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एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति: प्रासंगिकता
- जीएस 3: विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां; प्रौद्योगिकी का स्वदेशीकरण तथा नवीन तकनीक का विकास।
3डी प्रिंटिंग: संदर्भ
- हाल ही में, इलेक्ट्रॉनिक्स तथा आईटी मंत्रालय (MeitY) ने अगली पीढ़ी के डिजिटल निर्माण की आवश्यकताओं को पूरा करने एवं स्थानीय उद्योगों की सन्निहित अक्षमताओं का सम्मान करने हेतु “एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति” जारी की है।
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एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग पर राष्ट्रीय रणनीति: प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय रणनीति ‘मेक इन इंडिया‘ एवं ‘आत्मनिर्भर भारत अभियान‘ के सिद्धांतों को अभिग्रहित करेगी जो उत्पादन प्रतिमान के तकनीकी परिवर्तन के माध्यम से आत्मनिर्भरता का पक्ष पोषण करते हैं।
- सभी हितधारकों की भागीदारी के साथ एक समर्पित राष्ट्रीय केंद्र के माध्यम से लक्ष्य को प्राप्त किया जाएगा।
- यह केंद्र प्रौद्योगिकी के अंगीकरण एवं उन्नति में तेजी लाने के लिए ज्ञान एवं संसाधनों के एक समूह के रूप में कार्य करेगा।
- भारतीय निर्माताओं को वैश्विक समकक्षों पर बढ़त प्रदान करने के लिए स्वदेशी योज्य विनिर्माण (एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग/एएम) तकनीक का समावेश करने हेतु क्षेत्र विशिष्ट केंद्र भी निर्मित किए जाएंगे।
- विनिर्माण क्षेत्र, 1 ट्रिलियन डॉलर की डिजिटल अर्थव्यवस्था के विजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
3डी विनिर्माण नीति: उद्देश्य
- नीति का लक्ष्य 2025 तक वैश्विक योज्य निर्माण में भारत की हिस्सेदारी को 5 प्रतिशत तक बढ़ाना है।
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के लिए राष्ट्रीय रणनीति के अनुसार, 2025 तक, भारत कतिपय लक्ष्यों जैसे कि 50 भारत विशिष्ट प्रौद्योगिकियां, एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के लिए 100 नए स्टार्टअप, 500 नए उत्पाद तथा 10 वर्तमान एवं नए विनिर्माण क्षेत्र को प्राप्त करने का लक्ष्य रखेगा।
- यह नीति अपेक्षा करती है कि ये नए स्टार्टअप और अवसर आगामी तीन वर्षों में कम से कम 1 लाख नए कुशल श्रमिकों को रोजगार प्रदान करेंगे।
- MeitY को अपेक्षा है कि नीति उस समय तक सकल घरेलू उत्पाद में 1 बिलियन डॉलर जोड़ सकती है।
- यह देश में बौद्धिक संपदा एवं निर्यात के अवसर सृजित करेगा।
3डी प्रिंटिंग के लाभ
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग के अंतर्गतर सभी उप-क्षेत्रों, जैसे मशीन, सामग्री, सॉफ्टवेयर एवं डिजाइन को प्रोत्साहित करने हेतु रणनीति दस्तावेज तैयार किया गया है।
- रणनीति अप्रयुक्त संभावित व्यावसायिक अवसरों को अपनाने में और तेजी लाएगी।
- यह राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति, 2019 में निर्धारित की गई संस्तुतियों के निष्पादन को भी सुदृढ़ करेगा।
एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग क्या है?
- 3डी प्रिंटिंग या एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग एक नई पीढ़ी की तकनीक है जो प्लास्टिक, राल (रेज़िन), थर्मोप्लास्टिक, धातु, फाइबर या मृत्तिका (सिरेमिक) जैसी सामग्रियों की क्रमबद्ध परतों का क्रम स्थापन कर वस्तुओं के प्रोटोटाइप या कार्यात्मक प्रतिरूप (वर्किंग मॉडल) निर्मित करने हेतु कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन का उपयोग करती है।
- सॉफ्टवेयर की सहायता से प्रिंट किए जाने वाले मॉडल को पहले कंप्यूटर द्वारा विकसित किया जाता है, जो फिर 3डी प्रिंटर को निर्देश देता है।
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग डिजिटल मैन्युफैक्चरिंग की अगली पीढ़ी है जो कंप्यूटिंग इलेक्ट्रॉनिक्स, इमेजिंग एवं कृत्रिम प्रज्ञान (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) तथा प्रतिरूप प्रत्यभिज्ञान (पैटर्न रिकग्निशन) के उभरते क्षेत्रों के प्रतिच्छेदन की अनुमति प्रदान करती है।
भारत में एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग
- एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग (एएम) में डिजिटल प्रक्रियाओं, संचार, इमेजिंग, वास्तुकला एवं अभियांत्रिकी (आर्किटेक्चर एंड इंजीनियरिंग) के माध्यम से भारत के विनिर्माण तथा औद्योगिक उत्पादन परिदृश्य में क्रांतिकारी परिवर्तन की अपार संभावनाएं हैं।
- 3डी मैन्युफैक्चरिंग नीति के जारी होने के साथ, भारत के वर्तमान शोध के ज्ञान आधार (रिसर्च नॉलेज बेस) को रूपांतरित करने हेतु पीपीपी मोड में नवोन्मेष एवं शोध एवं विकास (रिसर्च एंड डेवलपमेंट/आरएंडडी) पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित किया जाएगा।



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