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वित्त वर्ष 2022 के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य  को पार कर गया

राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन यूपीएससी: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।

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परिसंपत्ति मुद्रीकरण: संदर्भ

  • हाल ही में, वित्त मंत्रालय ने कई मंत्रालयों द्वारा की गई प्रगति की समीक्षा की है, इसके अतिरिक्त यह सूचित किया है कि वित्त वर्ष 2022 के लिए परिसंपत्ति मुद्रीकरण लक्ष्य को पार कर लिया गया था

 

परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन: मुख्य बिंदु

  • वित्त वर्ष 2022: 88,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 96000 रुपये की परिसंपत्ति का मुद्रीकरण पूर्ण हुआ। 
  • वित्त वर्ष 2023: 1.62 ट्रिलियन रुपये की परिसंपत्ति मुद्रीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया था एवं 1.6 ट्रिलियन रुपये की परिसंपत्ति की एक पाइपलाइन पूर्व से ही कार्यान्वयन के उन्नत चरणों में है। 
  • वित्त वर्ष 2022 में,परिसंपत्ति मुद्रीकरण का नेतृत्व सड़क, ऊर्जा, कोयला एवं खनन मंत्रालयों द्वारा किया गया था।

 

विभिन्न मंत्रालयों में परिसंपत्ति मुद्रीकरण

 

परिवहन में परिसंपत्ति का मुद्रीकरण

  • सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने 23,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का मुद्रीकरण किया है, जिसमें इनविट (इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट) तथा तीन टीओटी (टोल ऑपरेट ट्रांसफर) बंडलों के माध्यम से 390 किलोमीटर की दूरी सम्मिलित है।

 

ऊर्जा में परिसंपत्ति का मुद्रीकरण 

  • ऊर्जा मंत्रालय ने पावर ग्रिड कॉरपोरेशन के इनविट तथा एनएचपीसी की क्रियात्मक जलविद्युत  परिसंपत्तियों के प्रतिभूतिकरण के साथ 9,500 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का मुद्रीकरण किया।

 

कोयले में परिसंपत्ति का मुद्रीकरण 

  • कोयला मंत्रालय निजी क्षेत्र के लिए कोयला खनन को खोलने  एवं घरेलू कोयला उत्पादन को प्रोत्साहित करने हेतु उठाए गए कदमों के कारण 40,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का मुद्रीकरण करने में सक्षम था।

 

रेलवे में परिसंपत्ति का मुद्रीकरण 

  • रेल मंत्रालय बड़ी परिसंपत्ति के मुद्रीकरण में पिछड़ा हुआ है एवं अपने लगभग 18,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 800-900 करोड़ रुपये की परिसंपत्ति का मुद्रीकरण करने में सक्षम था।

 

परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन क्या है?

  • राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन उन ब्राउनफील्ड परिसंपत्तियों के बारे में है जहां पूर्व समय से ही निवेश किया जा रहा है, किंतु ऐसी परिसंपत्तियां हैं जो या तो मंद हैं अथवा पूर्ण रूप से मुद्रीकृत नहीं की गई हैं अथवा  अल्प उपयोग की गई हैं। 
  • इन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण किया जाएगा एवं प्राप्त राशि का उपयोग आगे  आने वाली आधारिक अवसंरचनाओं के निर्माण के लिए किया जाएगा।

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परिसंपत्ति मुद्रीकरण पाइपलाइन के बारे में 

 

  • केंद्रीय बजट 2021-22 ने स्थायी आधारिक अवसंरचना के वित्तपोषण के लिए एक प्रमुख साधन के रूप में  क्रियाशील सार्वजनिक आधारिक अवसंरचना परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण का अभिनिर्धारण किया है।
  • विनिवेश के माध्यम से मुद्रीकरण तथा गैर-प्रमुख परिसंपत्तियों (जैसे भूमि, भवन, और पूर्ण रूप से अचल संपत्ति परिसंपत्ति) के मुद्रीकरण को राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) में सम्मिलित नहीं किया गया है। 
  • चार वर्ष की अवधि, वित्त वर्ष 2022-2025 में एनएमपी के तहत कुल परिसंपत्ति पाइपलाइन, सांकेतिक रूप से मूल्य 6.0 लाख करोड़ रुपये है। 
  • अनुमानित मूल्य एनआईपी (नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन) के तहत केंद्र के लिए प्रस्तावित परिव्यय का 14% है। 
  • सम्मिलित क्षेत्रों में सड़कें, बंदरगाह, हवाई अड्डे, रेलवे, गोदाम, गैस तथा उत्पाद पाइपलाइन, विद्युत उत्पादन एवं पारेषण, खनन, दूरसंचार, स्टेडियम, आतिथ्य तथा आवास सम्मिलित हैं। 
  • शीर्ष 5 क्षेत्र (अनुमानित मूल्य के अनुसार) कुल पाइपलाइन मूल्य का 83% अंश गठित करते हैं।

 

 राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइप लाइन के लाभ

  • यह भारत के आम नागरिक को उच्च गुणवत्ता युक्त एवं किफायती आधारिक अवसंरचना तक सार्वभौमिक पहुंच प्रदान करेगा। 
  • इसका उद्देश्य नवीन आधारिक अवसंरचना के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र के निवेश का दोहन करना है। 
  • यह रोजगार के नए अवसर सृजित करेगा, जिसके परिणामस्वरूप उच्च आर्थिक विकास होगा एवं समग्र लोक कल्याण के लिए ग्रामीण तथा अर्ध-शहरी क्षेत्रों को समेकित रूप से एकीकृत किया जाएगा।

 

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