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गोबर धन योजना: प्रधानमंत्री ने एशिया के सबसे बड़े बायोगैस संयंत्र का उद्घाटन किया

गोबर-धन योजना: प्रासंगिकता

  • जीएस 3: विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिए सरकारी नीतियां एवं अंतः क्षेप तथा उनकी अभिकल्पना एवं कार्यान्वयन से उत्पन्न मुद्दे।

 

गोबर-धन योजना: संदर्भ

  • हाल ही में, प्रधानमंत्री ने संसाधन पुनः प्राप्ति को अधिकतम करने हेतु “अपशिष्ट से धन”  एवं ” वृत्तीय अर्थव्यवस्था” के व्यापक सिद्धांतों के तहत इंदौर में गोबर-धन (बायो-सीएनजी) संयंत्र का विमोचन किया है।

 

एशिया का सबसे बड़ा बायोगैस संयंत्र: प्रमुख बिंदु

  • यह संयंत्र स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0 के तहतकचरा मुक्त शहरबनाने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
  • पीएम ने इससे पूर्व “कचरा मुक्त शहर” बनाने के समग्र दृष्टिकोण के साथ स्वच्छ भारत मिशन शहरी 2.0  का विमोचन किया था।

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इंदौर में बायो सीएनजी संयंत्र के बारे में

  • गोबर-धन संयंत्र में प्रतिदिन 550 टन पृथक्कृत गीले जैविक कचरे को उपचारित करने की क्षमता है। संयंत्र से प्रतिदिन लगभग 17,000 किलोग्राम सीएनजी एवं 100 टन जैविक खाद का उत्पादन होने की संभावना है।
  • शून्य-लैंडफिल मॉडल के आधार पर, संयंत्र संसाधन पुनर्प्राप्ति को अधिकतम करके अपशिष्ट उत्पन्न नहीं करेगा।
  • इससे हरितगृह गैस उत्सर्जन में कमी, उर्वरक के रूप में जैविक खाद के साथ हरित ऊर्जा प्रदान करने जैसे अनेक पर्यावरणीय लाभ प्राप्त होने की भी संभावना है।
  • यह परियोजना इंदौर क्लीन एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड, इंदौर नगर निगम (आईएमसी) एवं इंडो एनवायरो इंटीग्रेटेड सॉल्यूशंस लिमिटेड (आईईआईएसएल) द्वारा स्थापित एक विशेष प्रयोजन वाहन द्वारा कार्यान्वित की गई है।
  • आईएमसी गोबर-धन संयंत्र द्वारा उत्पादित सीएनजी का न्यूनतम 50% क्रय करेगी। अपनी तरह की पहली पहल के तहत नगर निगम सीएनजी से 400  नगर सेवा की बसें संचालित करेगा।
  • सरकार पशुपालन क्षेत्र के किसानों को लाभान्वित करने के लिए 75 अन्य जिलों  एवं गांवों में 75 और बायो-सीएनजी संयंत्र प्रारंभ करने की दिशा में कार्य कर रही है।

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गोबर-धन योजना क्या है?

  • पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने 2018 में गोबर (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज) – धन योजना प्रारंभ की है।
  • यह योजना स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के एक भाग के रूप में क्रियान्वित की जा रही है।
  • इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण स्वच्छता को सकारात्मक रूप से प्रभावित करना एवं मवेशियों तथा जैविक  अपशिष्ट से धन एवं ऊर्जा उत्पन्न करना है।
  • इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण आजीविका के नवीन अवसर सृजित करना एवं किसानों  तथा अन्य ग्रामीण  व्यक्तियों के लिए आय में वृद्धि करना है।

 

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