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मिशन वात्सल्य योजना

मिशन वात्सल्य योजना- यूपीएससी परीक्षा के लिए प्रासंगिकता

मिशन वात्सल्य योजना: मिशन वात्सल्य बच्चों के कल्याण एवं पुनर्वास को सुनिश्चित करने हेतु केंद्र सरकार की एक योजना है। मिशन वात्सल्य योजना यूपीएससी मुख्य परीक्षा के सामान्य अध्ययन के पेपर 2 (शासन, प्रशासन एवं चुनौतियां- केंद्र तथा राज्यों द्वारा आबादी के कमजोर वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं एवं इन योजनाओं के प्रदर्शन) के लिए महत्वपूर्ण है।

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समाचारों में मिशन वात्सल्य योजना 

  • हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने मिशन वात्सल्य योजना के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
  • राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों को दिशा-निर्देशों के वित्तीय मानदंडों के आधार पर मिशन वात्सल्य योजना के तहत वर्ष 2022-23 के लिए अपना वित्तीय प्रस्ताव एवं योजना निर्मित करने हेतु कहा गया है।
  • मिशन वात्सल्य योजना के मानदंड 01 अप्रैल, 2022 से लागू होंगे।

 

मिशन वात्सल्य योजना                                                           

  • मिशन वात्सल्ययोजना के बारे में: “मिशन वात्सल्य” पूर्ववर्ती बाल संरक्षण सेवा (चाइल्ड प्रोटक्शन सर्विसेज/सीपीएस) योजना बच्चों के कल्याणएवं पुनर्वास के लिए 2009-10 से संचालित एक केंद्र प्रायोजित योजना है।
  • अधिदेश: मिशन वात्सल्य अंतिम उपाय के रूप में बच्चों के संस्थागतकरण के सिद्धांत के आधार पर कठिन परिस्थितियों में बच्चों की परिवार-आधारित गैर-संस्थागत देखभाल को प्रोत्साहित करता है।
  • उद्देश्य: मिशन वात्सल्य के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
    • भारत में प्रत्येक बच्चे के लिए एक स्वस्थ एवं खुशहाल बचपन सुरक्षित करना,
    • उन्हें अपनी संपूर्ण क्षमता का पता लगाने के लिए सक्षम बनाने के अवसर सुनिश्चित करना तथा सभी प्रकार से निरंतर तरीके से फलने-फूलने में उनकी सहायता करना, बच्चों के विकास के लिए एक संवेदनशील, सहायक एवं समकालिक पारिस्थितिकी तंत्र को प्रोत्साहित करना,
    • किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अधिदेश को पूरा करने एवं सतत विकास लक्ष्यों (सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स/एसडीजी) लक्ष्यों को प्राप्त करने में राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों की सहायता करना।

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मिशन वात्सल्य के प्रमुख विवरण

  • मिशन वात्सल्य का क्रियान्वयन: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय केंद्र प्रायोजित योजना “मिशन वात्सल्य” को लागू कर रहा है।
    • समस्त राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने योजना के क्रियान्वयन हेतु मंत्रालय के साथ समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग/एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
    • मिशन वात्सल्य को केंद्र एवं राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों के मध्य निर्धारित लागत साझा अनुपात के अनुसार केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
  • मिशन वात्सल्य के घटक: मिशन वात्सल्य के तहत घटकों में सम्मिलित हैं-
    • सांविधिक निकायों के कार्यकरण में सुधार;
    • सेवा वितरण संरचनाओं को सुदृढ़ बनाना;
    • संस्थागत देखभाल/सेवाओं का उन्नयन करना;
    • गैर-संस्थागत समुदाय-आधारित देखभाल को प्रोत्साहित करना;
    • आपातकालीन आउटरीच सेवाएं;
    • प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण।
  • वित्तीयन तंत्र: मिशन वात्सल्य योजना को 60:40 के अनुपात में निधि साझाकरण प्रतिरूप (फंड-शेयरिंग पैटर्न) के साथ राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
    • यद्यपि, पूर्वोत्तर के आठ राज्यों के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड एवं केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए केंद्र तथा राज्य/केंद्र शासित प्रदेश का अंश 90:10 होगा।
    • केंद्र शासित प्रदेशों में बिना विधायिका के संपूर्ण लागत को कवर करेगा।
  • निधियों का हस्तांतरण: राज्यों को निधि (फंड) मिशन वात्सल्य प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड (PAB) के माध्यम से स्वीकृत की जाएगी।
    • मिशन वात्सल्य पीएबी की अध्यक्षता महिला एवं बाल विकास मंत्रालय वूमेन एंड चाइल्ड डेवलपमेंट मिनिस्ट्री/डब्ल्यूसीडी) सचिव करेंगे, जो अनुदान जारी करने के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों से प्राप्त वार्षिक योजनाओं तथा वित्तीय प्रस्तावों की जांच एवं अनुमोदन करेंगे।

 

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