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भारत का रक्षा निर्यात: प्रासंगिकता
- जीएस 3: भारतीय अर्थव्यवस्था एवं आयोजना, संसाधनों का अभिनियोजन, वृद्धि, विकास एवं रोजगार से संबंधित मुद्दे।
भारत का रक्षा निर्यात 2021-2022: प्रसंग
- भारत का रक्षा निर्यात 2021-2022 के वित्तीय वर्ष में रिकॉर्ड 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जिसमें एयरोस्पेस निर्माण में निजी क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
रक्षा निर्यात 2021-2022: प्रमुख बिंदु
- अब तक का सर्वाधिक निर्यात पांच वर्ष पूर्व की तुलना में “आठ गुना” है।
- अमेरिका एक प्रमुख क्रेता था, साथ ही दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया एवं अफ्रीका के देश भी थे।
- सरकारी स्वामित्व वाले रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स/पीएसयू) एवं निजी फर्मों के मध्य निर्यात का अनुपात पूर्व के 10:90 से 30:70 रहा है।
- पीएसयू के रक्षा निर्यात में 10 प्रतिशत से 30 प्रतिशत की वृद्धि, लगभग 2,500 करोड़ रुपये का सौदा है जो भारत ने ब्रह्मोस मिसाइलों के लिए फिलीपींस के साथ किया था।
- देश का अधिकांश रक्षा निर्यात एयरोस्पेस क्षेत्र में है, जहां भारतीय कंपनियां विदेशी कंपनियों के लिए वायुयानों के ढांचे सहित अनेक भागों का निर्माण कर रही हैं।
भारत से रक्षा निर्यात
- स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (एसआईपीआरआई) के अंतरराष्ट्रीय हथियारों के हस्तांतरण के रुझान के आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 तक भारत के रक्षा निर्यात का लगभग 50 प्रतिशत म्यांमार, उसके बाद श्रीलंका में 25 प्रतिशत एवं आर्मेनिया के साथ 11 प्रतिशत था।
- 2020 में, केंद्र सरकार ने आगामी पांच वर्षों में एयरोस्पेस एवं रक्षा वस्तुओं तथा सेवाओं में 35,000 करोड़ रुपये (5 बिलियन डॉलर) के निर्यात का लक्ष्य रखा था।
- यह 2025 तक रक्षा निर्माण में 75 लाख करोड़ रुपये (25 अरब डॉलर) के कारोबार का हिस्सा था जिसे प्राप्त करने का लक्ष्य सरकार ने रखा है।
भारत से रक्षा निर्यात बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम
- विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण एवं प्रौद्योगिकियां (स्पेशल केमिकल्स, ऑर्गेनिज्म्स, मैटेरियल्स, इक्विपमेंट एंड टेक्नोलॉजी/एसिडस्कोमेट) श्रेणी 6 शीर्षक “युद्ध सामग्रियों की सूची” जो अब तक “आरक्षित” थी, को आबाद किया गया है एवं सैन्य भंडार सूची को निरस्त कर दिया गया है।
- युद्ध सामग्री सूची मदों के निर्यात के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर/एसओपी) को सरल बनाया गया है एवं इसे रक्षा उत्पादन विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस प्रोडक्शन/डीडीपी) की वेबसाइट पर डाला गया है।
- निर्यात प्राधिकरण अनुमति प्राप्त करने एवं संसाधित करने हेतु पूर्ण रूप से अंतिम उपयोगकर्ता हेतु (एंड-टू-एंड) ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया गया है।
- सरकार ने ओपन जनरल एक्सपोर्ट लाइसेंस (ओजीईएल) को अधिसूचित किया है – एक बार का निर्यात लाइसेंस, जो उद्योग को ओजीईएल की वैधता के दौरान निर्यात प्राधिकरण की मांग किए बिना निर्दिष्ट गंतव्यों को निर्दिष्ट वस्तुओं को निर्यात करने की अनुमति देता है।
- संभावित निर्यातकों को सरकार द्वारा अपने उत्पाद को प्रमाणित करने का विकल्प प्रदान करने एवं रक्षा मंत्रालय के परीक्षण आधारिक संरचना तक पहुंच प्रदान करने का अवसर प्रदान करने हेतु रक्षा निर्यात को प्रोत्साहन देने की योजना अधिसूचित की गई है।
- विभिन्न देशों से प्राप्त पूछताछ, निजी क्षेत्र एवं सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के साथ लीड साझा करने एवं निर्यात की सुविधा सहित निर्यात संबंधी कार्रवाई के समन्वय तथा अनुवर्ती कार्रवाई हेतु डीडीपी में एक अलग प्रकोष्ठ का गठन किया गया है।
- कार्यात्मक स्वायत्तता, दक्षता बढ़ाने एवं आयुध कारखानों में नवीन विकास क्षमता तथा नवाचार लाने के लिए, सरकार ने 41 आयुध कारखानों को सात रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों (डिफेंस पब्लिक सेक्टर यूनिट्स/DPSUs) , 100% सरकारी स्वामित्व वाली कॉर्पोरेट संस्थाओं में रूपांतरित कर दिया है।




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