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जागृति शुभंकर- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता
- जीएस पेपर 2: शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकार की नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न होने वाले मुद्दे।
समाचारों में जागृति शुभंकर
- हाल ही में, उपभोक्ता मामलों के विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ कंज्यूमर अफेयर्स/डीओसीए) ने उपभोक्ताओं को सशक्त बनाने कथा उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने हेतु एक शुभंकर “जागृति” का विमोचन किया है।
जागृति शुभंकर
- जागृति शुभंकर के बारे में: जागृति को एक सशक्त उपभोक्ता के रूप में प्रस्तुत किया जाएगा जो उपभोक्ता अधिकारों के बारे में जागरूकता का प्रसार कर रहा है एवं उपभोक्ताओं की समस्याओं का समाधान कर रहा है।
- अधिदेश: जागृति का उद्देश्य है-
- डिजिटल एवं मल्टीमीडिया में अपने उपभोक्ता जागरूकता अभियान की उपस्थिति को सुदृढ़ करना एवं
- एक युवा सशक्त एवं संसूचित उपभोक्ता को एक शीर्ष उपभोक्ता अधिकार जागरूकता रिकॉल ब्रांड के रूप में सुदृढ़ करना।
- महत्व: विभाग के विभिन्न विषयों के बारे में उपभोक्ता जागरूकता उत्पन्न करने हेतु “जागृति” शुभंकर का उपयोग किया जाएगा जैसे-
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के प्रावधान,
- हॉलमार्किंग,
- राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1915,
- बाट एवं माप अधिनियम के प्रावधान,
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण के निर्णय तथा
- शिकायत निवारण पर उपभोक्ताओं द्वारा प्रशंसापत्र।
- जागृति शुभंकर को इसके सभी मीडिया अभियानों में टैगलाइन “जागो ग्राहक जागो” के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
- दोनों, युवा जागरूक उपभोक्ताओं के पर्याय हैं तथा उपभोक्ता अधिकारों के ज्ञान एवं आंदोलन पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
जागृति शुभंकर
केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए)
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के बारे में: उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 10(1) के तहत केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी/सीसीपीए) का गठन किया गया है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 20 जुलाई, 2020 से प्रवर्तन में आया है। जैसा कि अधिनियम की धारा 10 में प्रावधान किया गया है, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) की स्थापना 1.4.2015 से की गई है।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के बारे में: अधिनियम ने उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986 को प्रतिस्थापित कर दिया एवं उपभोक्ता की चिंताओं को दूर करने में इसके दायरे को व्यापक बनाने का प्रयास किया।
- नया अधिनियम ऐसे अपराधों की पहचान करता है जैसे किसी वस्तु या सेवा की गुणवत्ता या मात्रा के बारे में गलत सूचना देना एवं भ्रामक विज्ञापन देना।
- यह, यह भी निर्दिष्ट करता है कि यदि वस्तु एवं सेवाएं “खतरनाक, हानिकारक अथवा असुरक्षित” पाई जाती हैं, तो उन पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
- अधिदेश: CCPA का उद्देश्य अनुचित व्यापार पद्धतियों एवं झूठे तथा भ्रामक विज्ञापनों पर नकेल कस कर उपभोक्ता के अधिकारों की रक्षा करना है जो जनता एवं उपभोक्ताओं के हितों के लिए हानिकारक हैं।
- केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) का उद्देश्य एक वर्ग के रूप में उपभोक्ताओं के अधिकारों को प्रोत्साहन देना, उनकी रक्षा करना तथा उन्हें लागू करना है।
- शक्तियां: सीसीपीए के पास उपभोक्ता अधिकारों या अनुचित व्यापार पद्धतियों के उल्लंघन से संबंधित मामलों के लिए स्वतः निर्देशित अथवा प्राप्त शिकायत पर, या केंद्र सरकार के निर्देश पर जांच अथवा अन्वेषण करने की शक्तियां होंगी ।
- प्रमुख कार्य: केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) को निम्नलिखित हेतु अधिकार प्रदान किया जाएगा-
- उपभोक्ता अधिकारों के उल्लंघन की जांच करना एवं शिकायत/अभियोजन स्थापित करना,
- असुरक्षित वस्तुओं एवं सेवाओं को वापस बुलाने का आदेश,
- अनुचित व्यापार पद्धतियों एवं भ्रामक विज्ञापनों को बंद करने का आदेश,
- भ्रामक विज्ञापनों के निर्माताओं/प्रदर्शकों/प्रकाशकों पर दंड लगाना।