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परिवहन एवं विपणन सहायता पुनरीक्षित

प्रासंगिकता

  • जीएस 3: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायिकी एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित मुद्दे।

 

प्रसंग

  • केंद्र सरकार ने निर्दिष्ट कृषि उत्पादों के लिए “परिवहन एवं विपणन सहायता” (टीएमए) योजना को पुनरीक्षित किया है।

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मुख्य बिंदु

  • डेयरी उत्पाद, जो पूर्व की योजना में सम्मिलित नहीं थे, पुनरीक्षित योजना के अंतर्गत सहायता के पात्र होंगे।
  • सामुद्रिक मार्ग द्वारा निर्यात के लिए सहायता की दरों में 50% की वृद्धि की गई है एवं हवाई मार्ग द्वारा निर्यात के लिए 100% की वृद्धि की गई है।
  • पुनरीक्षित योजना के अंतर्गत बढ़ी हुई सहायता से कृषि उत्पादों के भारतीय निर्यातकों को बढ़ती माल ढुलाई एवं सुप्रचालनिकी (रसद) लागत को पूरा करने में सहायता प्राप्त होने की संभावना है।

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परिवहन और विपणन सहायता योजना

इस योजना के बारे में

  • 2019 में, वाणिज्य विभाग ने निर्दिष्ट कृषि उत्पाद योजना के लिए ‘परिवहन एवं विपणन सहायता (टीएमए)’ प्रारंभ की थी।
  • इसका उद्देश्य माल ढुलाई के अंतरराष्ट्रीय घटक हेतु सहायता प्रदान करना था।
  • इसके अतिरिक्त, इसका उद्देश्य कृषि उत्पादों के भारतीय निर्यातकों के समक्ष उत्पन्न होने वाली उच्च माल ढुलाई लागत की हानि का शमन करना करना है।
  • यह योजना प्रारंभ में 03.2019 से 31.03.2020 की अवधि के दौरान दुष्प्रभावित निर्यातों के लिए लागू थी एवं बाद में इसे 31.03.2021 तक दुष्प्रभावित निर्यातों के लिए बढ़ा दिया गया था।
  • इस योजना को विदेश व्यापार नीति (2015-20) में उपयुक्त रूप से शामिल किया गया था।

 

आच्छादन

  • पात्र कृषि उत्पादों के सभी निर्यातक, विदेश व्यापार नीति के अनुसार प्रासंगिक निर्यात संवर्धन परिषद के साथ पंजीकृत हैं।
  • समय-समय पर यथा विनिर्दिष्ट अनुमत देशों को पात्र कृषि उत्पादों के निर्यात हेतु अधिसूचित दरों पर सहायता उपलब्ध होगी।

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सहायता का प्रतिरूप

  • भुगतान किए गए माल की आंशिक प्रतिपूर्ति के रूप में प्रत्यक्ष बैंक हस्तांतरण के माध्यम से टीएमए के अंतर्गत सहायता नकद रूप में प्रदान की जाएगी।
  • पात्र उत्पादों के निर्यात के लिए समय-समय पर अधिसूचित विभिन्न क्षेत्रों हेतु सहायता का स्तर भिन्न भिन्न होगा।
  • यह योजना मात्र ईडीआई (इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज) बंदरगाहों के माध्यम से किए गए निर्यात के लिए स्वीकार्य होगी।
  • इस योजना में हवाई मार्ग एवं सामुद्रिक मार्ग के द्वारा निर्यात के लिए माल ढुलाई तथा विपणन सहायता शामिल है

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