प्रासंगिकता
जीएस 2: प्रौद्योगिकी मिशन।
प्रसंग
- हाल ही में, हमारे प्रधानमंत्री ने 2024 तक विद्यालयों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) एवं मध्याह्न भोजन योजना सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत वितरित चावल के प्रबलीकरण (फोर्टिफिकेशन) की घोषणा की।
प्रच्छन्न भूख क्या है?
- प्रच्छन्न भूख अल्पपोषण का एक रूप है जो तब घटित होता है जब विटामिन एवं खनिजों (जैसे जस्ता, आयोडीन तथा लौह) का अंतर्ग्रहण एवं अंतः शोषण अच्छे स्वास्थ्य एवं विकास को बनाए रखने के लिए अत्यंत कम होता है।
प्रबलीकरण क्या है?
- भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के अनुसार, यह सुविचारित रूप से भोजन में आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्वों की मात्रा में वृद्धि कर रहा है ताकि भोजन की पोषण गुणवत्ता में सुधार हो एवं इस प्रकार सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार हो सके।
- आहार में विटामिन तथा खनिज की मात्रा में वृद्धि करने हेतु चावल का फोर्टिफिकेशन एक लागत प्रभावी एवं पूरक रणनीति है।
इसकी आवश्यकता क्यों है?
- देश में महिलाओं एवं बच्चों में कुपोषण का उच्च स्तर।
- खाद्य मंत्रालय के अनुसार देश में प्रत्येक दूसरी महिला रक्ताल्पता पीड़ित है तथा प्रत्येक तीसरा बच्चा अविकसित है।
- भारत वैश्विक भूख सूचकांक (जीएचआई) में 107 देशों में 94वें स्थान पर है तथा ‘गंभीर भूख‘ श्रेणी के अंतर्गत है।
अतिरिक्त पोषक तत्व क्या हैं?
- एफएसएसएआई के मानदंडों के अनुसार, 1 किलो प्रबलीकृत चावल में शामिल होगा-
- लौह (28 मिलीग्राम-5 मिलीग्राम),
- फोलिक अम्ल (75-125 माइक्रोग्राम)
- विटामिन बी-12 (0.75-1.25 माइक्रोग्राम)।
- इसके अतिरिक्त, चावल को सूक्ष्म पोषक तत्वों से भी एकल रूप में अथवा जस्ता एवं विटामिन बी के साथ संयोजन में, प्रबलीकृत किया जा सकता है।
अब तक उठाए गए कदम
- उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने तीन वर्ष की अवधि के लिए ‘चावल के प्रबलीकरण एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत इसका वितरण‘ पर 2019-20 में एक केंद्र प्रायोजित प्रायोगिक योजना आरंभ की थी।
- प्रायोगिक योजना 15 राज्यों – आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड एवं मध्य प्रदेश के 15 जिलों पर केंद्रित है।
- महाराष्ट्र एवं गुजरात सहित छह राज्यों ने प्रायोगिक योजना के अंतर्गत प्रबलीकृत चावल का वितरण आरंभ कर दिया है, जून 2021 तक लगभग 03 लाख मीट्रिक टन प्रबलीकृत चावल वितरित किए जा चुके हैं।
- चार अन्य राज्यों में इसके सितंबर 2021 तक आरंभ होने की संभावना है।
- खाद्य मंत्रालय का कहना है कि 1 अप्रैल, 2022 से 250 अत्यधिक भार वाले जिलों को चावल प्रबलीकरण योजना के अंतर्गत आच्छादित करने का प्रस्ताव है।
अंतरराष्ट्रीय अनुभव
- सात देशों – यूएसए, पनामा, कोस्टा रिका, निकारागुआ, पापुआ न्यू गिनी, फिलीपींस एवं सोलोमन द्वीप ने चावल के प्रबलीकरण को अनिवार्य कर दिया है।