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ऊर्जा के पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक स्रोत भाग 1 

ऊर्जा के पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक स्रोत 

ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों को मुख्य रूप से दो स्रोतों में वर्गीकृत किया जाता है:

  • ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत
  • ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत

ऊर्जा के पारंपरिक तथा गैर पारंपरिक स्रोत भाग 1 _3.1

ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत 

  • ऊर्जा के पारंपरिक स्रोत सीमित समय अवधि के लिए उपलब्ध ऊर्जा के प्राकृतिक स्रोत हैं।
  • ये स्रोत ऊर्जा के अ-नवीकरणीय स्रोत हैं एवं समय के साथ समाप्त होते जाते हैं।
  • वे आमतौर पर क्षयमान सामग्री से प्राप्त होते हैं जो लाखों वर्ष पूर्व निर्मित हुए थे।
  • ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों के उदाहरण: कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम इत्यादि।
  • पारंपरिक स्रोतों ने अत्यधिक पर्यावरणीय क्षति पहुंचाई है तथा वैश्विक तापन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

 

ऊर्जा के विभिन्न प्रकार के पारंपरिक स्रोत

कोयला

  • कोयला पारंपरिक ऊर्जा के सर्वाधिक महत्वपूर्ण स्रोतों में से एक है।
  • कोयला भारत में  सर्वाधिक प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला जीवाश्म ईंधन है तथा यह कई वर्षों से भारत की ऊर्जा आपूर्ति का मुख्य स्रोत रहा है।
  • औद्योगीकरण के आगमन के पश्चात से कोयला ऊर्जा का सर्वाधिक आम स्रोत रहा है।
  • भारत में लगभग 150000 मिलियन टन कोयले का भंडार है। जिनमें से निक्षेप मुख्य रूप से ओडिशा, बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल राज्यों में हैं।
  • भारत  विश्व का चौथा सर्वाधिक वृहद कोयला उत्पादक देश है।

 

प्राकृतिक गैस

  • यह भारत में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • प्राकृतिक गैस में लगभग 95% मीथेन एवं शेष ईथेन  तथा प्रोपेन होते हैं।
  • यह भूपर्पटी के नीचे या तो अकेले अथवा पेट्रोलियम निक्षेप के ऊपर तेल के साथ पाया जाता है।
  • यह त्रिपुरा, जैसलमेर, बॉम्बे हाई के अपतटीय क्षेत्रों एवं कृष्णा-गोदावरी डेल्टा में उपलब्ध है।
  • इसका उपयोग घरेलू तथा औद्योगिक ईंधन दोनों के रूप में किया जाता है।

 

पेट्रोलियम उत्पाद

  • यह भारत में ऊर्जा का एक महत्वपूर्ण स्रोत है।
  • इसका उपयोग ऑटोमोबाइल, ट्रेनों, विमानों एवं जलयानों तथा अन्य परिवहन वाहनों में किया जाता है।
  • भारत में प्रमुख तेल उत्पादक राज्य मुंबई, असम तथा गुजरात हैं।
  • हमारे देश में कुछ कच्चे तेल उत्पादक स्थान हैं:
    • गुजरात में अंकलेश्वर कथा कलोल
    • असम में लकवा तथा रुद्रसागर; एवं
    • बॉम्बे हाई (अपतटीय क्षेत्र/ऑफ-शोर एरिया)।

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ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोत

  • ऊर्जा के वे स्रोत जो प्रकृति में निरंतर उत्पादित हो रहे हैं एवं अक्षय हैं, ऊर्जा के नवीकरणीय ( अथवा) गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोत कहलाते हैं।
  • ऊर्जा के ये स्रोत पर्यावरण प्रदूषण का कारण नहीं बनते हैं एवं इसलिए, ऊर्जा के पर्यावरण के अनुकूल स्रोत हैं।
  • ऊर्जा के गैर-पारंपरिक स्रोतों के उदाहरण: ज्वारीय ऊर्जा, पवन ऊर्जा, जल ऊर्जा, सौर ऊर्जा तथा भूतापीय ऊर्जा।

 

आगामी लेख में हम ऊर्जा के विभिन्न प्रकार के गैर-पारंपरिक स्रोतों पर चर्चा करेंगे।

 

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