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हंगा टोंगा विस्फोट: प्रासंगिकता
जीएस 1: महत्वपूर्ण भू भौतिकीय घटनाएं जैसे भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखी गतिविधि, चक्रवात इत्यादि।

हंगा ज्वालामुखी विस्फोट: प्रसंग
- हाल ही में, हुंगा टोंगा-हंगा हाआपाई में विशाल ज्वालामुखी उदगारों ने प्लम उत्पन्न किया जो समताप मंडल तक पहुंच गए तथा महत्वपूर्ण क्षेत्रीय प्रभाव पैदा किए।
हंगा टोंगा-हंगा हाआपाई: क्या हुआ है?
- 14 और 15 जनवरी को, दक्षिण प्रशांत में एक अन्तर्जलीय ज्वालामुखी, हुंगा टोंगा-हंगा हाआपाई में विस्फोट हुआ एवं मलबे को 25 मील तक आसमान में उछाल दिया।
- इसने 4-तीव्रता का भूकंप उत्पन्न किया, जिससे ज्वारीय तरंगों को सक्रिय किया, जो द्वीप में टकरा गईं तथा इसे राख में ढँक दिया एवं इसे बाहरी सहायता से काट दिया।
- विस्फोटक उदगार तीन दशकों में विश्व में कहीं भी दर्ज की गई सर्वाधिक वृहद ज्वालामुखी घटना थी।
- इस उद्गार से 260 किमी विस्तृत राख का बादल उत्पन्न हुआ जो आकाश में लगभग 39 किमी ऊपर तक उठ गया।
- बादल के भीतर विद्युत के तूफान थे जिसने तीन घंटे में 400,000 तक विद्युत आघात (बिजली के झटके) उत्पन्न किए।
- ज्वालामुखी उद्गार ने एक सुनामी को भी सक्रिय किया जिससे प्रशांत द्वीप समूह, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, साथ ही उत्तरी एवं दक्षिणी अमेरिका के पश्चिमी तट पर लहरें उठीं।
- यह पहला उदाहरण था जब ज्वालामुखी उदगार के कारण भूकंप के स्थान पर प्रशांत महासागर में सुनामी को उत्पन्न किया।
- उदगार के पश्चात एक व्यापक प्रघाती तरंगें (शॉकवेव) उपग्रह प्रतिबिंबावली में अंतरिक्ष से देखी गई थी।
- लहर को – 9000 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित अलास्का सहित, संपूर्ण विश्व में भूकंपमापी में दर्ज किया गया था।
सैकड़ों हिरोशिमाओं के बराबर विस्फोट
- नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी के अनुसार, इस उदगार ने टीएनटी समतुल्य के 5 से 30 मेगाटन (5 मिलियन से 30 मिलियन टन) के मध्य उत्सर्जित किया।
- इसकी तुलना में, 1945 में जापान के हिरोशिमा पर छोड़े गए अमेरिकी परमाणु बम अनुमानित तौर पर लगभग 15 किलोटन (15,000 टन) टीएनटी का था।
- टीएनटी समतुल्य, ऊर्जा को व्यक्त करने हेतु एक परिपाटी है, जिसे आमतौर पर एक विस्फोट में मुक्त ऊर्जा का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है।
हंगा टोंगा-हंगा हापई ज्वालामुखी: वैज्ञानिकों ने क्या कहा?
- नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि टोंगा में एक जलमग्न ज्वालामुखी के उद्गार से उन्हें यह समझने में सहायता मिल रही है कि मंगल और शुक्र की सतहों पर स्थलाकृतियां किस प्रकार निर्मित हुई हैं।
- यह शोधकर्ताओं को यह अध्ययन करने का दुर्लभ अवसर प्रदान कर रहा है कि जल एवं लावा कैसे परस्पर क्रिया करते हैं।
- हंगा टोंगा-हंगा हाआपई ज्वालामुखी एवं हाल के सप्ताहों में इसके उद्भेदन का अध्ययन ग्रहीय विज्ञान के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ज्ञान लाल ग्रह पर तथा सौर मंडल में कहीं अन्यत्र जल-लावा अंतः क्रिया के परिणामों को प्रकाशित करने में सहायता कर सकता है।
- ज्वालामुखी द्वीप, जो 2015 के प्रारंभ में अधोसमुद्री ज्वालामुखी से निकाले गए राख एवंर लावा से निर्मित होना प्रारंभ हुआ था, ने मंगल तथा संभवतः शुक्र पर संरचनाओं की समानता के कारण शोधकर्ताओं को आकर्षित किया।


हंगा टोंगा-हंगा हाआपई के बारे में
- हंगा टोंगा-हंगा हाआपई एक ज्वालामुखी द्वीप है जो अधोसमुद्री उदगारों के द्वारा निर्मित किया गया था।
- दो पूर्व-मौजूदा द्वीप (हंगा हापाई तथा हुंगा टोंगा) 2015 के उदगार से एक ही भूभाग में जुड़ गए थे।
- जब से 2015 में नवीन भूमि जल की सतह से ऊपर उठी तथा दो मौजूदा द्वीपों में जुड़ गई, तब से संपूर्ण विश्व के शोधकर्ताओं द्वारा इस स्थलखण्ड का अनुश्रवण किया गया।
- शोधकर्ताओं के एक दल ने पृथ्वी के तीव्र गति से परिवर्तित होते टुकड़े के विकास को ट्रैक करने के लिए उपग्रह अवलोकनों एवं सतह आधारित भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के संयोजन का उपयोग किया।


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