Table of Contents
स्प्रिंट चैलेंजेज- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।
समाचारों में स्प्रिंट चुनौतियां
- हाल ही में, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में नौसेना नवोन्मेष एवं स्वदेशीकरण संगठन (नेवल इनोवेशन एंड इंडिजिनाइजेशन ऑर्गेनाइजेशन/एनआईआईओ) संगोष्ठी ‘स्वावलंबन’ के दौरान भारतीय नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘स्प्रिंट चुनौतियों’ का अनावरण किया।
स्प्रिंट चुनौतियां
- स्प्रिंट परियोजना के बारे में: रक्षा में ‘आत्मनिर्भरता’ प्राप्त करने हेतु एवं ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ स्प्रिंट परियोजना के हिस्से के रूप में भारतीय नौसेना में कम से कम 75 नई स्वदेशी प्रौद्योगिकियों / उत्पादों को सम्मिलित करने का लक्ष्य है।
- आयोजन प्राधिकरण: एनआईआईओ द्वारा रक्षा नवाचार संगठन (डिफेंस इनोवेशन ऑर्गेनाइजेशनडीआईओ) के संयोजन के साथ स्प्रिंट चुनौतियों का आयोजन किया जा रहा है।
- पूर्ण रूप: इस सहयोगी परियोजना का नाम स्प्रिंट {रक्षा उत्कृष्टता (iDEX), एनआईआईओ एवं प्रौद्योगिकी विकास त्वरण सेल (टीडीएसी) हेतु नवाचारों के माध्यम से आर एंड डी में पोल-वॉल्टिंग का समर्थन} (सपोर्ट पोल वॉल्टिंग इन रिसर्च एंड डेवलपमेंट थ्रू इनोवेशन फॉर डिफेंस एक्सीलेंस, एनआईआईओएंड टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एक्सेलरेशन सेल) है।
- अधिदेश: स्प्रिंट चुनौतियों का उद्देश्य रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में भारतीय उद्योग तथा शिक्षाविदों को सम्मिलित करना है।
- महत्व: स्प्रिंट चुनौतियां उद्योग, शिक्षा, सेवाओं एवं सरकार के नेताओं को रक्षा क्षेत्र हेतु विचार करने तथा सिफारिशों के साथ एक साझा मंच पर एक साथ आने के लिए एक मंच प्रदान करेगी।
रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने हेतु बजट 2022 में प्रमुख प्रस्ताव
- इसने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए अनेक प्रावधान प्रस्तुत किए हैं।
- उद्योग एवं शिक्षा जगत की भागीदारी के साथ रक्षा प्रणालियों के डिजाइन एवं विकास का एकीकृत दृष्टिकोण रक्षा पारिस्थितिकी तंत्र को पुनर्जीवित करेगा।
- प्रमुख रक्षा उपकरणों के डिजाइन विकास एवं उत्पादन के लिए एक विशेष प्रयोजन वाहन (स्पेशल परपज व्हीकल/एसपीवी) के गठन का प्रावधान।
- उद्योग, स्टार्टअप एवं शिक्षाविदों को जोड़ने के लिए निर्धारित बजट के 25% की प्रमुख घोषणा रक्षा अनुसंधान एवं विकास हेतु अत्यंत आवश्यक अभिवर्धन प्रदान करेगी।
- ये प्रावधान रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन/डीआरडीओ) को उद्योग के साथ व्यावसायिक रूप से कार्य करने में सक्षम बनाएंगे ताकि रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को व्यापक परिवर्तन प्राप्त हो सके।
- डीआरडीओ के लिए पूंजीगत बजट आवंटन में 5.3% एवं घरेलू रक्षा उद्योग के लिए पूंजी खरीद बजट के 68% की वृद्धि का प्रावधान हमारे सशस्त्र बलों में स्वदेशी प्रणाली के प्रवेशन को और बढ़ाएगा।
आज़ादी का अमृत महोत्सव (AKAM) के बारे में प्रमुख तथ्य
- आजादी का अमृत महोत्सव के बारे में: आजादी का अमृत महोत्सव प्रगतिशील भारत के 75 वर्ष एवं इसके लोगों, संस्कृति तथा उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास का उत्सव मनाने तथा स्मरण करने की एक पहल है।
- आजादी का अमृत महोत्सव भारत की सामाजिक-सांस्कृतिक, राजनीतिक तथा आर्थिक पहचान के बारे में जो भी प्रगतिशील उसका एक मूर्त रूप है।
- भारत के लोगों का उत्सव: आजादी का अमृत महोत्सव भारत के उन लोगों को समर्पित है, जिन्होंने भारत को उसकी विकास यात्रा में यहां तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
- भारत के लोग भी अपने भीतर शक्ति तथा क्षमता रखते हैं, जो भारत 2.0 को सक्रिय करने के प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को सक्षम बनाता है, जो आत्मनिर्भर भारत की भावना से प्रेरित है।
- आज़ादी का अमृत महोत्सव का प्रारंभ: “आज़ादी का अमृत महोत्सव” की आधिकारिक यात्रा 12 मार्च 2021 को आरंभ हुई, जो हमारी स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के लिए 75-सप्ताह की उलटी गिनती आरंभ करती है।
- श्रेणीबद्ध करें: आजादी का अमृत महोत्सव को पांच श्रेणियों में मनाए जाने की कल्पना की गई है –
- स्वतंत्रता संग्राम (फ्रीडम स्ट्रगल),
- आइडिया @ 75,
- उपलब्धियां (अचीवमेंट्स)@ 75,
- कार्रवाई (एक्शन) @ 75 तथा
- समाधान (रिसॉल्व) @75




TSPSC Group 1 Question Paper 2024, Downl...
TSPSC Group 1 Answer key 2024 Out, Downl...
UPSC Prelims 2024 Question Paper, Downlo...
