Home   »   कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: सरकार के...   »   कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: सरकार के...

कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: सरकार के कदम

कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: प्रासंगिकता

  • जीएस: किसानों की सहायता में ई-प्रौद्योगिकी।

कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: सरकार के कदम_3.1

कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: प्रसंग

  • केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने एक लिखित उत्तर में सदन को देश में कृषि क्षेत्र के डिजिटलीकरण को सक्षम करने एवं कृषि-तकनीकी व्यवसाय को बढ़ावा देने हेतु विभिन्न पहलों / कदमों के बारे में सूचित किया है।

 

कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण: सरकारी कदम

  • सरकार ने एक भारतीय कृषि हेतु डिजिटल पारितंत्र (डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर) (आईडीईए) संरचना को अंतिम रूप प्रदान किया है जो किसानों के संघबद्ध डेटाबेस हेतु संरचना निर्मित करेगा।
    • डिजिटल इकोसिस्टम ऑफ एग्रीकल्चर (आईडिया) भारत में कृषि के लिए एक बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र निर्मित करने में प्रभावी रूप से योगदान करने हेतु उदीयमान प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाते हुए नवीन कृषि-केंद्रित समाधान बनाने के लिए एक नींव के रूप में कार्य करेगा।
  • कृषि में राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस योजना (एनईजीपी-ए) के तहत, आधुनिक तकनीकों के उपयोग वाली परियोजनाओं यथा कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) (एआई), यांत्रिक अभिगम (मशीन लर्निंग) (एमएल), रोबोटिक्स, ड्रोन,  आंकड़ा विश्लेषण (डेटा एनालिटिक्स), ब्लॉक चेन इत्यादि के लिए राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों को  निधि जारी की जाती है।
  • भारत सरकार ने किसानों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य प्रदान करने हेतु एक ऑनलाइन पारदर्शी प्रतिस्पर्धी बोली प्रणाली निर्मित करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम) योजना प्रारंभ की है। साथ ही, 18 राज्यों एवं 3 केंद्र शासित प्रदेशों की 1000 मंडियों को अब तक ई-एनएएम प्लेटफॉर्म से जोड़ा जा चुका है।
  • कृषि मशीनरी के लिए सहायिकी के प्रावधानों को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए, सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) पोर्टल, केंद्रीकृत कृषि मशीनरी प्रदर्शन परीक्षण पोर्टल एवं फार्म मोबाइल ऐप विकसित किया है।
  • डिजिटल अनुयोजकता (कनेक्टिविटी) एवं प्रकाशीय तंतु अवसंरचना (ऑप्टिकल फाइबर इंफ्रास्ट्रक्चर) में निवेश के लिए ‘एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर फंड’ के तहत वित्तपोषण सुविधा की एक केंद्रीय क्षेत्र योजना, इस योजना के तहत शामिल परियोजनाओं हेतु एक पात्र गतिविधि है।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के तहत केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल (आईसीएआर-सीआईएई) ने कृषि अभियांत्रिकी के क्षेत्र में अनुसंधान, संचालन एवं प्रौद्योगिकी प्रसार प्रक्रिया को संवर्धित करने के लिए कृषि यंत्र ऐप विकसित किया है।
  • इसके अतिरिक्त, आईसीएआर-सीआईएई ने निम्नलिखित मोबाइल ऐप भी विकसित किए हैं:
    • ‘फार्म मेक’ ऐप: ऐप तमिलनाडु की पांच प्रमुख फसलों के लिए उपयुक्त कृषि मशीनरी के चयन के लिए निर्णय समर्थन से संबंधित है। इसमें एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म में 2250 कस्टम हायरिंग सर्विस ऑपरेटरों की गतिशील अनुयोजकता (डायनेमिक नेटवर्किंग) भी है।
    • ‘कृषि सुरक्षा’: विभिन्न प्रकार की कृषि मशीनरी का उपयोग करते समय दुर्घटनाओं से बचने के लिए सुरक्षा दिशानिर्देशों एवं सुरक्षा उपकरणों (गैजेट्स) के बारे में जानकारी प्रदान करता है।
    • रूफ वाटर हार्वेस्टिंग (मोबाइल ऐप) के लिए जल संतुलन अनुरूपण प्रतिमान (वाटर बैलेंस सिमुलेशन मॉडल): निर्णय निर्माताओं के लिए डिजाइन आवश्यकताओं हेतु संस्तुतियां करना सहायक होता है, जहां छत के पानी के संचयन प्रणाली को अपनाने से जल की बचत एवं जल सुरक्षा हो सकती है।
भारत में कृषि में महिलाएं: कृषि में लैंगिक मुख्यधारा संपादकीय विश्लेषण: भारतीय कृषि को एक वर्गीज कुरियन की आवश्यकता है नए कृषि कानून निरस्त: पीएम मोदी ने निरस्त किया फार्म बिल 2020 कॉप 26: सतत कृषि
कृषि उड़ान 2.0 भारत का कृषि निर्यात- कृषि निर्यात करंड में परिवर्तन वैश्विक कृषि उत्पादकता रिपोर्ट 2021 परिवहन एवं विपणन सहायता पुनरीक्षित
बेहतर खाने के लिए बेहतर बुवाई- बेहतर उत्पादन, पोषण एवं पर्यावरण के लिए कृषि-खाद्य प्रणालियों को रूपांतरित करना प्रच्छन्न भूख का मुकाबला: चावल का प्रबलीकरण पोषण उद्यान / न्यूट्री गार्डन पोषाहार विफलता- बच्चों में कुपोषण की स्थिति एवं प्रधानमंत्री पोषाहार योजना

Sharing is caring!

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *