्रभावी पुन: उपयोग पर केंद्रित है।
  • महत्व:  एमओसी सहयोग को निम्नलिखित हेतु प्रोत्साहित एवं सुगम करेगा-
    • सूचनाओं के आदान-प्रदान में पारस्परिक हित के क्षेत्रों में तथा
    • सेमिनारों, सम्मेलनों एवं क्षमता निर्माण के माध्यम से विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन पर विशेषज्ञता।

 

विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन में एमओसी के लिए वित्त पोषण

  • इस समझौता ज्ञापन के तहत दोनों पक्षों पर कोई वित्तीय दायित्व नहीं होगा।
  • इस एमओसी के अंतर्गत गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए, संबंधित क्षेत्रों में विस्तृत विनिर्देशों के साथ-साथ ऐसे कारक-विशिष्ट कार्यक्रमों एवं परियोजनाओं की वित्तीय व्यवस्था जैसे अन्य प्रासंगिक मामलों को सम्मिलित करते हुए, कारक-विशिष्ट विवरण बनाए जा सकते हैं।

भारत-जापान संबंध | विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन_4.1

विकेंद्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन के क्षेत्र में एमओसी का प्रभाव 

  • MoC के माध्यम से जापान के साथ सहयोग निम्नलिखित क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा-
    • विकेन्द्रीकृत घरेलू अपशिष्ट जल प्रबंधन एवं
    • जोहकासौ तकनीक का उपयोग करके उपचारित अपशिष्ट जल का प्रभावी पुन: उपयोग।
  • जल जीवन मिशन के तहत आच्छादन के साथ-साथ मिशन के अंतर्गत स्वच्छ जल के स्रोतों की धारणीयता के साथ बस्तियों से दूषित जल/कृष्ण जल के प्रबंधन के लिए विकेन्द्रीकृत जोहकासौ प्रणाली के व्यापक प्रभाव हो सकते हैं।
  • यह शहरी स्थानीय निकायों (अर्बन लोकल बॉडीज/यूएलबी) को अपशिष्ट जल के उपचार के जटिल मुद्दे के लिए बेहतर योजना बनाने में सहायता करेगा।

 

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